चुनाव आयोग कांग्रेस की शिकायत की जाँच के लिए मध्यप्रदेश में सक्रिय

रविवार को मध्यप्रदेश कांग्रेस के बड़े नेताओं द्वारा राज्य में 60 लाख से अधिक फर्जी मतदाता होने की शिकायत किए जाने के बाद निर्वाचन आयोग की टीम आज जांच के लिए भोपाल पहुंच गई है। जांच दल भोपाल की नरेला तथा भोजपुर विधानसभा सीट की वोटर लिस्ट की जांच करेगी। हरदा जिले की सिवनी मालवा की मतदाता सूची भी जांची जाएगी।


मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ, चुनाव प्रचार समिति के प्रमुख ज्योतिरादित्य सिंधिया, वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह तथा विवेक तंखा ने पार्टी कल कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि मध्य प्रदेश में मतदाताओं की नयी सूची प्रकाशित की गयी है और उसमें भारी फर्जीवाड़ा हुआ है। उन्होंने इसकी शिकायत चुनाव अयोग से की है और सूची में तत्काल सुधार किए जाने का आयोग से अनुरोध किया है। श्री कमलनाथ ने कहा कि आयोग को पूरे प्रमाण के साथ बताया गया है कि पूरे राज्य में करीब 60 लाख फर्जी मतदाताओं की सूची तैयार की गयी है।

भाजपा पर लगाया आरोप
मतदाता सूचियों में जानबूझकर गड़बड़ी की गयी है। यह पूछने पर कि क्या इसमें प्रशासनिक लापरवाही हुई है, उन्होंने कहा कि राज्य में जितने मतदाता हैं उनका 13 प्रतिशत फर्जी है यह लापरवाही नहीं बल्कि जानबूझकर किया गया काम है। उन्होंने फर्जी मतदाता सूची तैयार कराने का आरोप भाजपा पर लगाया और कहा कि उसने राजनीतिक लाभ अर्जित करने के लिए सोची समझी रणनीति के तहत यह काम किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने इसकी शिकायत आयोग से की है, लेकिन भाजपा ने इस बारे में कोई पहल नहीं की, जिससे साफ है कि उसी ने फर्जी सूची तैयार करायी है इसलिए इसकी शिकायत करने की उसे जरूरत नहीं है।

चुनाव आयोग गंभीर जाँच दल बना
चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश में मतदाता सूची में गड़बड़ी होने की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच के आदेश दे दिये।आयोग ने मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को इसकी जानकारी भेजी। आरोप है कि राज्य में मतदाता सूची में एक ही व्यक्ति का नाम दो जगह होने जैसी शिकायतें मिली है। इसके लिए जांच दलों का गठन किया गया है।

भोपाल की नरेला तथा भोजपुर सीट के लिए चार सदस्यों का दल बनाया गया है। इसी तरह से नर्मदापुरम में होशंगाबाद तथा सिवनी मालवा विधानसभा क्षेत्रों के लिए भी दो-दो सदस्यीय जांच दल बनाया गया है। जाँच दल ने अपना काम शुरू कर दिया। जांच दलों को सात जून तक रिपोर्ट पेश करना है। जांच दलों को शिकायत में उठाये सभी मुद्दों की गहनता से जांच करने के लिए कहा गया है।

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