सुमावली विधानसभा के उप चुनाव में दोनों बड़े पार्टियों के उम्मीदवार वही हैं,जो आम चुनाव में थे। बदला है तो दोनों का चुनाव चिंह।
वोटर दोनों की फितरत जानता है।
पूरे चंबल इलाके की मिट्टी में जाति की सुगंध महसूस की जा सकती है।
जाति देख उम्मीदवार की वोट देते हैं। मुद्दों से ज्यादा महत्वपूर्ण है जात का विधायक होना है।
इस बार जातियों का धुर्वीकरण धारा बदलने की कोशिश कर रहा है।
सुमावली विधानसभा :चंबल के बहाव के साथ बहती है जाति की संस्कृति

चंबल नदी का उद्गम स्थल महू का जानापाव है।
जानापाव वह जगह है,जहां श्री परशुराम का जन्म हुआ था।
यहां से कुल सात नदियां निकलतीं हैं।
चंबल भी इनमें एक है। इसकी सहायक नदिया क्षिप्रा, सिंध, काली सिन्ध, ओर कुनू नदी है।
चंबल नदी राजस्थान के कोटा तथा धौलपुर, मध्य प्रदेश के धार, उज्जैन, रतलाम, मन्दसौर, भिंड, मुरैना आदि जिलो से होकर बहती है।
यह नदी दक्षिण मुड़ कर उत्तर प्रदेश राज्य में यमुना में शामिल होने के पहले राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच सीमा बनाती है।
नदी के मार्ग पड़ने वाले गांव-शहर की संस्कृति भी बहाव के साथ बदलती जाती है।
मध्यप्रदेश के भिंड-मुरैना जिले में इस नदी के नाम पर ही यहां की संस्कृति जानी जाती है।
सुमावली विधानसभा: बंदूक की गोली और जाति की बोली का बोलबाला

नदी के पानी से ज्यादा लोगों की रगों में बहने वाला खून भी उबाल खाता है।
खून पर जाति का ही नाम लिखा होता है।
सुमावली विधानसभा क्षेत्र भी बंदूक की गोली और जाति की बोली बोलता है।
शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल में पीएचई मंत्री एदल सिंह कंसाना का मुकाबला अपने परंपरागत विरोधी अजब सिंह कुशवाह से हो रहा है।
कुशवाह,पिछड़ी जाति वाले हैं। लेकिन सिकरवारी इनका साथ देती दिखाई दे रही है।
एदल सिंह गुर्जर हैं।
इलाके में पहचान बाहुबली नेता के तौर पर है। बसपा,कांगे्रस के बाद अब भाजपा से चुनाव लड़ रहे हैं।
चंबल की संपदा उसी की,जिसे मिलता है जाति का साथ

सुमावली विधानसभा से निर्वाचित ऐंदल सिंह कंसाना को कमलनाथ ने अपनी सरकार में मंत्री नहीं बनाया था। लेकिन,दबदबे में कोई कमी नहीं थी।
चंबल की रेत निकालने का अघोषित ठेका इनके समर्थकों के पास ही था।
चंबल की रेत राजनीतिक लड़ाई का नया मुद्दा है। नेता के दमदार होने की पहचान भी अवैध रेत निकाले जाने से ही की जाती है।
सुमावली उप चुनाव में ऐंदल सिंह की घेराबंदी की हर संभव कोशिश कमलनाथ कर रहे हैं।
राजस्थान की एक अदालत ने कंसाना के बेटे के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।
मामला टोला प्लाजा पर गोली चलाने का है।
बेटे राहुल सिंह समेत 15 लोगों को खिलाफ हत्या की कोशिश का मुकदमा दर्ज किया गया है।
राहुल सिंह कंसाना पर आगरा-मुंबई हाईवे पर स्थित छौंदा टोल प्लाजा पर हमला और तोड़फोड़ करने का आरोप है।
पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं आरोपी विधायक के बेटे राहुल
मुरैना एसपी रियाज इकबाल कहते हैं कि विधायक के बेटे राहुल कंसाना समेत 15-20 अन्य लोगों के खिलाफ धारा 307 में केस दर्ज किया गया है।
पुलिस के मुताबिक बदमाशों ने टोल प्लाजा के ऑफिस पर पांच मिनट में करीब 30 गोलियां चलाईं।
बदमाशों के जवाब में टोल बूथ पर तैनात सुरक्षा गार्डों ने भी गोलियां चलाई।
इसमें एक युवक जख्मी हो गया। पुलिस ने बताया कि अभी किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।
सभी फरार हैं। वारदात सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई।
सुमावली उप चुनाव में हारे तो अजब सिंह के लिए होगा आखिरी चुनाव?
ऐंदल सिंह का मुकाबला कर रहे अजब सिंह अब तक कोई चुनाव नहीं जीत पाए हैं।
इस बारे कमलनाथ ने जिले की राजनीति में नए समीकरण बैठाने की कोशिश की है।
इसमें जातियों के संतुलन पर ज्यादा जोर दिखाई दिया।
सतीश सिकरवार को ग्वालियर पूर्व से टिकट देकर इलाके सभी सिकरवारों को कांगे्रस ने अपने पक्ष में करने की कोशिश की है।
ब्राहणों में ताकतवर माने जाने वोल बलवीर दंडोतिया के भांजे पकंज उपाध्याय को जौरा से टिकट देकर ब्राहणों को साधने की कोशिश की है।
बसपा ने वोटों का विभाजन नहीं किया तो कांगे्रस का पलड़ा भारी हो सकता है।
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