मालवा एवं निमाड की लगभग आधा दर्जन विधानसभा सीटें ऐसी हैं जिन पर टिकट के लिए इंदौर में रहने वाले नेताओं की नजर रहती है। नेता भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों ही दलों के हैं। जिन सीटों पर इंदौरी नेताओं की नजर रहती हैं वे सोनकच्छ,अलोट,बडवाह,महेश्वर,भोजपुर हैं। कांग्रेस में सोनकच्छ से टिकट के दावेदार पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा हैं। वर्मा इस सीट से लगातार चुनाव लड़ते रहे हैं। उनका घर और स्थायी पता इंदौर का है।
सोनकच्छ अनुसूचित जाति वर्ग के लिए सुरक्षित सीट है। वर्मा देवास-शाजापुर की लोकसभा सीट से सांसद भी रह चुके हैं। सोनकच्छ से विधायक राजेन्द्र वर्मा भी इंदौर में ही रहते हैं। वे भारतीय जनता पार्टी के विधायक हैं। इंदौर में ही रहने वाले नगर निगम के पूर्व महापौर एवं मध्यप्रदेश हाउसिंग बोर्ड के अध्यक्ष कृष्ण मुरारी मोघे खरगोन जिले की बडवाह सीट से टिकट मांग रहे हैं। मोघे खरगोन से सांसद रह चुके हैं।
इंदौर में ही रहने वाले कांग्रेस नेता एवं पूर्ण सांसद प्रेमचंद्र गुड्डू आलोट से टिकट मांग रहे हैं। आलोट अनुसूचित जाति वर्ग के लिए सुरक्षित सीट है। गुड्डू पहले भी यहां से विधायक रह चुके हैं। महेश्वर के भाजपा विधायक रमेश मेव भी इंदौर में रहते हैँ। महेश्वर भी अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित सीट है।
मालवा-निमाड़ की इन आरक्षित सीटों पर बाहरी व्यक्तियों के उम्मीदवार बनाए जाने के पीछे पार्टियों की अपनी मजबूरी है। इन क्षेत्रों में स्थानीय नेतृत्व का अभाव बड़ी समस्या है। इंदौर में ही रहने वाले शिवराज सिंह चौहान के संस्कृति मंत्री सुरेन्द्र पटवा रायसेन जिले के भोजपुर से चुनाव लड़ते हैं।
