मप्र के एसटीएफ स्पेशल डीजी पुरुषोत्तम शर्मा आईपीएस एसोसिएशन को लिखेंगे पत्र
मध्यप्रदेश के बहुचर्चित हनी ट्रेप कांड से चर्चा में आए विशेष पुलिस महानिदेशक पुरुषोत्तम शर्मा अब अपने बचाव में अपने ही महकमे के वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ खुलकर सामने आ गए हैं। उन्होंने प्रदेश के डीजीपी वीके सिंह पर पुलिस की छवि खराब करने के आरोप लगाए हैं। साथ ही आईपीएस एसोसिएशन को पत्र लिखने की बात कही है। शर्मा ने गाजियाबाद में फ्लैट किराए पर लेने के मामले पर डीजीपी सिंह को घेरा है। उनका कहना है कि फ्लैट किराए पर लेने से पहले डीजीपी को सूचित किया गया था। वह इस मामले को लेकर सीएम और गृह मंत्री से बात कर चुके हैं। इससे पहले डीजीपी सिंह ने कहा था कि उन्हें किसी फ्लैट की जानकारी नहीं है। पुलिस के नाम पर फ्लैट किराए पर लेकर उसमें महिलाओं को ठहराया गया है, तो इसकी जांच होगी। हालांकि शर्मा के बयान के बाद डीजीपी की तरफ से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।

दरअसल, हनी ट्रैप मामले के तार गाजियाबाद में फ्लैट से जुड़ रहे हैं। इसे पुलिसकर्मियों के ठहरने के लिए किराए पर लिया गया था। कहा जा रहा है कि इसमें ब्लैकमेलिंग गैंग की महिलाएं ठहरती थीं और अपने मंसूबों को अंजाम देती थीं। इसे किराए पर लेने को लेकर शर्मा संदेह के घेरे में हैं। हालांकि शर्मा सफाई दे रहे हैं कि किसी केस में पुलिसकर्मी जब दिल्ली जाते हैं, तो उन्हें ठहरने में दिक्कत आती है, इसलिए फ्लैट किराए पर लिया गया। दूसरी तरफ सूत्रों का कहना है कि नए डीजीपी के लिए इस मामले को उछाला गया है। इस पद के लिए कई प्रबल दावेदार हैं।
आरती बोली- मुझसे कोरे कागज पर साइन कराए गए

इधर, मुख्य आरोपी आरती दयाल ने पुलिस पर आरोप लगाए हैं कि उससे कोरे कागज पर साइन करवाए गए हैं। वह निर्दोष है। आरती मेडिकल जांच के लिए इंदौर के एमवाय अस्पताल लाई गई थी। इस बीच मीडिया के सामने उसने कहा कि पलासिया के टीआई ने मुझसे जबरन साइन करवाएं हैं। बताया जाता है कि आरती ने कबूल कर लिया है कि उसकी गैंग ने कई हस्तियों को ब्लैकमेल किया है। हरभजन करोड़ों के ठेके और मोनिका को नौकरी का झांसा दे रहे थे। इसके बाद ही तीन करोड़ रुपए की मांग शुरू की गई थी। पुलिस ने हरभजन को कोर्ट में बयान और पूछताछ के लिए नोटिस जारी कर दिया।
