पूर्व मुख्यमंत्री ने बिना नाम लिए रामदेव और चिन्यमयानंद पर साधा निशाना
कहा- भगवा वस्त्र में बेच रहे चूरन, मंदिरों में कर रहे हैं रेप
राजधानी भोपाल में मंगलवार को सरकार ने संत समागम का आयोजन किया। मुद्दा था मठ, मंदिर, आश्रम और गौसेवा, लेकिन चर्चा में है दिग्विजय सिंह का बयान। पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में बीजेपी पर जमकर निशाने पर रखा। जयश्रीराम के बजाय जय सियाराम का नारा दिया। साथ ही कहा कि लोग भगवा वस्त्र में चूरन बेच रहे हैं, मंदिरों में रेप कर रहे हैं। उनका इशारा बाबा रामदेव और बीजेपी के स्वामी चिन्मयानंद की ओर था। इधर बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने दिग्विजय भड़क गए। उन्होंने कहा कि संतों को बुलाकर ऐसी भाषा का उपयोग करना शर्मनाक है। वे साधु-संतों को क्या ऐसे ही परिभाषित करते रहेंगे। कैलाश ने कहा कि ऐसे बयान दिग्विजय की हिंदुओं के प्रति मानसिकता दर्शाते हैं।

किसी का पेट दर्द करता है

संत समागम में मुख्य अतिथि मुख्य अतिथि कमलनाथ ने भी बीजेपी पर तंज कसा। बोले- हम मंदिर जाते हैं, संतों से मिलते हैं तो किसी का पेट दर्द करता है। क्योंकि वे लोग खुद को हिंदू धर्म का ठेकेदार मानते हैं। हम साधु-संतों, मठ-मंदिरों और गौसेवा के लिए जो कर रहे हैं, वो हमारी जिम्मेदारी है। इस दौरान कंप्यूटर बाबा ने संतों की तरफ से कुछ मांगे रखी।
राजनीतिक बयानबाजी का जरिया बना

वैसे तो ये संत समागम का आयोजन संतों से चर्चा के लिए था, लेकिन ये राजनीतिक बयानबाजी का जरिया बन गया। यहां से भाजपा पर जमकर निशाना साधा गया। साथ ही कांग्रेस सरकार को हिंदू हितैषी साबित करने की बातें हुईं। इससे पहले भी कमलनाथ सरकार पुजारियों का मानदेय बढ़ा चुकी है। प्रदेश में एक हजार गौशाला खोलने की घोषणा कर चुकी है। राम वनगमन पथ पर कवायद तेज हो चुकी है। नर्मदा नदी को लेकर भी योजना तैयार की जा रही है। कमलनाथ सरकार ये संदेश देते रही है कि हिंदुत्व किसी एक पार्टी का मुद्दा नहीं है।
