कर्नाटक के विधानसभा चुनाव में भाजपा विधायक दल के नेता बीएस येदियुरप्पा ने गुरुवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल ने 16 मई की शाम भाजपा को सरकार बनाने का न्योता दिया था, और येदियुरप्पा को 15 दिन में विधानसभा में बहुमत साबित करने को कहा था। कांग्रेस तथा जेडीएस ने येदियुरप्पा की शपथ को रोकने के लिए उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की थी। उच्चतम न्यायालय ने रातभर चली दुर्लभ सुनवाई के बाद येदियुरप्पा के कनार्टक के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एके सीकरी, न्यायमूर्ति एसके बोबडे और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की एक विशेष पीठ ने कहा, ‘न्यायालय बी एस येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण समारोह पर रोक लगाने के संबंध में कोई आदेश नहीं दे रहा है,अगर वह शपथ लेते हैं तो यह प्रक्रिया न्यायालय के समक्ष इस मामले के अंतिम फैसले का विषय होगा। ’
सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस-जेडीएस ने रखी ये दलीलें
# सुप्रीम कोर्ट में 16 मई की रात कांग्रेस-जेडीएस की ओर से वकील अभिषेक मनु सिंघवी पैरवी कर रहे थे। उन्होंने कहा “भाजपा के पास 104 विधायकों का समर्थन है और गवर्नर ने भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा को सरकार बनाने न्योता दिया। ये पूरी तरह असंवैधानिक है। ये कभी नहीं सुना गया कि वो पार्टी जिसके पास 104 सीटें हों उसे 112 सीटों का बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन दिए जाएं। पहले ऐसे किसी भी मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से 48 घंटे ही दिए जाते थे।”
#सिंघवी ने कोर्ट से कहा कि वह राज्यपाल का मौजूदा फैसला असंवैधानिक मानकर उसे रद्द करे या फिर कांग्रेस-जेडीएस को सरकार बनाने का न्योता देने का आदेश दे।
# उन्होंने गोवा मामले का हवाला देते हुए कहा, “गोवा में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी थी फिर भी हमें सरकार बनाने से रोक दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने भी भाजपा के सरकार बनाने को सही ठहराया था।”
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा- क्या वो राज्यपाल को रोक सकता है
# कोर्ट ने सिंघवी से पूछा कि क्या ये प्रथा नहीं रही है कि राज्यपाल सबसे बड़ी पार्टी को ही बहुमत साबित करने के लिए न्योता देता हो? क्या सुप्रीम कोर्ट गवर्नर को किसी पार्टी को सरकार बनाने का न्योता देने से रोक सकता है?
# इस पर सिंघवी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने ये पहले भी किया है।
# कोर्ट ने पूछा कि कर्नाटक में अभी किसका प्रभार है? सिंघवी ने जवाब में कहा कि केयरटेकर सरकार का।
#सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “हम इस पर विचार कर रहे हैं कि क्या सुप्रीम कोर्ट गवर्नर को रोक सकती है, जो राज्य में संवैधानिक निर्वात (वैक्यूम) का कारण होगा।”
कर्नाटक पर उच्चतम न्यायालय के आदेश के मुख्य बिंदु
#पीठ ने रेखांकित किया कि येदियुरप्पा द्वारा 15 और 16 मई को सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए राज्यपाल को दिए गए पत्रों का अवलोकन करना जरूरी है।
#पीठ ने केंद्र और येदियुरप्पा की ओर से पेश हुए अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल से अगली सुनवाई के समय ये पत्र पेश करने को कहा। अगली सुनवाई शुक्रवार सुबह साढ़े दस बजे होगी। सर्वोच्च अदालत ने यह स्पष्ट किया कि राज्य में शपथ ग्रहण और सरकार के गठन की प्रक्रिया उसके समक्ष लंबित मामले के अंतिम फैसले के दायरे में आएगी।
#पीठ ने कर्नाटक सरकार और येदियुरप्पा को नोटिस भी जारी किया। वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि वह भाजपा के तीन विधायकों … गोविंद एम करजोल , सीएम उदासी और बासवाराज बोम्मई की ओर से पेश हुए हैं।
कांग्रेस और जेडीएस ने किया प्रदर्शन
कांग्रेस नेताओं ने बीएस येदियुरप्पा के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के खिलाफ राज्य सचिवालय , विधान सौध के समक्ष गांधी की प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया। प्रदेश पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के अलावा गुलाम नबी आजाद, अशोक गहलोत, मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस के कर्नाटक के प्रभारी महासचिव के सी वेणुगोपाल समेत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने प्रतिमा के सामने बैठकर विरोध जताया।
