मंत्री गोविंद सिंह बोले- किसी नेता या उनके रिश्तेदारों को बख्शा नहीं जाएगा, शामिल अफसरों के नाम होंगे सार्वजनिक

महिलाओं के ब्लैकमेलिंग गिरोह के मामले में जांच के बीच एक और बड़ा खुलासा हुआ है। एक केंद्रीय मंत्री ने अपने बेटे का महिलाओं से पीछा छुड़ाने के लिए बड़ी रकम दी थी। सूत्र बताते हैं कि उनके बेटे का अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल किया जा रहा था। उसके जरिये केंद्रीय मंत्री के स्तर पर कई काम करवाए गए। बाद में जब केंद्रीय मंत्री को ब्लैकमेलिंग की जानकारी लगी तो उन्होंने बड़ी रकम देकर बेटे का पीछा इस गैंग से छुड़ाया। बताया जाता है कि ये मामला करीब पांच साल पुराना है। इधर गैंग की महिलाओं के लेन-देन की जानकारी जुटाने के लिए उनके बैंक खाते सील कर दिए गए हैं।

ब्लैकमेलिंग मामले पर कमलनाथ सरकार का सख्त रवैया सामने आ रहा है। संसदीय कार्य एवं सामान्य प्रशासन मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने स्पष्ट कह दिया है कि इसमें किसी भी नेता या उसके रिश्तेदार को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि अफसरों की जिम्मेदारी जनसेवा करना है, लेकिन वह कोई अनैतिक कृत्य करते हैं या ब्लैकमेलिंग के चलते गलत निर्णय लेते हैं, तो उनके नाम भी सार्वजनिक किए जाएंगे। उन्होंने कहा ऐसा करना बेहद जरूरी है, जिससे हमेशा के लिए सबक मिल सके।
लगातार अपडेट ले रहे मुख्यमंत्री

इस हाईप्रोफाइल मामले पर सरकार की सीधी नजर है। मुख्यमंत्री कमलनाथ को एसआईटी प्रमुख संजीव शमी ने शुरुआती जांच की जानकारी दी। माना जा रहा है कि सरकार इसमें लिप्त पाए गए किसी भी राजनेता, अधिकारी या इनके परिजनों को बख्शने के मूड में नहीं है। उधर बीजपी और कांग्रेस हाईकमान की तरफ से भी मामले की जानकारी तलब की गई है।
लगातार हो रहे खुलासे, नामों का इंतजार
ब्लैकमेलिंग गैंग की सरगना आरती दयाल ने कुछ मामलों का खुलासा करते हुए अफसरों से संबंध स्वीकारे हैं। उसने ये भी बताया कि उनके गिरोह की महिलाएं कैसे राजनेताओं और अफसरों को फंसाती थीं। सूत्र बताते हैं कि आरती ने ये भी बताया कि उनकी गैंग पैसे की वसूली के साथ किस प्रकार के लाभ उठाती थी। हालांकि इसमें अब तक किसी भी अफसर का नाम सामने नहीं आया है।
