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मध्यप्रदेश सरकार से नाराज़गी ,मंदसौर बना है किसान आंदोलन का अखाड़ा

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किसान आंदोलन का बड़ा अखाड़ा
मध्यप्रदेश का मंदसौर किसान आंदोलन का बड़ा अखाड़ा बनता जा रहा है। 6 जून को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मंदसौर पहुंच रहे हैं। इससे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 30 मई को बड़ा कार्यक्रम करने जा रहे हैं। पिछले साल जून माह में ही मंदसौर में किसानों ने बड़ा आंदोलन किया था। पुलिस फायरिंग में छह किसान मारे गए थे। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पुलिस फायरिंग में मारे गए किसानों की पहली बरसी पर मंदसौर में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेंगें।

किसान चुनाव का मुख्य मुद्दा

राज्य में साल के अंत में विधानसभा के आम चुनाव होना है। धीरे-धीरे किसान चुनाव का मुख्य मुद्दा बनते जा रहे हैं। किसान आंदोलन के केन्द्र में मंदसौर है। मंदसौर में प्याज और लहसुन की इस बार भी बंपर पैदावार हुई है। किसानों को प्याज और लहसुन के दाम दो रूपए से ज्यादा नहीं मिल पा रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की है कि राज्य सरकार द्वारा प्याज उत्पादक किसानों को 400 रुपये प्रति क्विंटल के मान से कृषक प्रोत्साहन राशि सीधे उनके बैंक खातों में दी जायेगी।

मुख्यमंत्री की सबसे बड़ी चुनौती

मुख्यमंत्री ऋण समाधान योजना के तहत किसानों के ब्याज के 89 करोड़ रूपए भी सरकार ने माफ कर दिए हैं। ज्ञातत्व है कि मुख्यमंत्री चौहान अपनी किसान पुत्र की छवि के आधार पर ही राज्य में विधानसभा के लगातार दो चुनाव जीतने में सफल रहे हैं। इस बार उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती किसान पुत्र की छवि बचाने की भी है। सरकार के निर्देश पर पुलिस मंदसौर सहित पूरे प्रदेश में किसान नेताओं से शंतिपूर्ण आंदोलन का बॉन्ड भरवा रही है। पिछले साल तत्कालीन पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही के चलते ही किसान आंदोलन ने हिंसक रूप ले लिया था।

किसानो से भरवाए गए बॉन्ड

पिछली बार की सारी चूक को इस बार ठीक करने की कोशिशें हो रही है। सरकार ने सभी जिलों के कलेक्टरों एवं पुलिस अधीक्षकों से कहा है कि गांव-गांव जाकर किसानों से शांति की अपील करें। खुफिया रिपोर्ट और पुलिस व प्रशासन की तैयारियों से लग रहा है कि किसानों के अंदर की आग अभी बुझी नहीं है। और रही-सही कसर भावांतर में गड़बड़ियों व अभी मंडी में प्याज व लहसुन के कम दामों ने पूरी कर दी है। चारों तरफ से आ रही रिपोर्ट और फिर कांग्रेस की एकजुटता से मैदान में उतरने को लेकर भी भाजपा आलाकमान चिंतित है।  प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में जिला प्रशासन अपनी-अपनी सुविधा से किसानों और राजनीतिक पार्टी से जुड़े नेताओं से बॉन्ड भरवा रहा है। पिछले साल मंदसौर के आंदोलन में शामिल रहे लगभग 11 हजार लोगों को बांडओवर के लिए नोटिस जारी किए गए है। तामिली के साथ ही रेड कार्ड भी थमाए जा रहे हैं।

पुलिस द्वारा भरवाए जा रहे बांड से नाराज भारतीय किसान मजदूर संघ के

अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा कक्काजी ने कहा कि सरकार की इस कार्यवाही से किसान आक्रोशित हैं। सरकार ने बॉन्ड भरवाना बंद नहीं किया तो परिणाम गंभीर हो सकते हैं।

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