डेढ़ साल पुरानी राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। रविवार की रात गहलोत सरकार कत्ल की रात साबित होने वाली है। राज्य के उप मुख्यमंत्री एवं राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट कांग्रेस ने बगावत कर दी है। उन्होंने 30 विधायकों के समर्थन का दावा भी किया है। ये सभी विधायक यदि पायलट के साथ जाते हैं तो मध्य प्रदेश की तरह राजस्थान की सरकार भी कांग्रेस के हाथ से निकल जाएगी ?
गहलोत के गलत कदम से संकट में अपनी सरकार

राजस्थान की अपनी सरकार को संकट में डालने का श्रेय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को जाता है अशोक गहलोत ना विधायकों की खरीद-फरोख्त कथित मामले की जांच एटीएस और भ्रष्टाचार निरोधी ब्यूरो को सौंपी है ।जांच एजेंसी ने सचिन पायलट को भी बयान के लिए तलब किया पायलट ने इस नोटिस पर कहा कि यह सरासर बेइज्जती है, ऐसी बेज्जती बर्दाश्त नहीं कर सकते। नोटिस मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी दिया गया है। माना यह जा रहा है कि गहलोत को दिए जाने वाला नोटिस दिखावा मात्र है।
विधायक दल की बैठक में नहीं जाएंगे पायलट

जयपुर में सोमवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई है। मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने ऐलान किया है कि वो इस बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे । दूसरी ओर कांग्रेस ने दावा किया है कि पार्टी के 90 विधायक अभी भी एकजुट हैं। राजस्थान में विधानसभा की कुल 200 सीटें हैं। अशोक गहलोत सरकार मामूली बहुमत से चल रही है ।उनके साथ 101 विधायक हैं अन्य निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी उन्हें मिला हुआ है।
