नेपानगर से कांग्रेस की विधायक सुमित्रा सुमित्रा देवी ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। पिछले 6 दिनों में कांग्रेस के दूसरे विधायक ने इस्तीफा दिया है। इससे पहले रविवार को छतरपुर जिले के बड़ा मलहरा विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित कांग्रेस विधायक प्रद्युमन लोधी ने इस्तीफा दिया था। विधायकी छोड़ने के बाद लोधी भाजपा में शामिल हो गए। नेपानगर विधायक सुमित्रा देवी के भी भाजपा में शामिल होने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
सुमित्रा देवी ने मंजू राजेंद्र दादू को पराजित किया था

सुमित्रा देवी कसडेकर को विधानसभा चुनाव में 85 हजार से अधिक मत प्राप्त हुए थे। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी भारतीय जनता पार्टी की मंजू राजेंद्र दादू को पराजित किया था ।सुमित्रा देवी के इस्तीफे के बाद अब तक कांग्रेस के 24 विधायकों के इस्तीफे हो चुके हैं। 22 विधायक ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भारतीय जनता पार्टी में चले गए थे। सुमित्रा देवी ने विधायकी क्यों छोड़ी इस बारे में कोई स्पष्ट कारण अब तक सामने नहीं आ सका है। लेकिन, यह जरूर अनुमान लगाया जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी द्वारा कांग्रेस मुक्त मध्य प्रदेश का जो अभियान चलाया जा रहा है उसके तहत ही सुमित्रा देवी ने इस्तीफा दिया है। सुमित्रा देवी पहली बार की विधायक है।
विधायकों के इस्तीफे से उठ रहे हैं कमलनाथ के नेतृत्व पर सवाल

मध्य प्रदेश में लगातार हो रहे कांग्रेस के विधायकों के इस्तीफे को वरिष्ठ नेता एवं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ की सबसे बड़ी विफलता के तौर पर देखा जा रहा है । वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में कमलनाथ ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के चेहरे को आगे रखकर 15 साल बाद कांग्रेस की सत्ता में वापसी कराई थी। कांग्रेस की सत्ता आने के बाद मुख्यमंत्री बने कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया से समन्वय बनाकर सरकार नहीं चला पाए । नतीजा भारतीय जनता पार्टी की 15 माह बाद ही सत्ता में वापसी हो गई। अब लगातार कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे ने कमलनाथ की कार्यप्रणाली पर भी कई तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं। कांग्रेस की राजनीति में ऐसे हालात प्रदेश में कभी भी देखने को नहीं मिले।
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