रैकेट से जुड़ी लड़कियों की जानकारी जुटा रही पुलिस, किन लोगों के पास भेजा और कितनी की वसूली की भी पड़ताल
मध्यप्रदेश के राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारे में हलचल मचाने वाले हनी ट्रैप केस में आरोपी महिलाओं पर आपराधिक धाराएं बढ़ने वाली हैं। महिलाओं ने अपने मकसद को पूरा करने के लिए गांव की लड़कियों का भी उपयोग किया। उन्हें भोपाल और इंदौर लाकर गिरोह को बड़ा किया गया। साथ ही शिकार को फांसने के लिए लड़कियों को उनके पास भेजा गया। गिरोह की सरगना आरती ने कॉलेज में पढ़ने वाली मोनिका यादव को भी नौकरी का लालच देकर इस दलदल में फंसाया था। उसे इंदौर में नगर निगम के इंजीनियर हरभजन सिंह से मिलवाया था। मोनिका से संबंध के वीडियो वायरल करने की धमकी देकर ही आरती ने हरभजन पर तीन करोड़ की अड़ी डाली थी। इंदौर की एसएसपी रूचिवर्द्धन मिश्रा ने मीडिया से चर्चा करते हुए बताया कि आरोपी महिला पर मानव तस्करी का मामला दर्ज किया जा रहा है।

मानव तस्करी और वेश्यावृत्ति में ढकेलने का मामला भी चलेगा
जांच की दिशा उन लड़कियों की तरफ भी है, जिन्हें इस गिरोह ने अपनी करतूतों में शामिल किया। बताया जाता है कि नौकरी के लिए प्रयासरत उन लड़कियों को ये गिरोह लालच देकर फंसाता था, जो खूबसूरत होती थीं और कम समय में अधिक पैसा कमाना चाहती थीं। ऐसी करीब दो दर्जन लड़कियों के इन महिलाओं से जुड़ने का अनुमान है। माना जा रहा है कि इन तक पहुंचने से गिरोह के बारे में अधिक जानकारी हाथ लग सकेगी। साथ ही कुछ और शिकार के नाम सामने आ सकते हैं। पुलिस अब आरोपी महिलाओं के खिलाफ मानव तस्करी और लड़कियों को वेश्यावृत्ति में ढकेलने की आपराधिक धाराएं बढ़ाने वाली है।
