पांसे पर है पारदियों के घर जलाने और हत्या करने के आरोप
राजनीतिक शुचिता है कि केस दर्ज होते की मंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए। कई बार ऐसा भी हुआ है। अब सबकी नजर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री सुखदेव पांसे पर है। पारदियों का घर जलाने और हत्या के मामले में अब उन पर मुकदमा चलेगा। मामला 11 सितंबर 2007 का बैतूल जिले का है। विशेष न्यायाधीश सुरेश कुमार सिंह की अदालत ने उनके खिलाफ आरोप तय कर दिए। अगली सुनवाई 3 नवंबर को होगी, जिसमें गवाहों के बयान दर्ज किए जाएंगे। सवाल उठने लगे हैं कि क्या सीएम कमलनाथ के भरोसेमंद मंत्री कैबिनेट से बाहर होंगे? उनके राजनीतिक भविष्य पर कयासों का दौर जारी है।
लड़ाकू विधायक की छवि, चर्चा में रहते हैं बयान

पांसे अकेले कांग्रेस विधायक हैं, जिन्होंने नर्मदापुरम संभाग से तीसरी बार जीत दर्ज की थी। बैतूल और छिंदवाडा में कांग्रेस के बेहतर प्रदर्शन ने उन्हें कैबिनेट तक पहुंचाया। वह हमीदिया कालेज के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष और कांग्रेस में प्रदेश महासचिव रहे हैं। विपक्ष में रहते हुए वह सदन में मंत्रियों से उनकी तीखी नोक-झोंक होती थी। उनकी गिनती लड़ाकू विधायकों में होती थी। अब सत्ता में भी वह बीजेपी पर आक्रामक रहते हैं। अपने विस क्षेत्र में बारिश से खराब हुई फसलों का दौरान करने गए तो शिवराज को कोसना नहीं भूले। पांसे बोले-शिवराज सिंह माफी मांग लें तो बारिश बंद हो जाएगी। उन्होंने ही बारिश को लेकर कमलनाथ सरकार पर अनर्गल आरोप लगाए थे। वह आर्थिक मदद न मिलने पर केंद्र पर भी भड़के। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय सांसद केंद्र सरकार से मुआवजा मांग रहे हैं। भारत पाकिस्तान करने से पेट थोड़ी भरता है, पेट तो घर में अनाज आएगा उसी से भरेगा।
तीन नवंबर को होगी सुनवाई
11 सितंबर 2007 को बैतूल के एक गांव में भीड़ ने पारदियों के घर जलाकर कुछ लोगों की हत्या कर दी थी। पुलिस ने पांसे के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर बैतूल जिला अदालत में चालान पेश किया था। अदालत से बरी हो जाने के बाद हाईकोर्ट में रिवीजन याचिका दायर कर चुनौती दी गई। हाईकोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ नए सिरे से मुकदमा चलाए जाने के आदेश दिए। सरकार द्वारा सांसदों एवं विधायकों के मामलों की सुनवाई के लिए भोपाल में विशेष अदालत गठित किए जाने पर यह मामला बैतूल से भोपाल में हस्तांतरित किया गया है।
