मध्यप्रदेश में भाजपा का दलित चेहरा बनने की ओर अग्रसर शिवराज कैबिनेट में सामान्य प्रशासन और नर्मदा घाटी विकास विभाग के राज्यमंत्री लाल सिंह आर्य का कहना है कि अनुसूचित जाति और जनजाति को मिले आरक्षण को लेकर सरकार विरोधी लोग सरकार के खिलाफ हवा बनाने का काम कर रहे हैं, जबकि वास्तव में यही लोग इस बात के जिम्मेदार हैं कि आजादी के 69 साल होने को आए हैं, लेकिन सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक समानता अब तक नहीं आ पाई है। ये लोग भाजपा और उसकी सरकार पर आरक्षण खत्म करने की साजिश का आरोप लगाते हैं जबकि हकीकत यह है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद कह चुके हैं कि उनकी सरकार में आरक्षण से कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। गुजरात के ऊना में दलित उत्पीड़न की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताने वाले आर्य कहते हैं कि देश के विकास में सभी वर्गों का बराबर योगदान है, इस सच्चाई को सभी को स्वीकार करना चाहिए। पावर गैलरी को दिए गए विशेष साक्षात्कार में आर्य ने विभिन्न विषयों पर खुलकर अपनी राय रखी। पेश है चर्चा के मुख्य अंश …
आपकी नजर में सुशासन क्या है, यह कैसे आएगा?
जवाब- सुशासन का वास्तविक अर्थ, लोगोंको सरकार की सुविधाएं-सेवाएं सुलभता से उपलब्ध कराना है। लोगों की समस्याओं केत्वरित समाधान और लोक तथा तंत्र के बीच विश्वास स्थापित करना ही सही मायने मेंसुशासन है। इस दिशा में हम गर्व से कह सकते हैं कि मध्यप्रदेश सरकार सुशासन की राहपर तेजी से आगे बढ़ रही है। प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐसी अनेकपहल की है, जो सुशासन की अवधारणा को सही मायनों में पूराकरती हैं। परख, समाधान आॅनलाइन, मुख्यमंत्रीहेल्पलाइन, 108 जैसी सुविधाएं मील का पत्थर साबित हुर्इं हैं।अधिकांश सेवाएं आॅनलाइन दी जा रही हैं। एक करोड़ 21 लाख जातिप्रमाणआॅनलाइन बनाए जा चुके हैं, यही वास्तव में सुशासन है।
सवाल – मुख्यमंत्री जीरो टॉलरेंस की बात करते हैं, लेकिन भ्रष्टाचार और दूसरी गड़बड़ियों पर कार्रवाई करने वाली संस्थाओं में पद रिक्त पड़े हैं?
जवाब- लोकायुक्त संगठन, मानव अधिकारआयोग, सूचना आयोग जैसी संस्थाओं में पद रिक्त हैं, लेकिन इन्हेंभरने की प्रक्रिया जारी है। जल्द ही इनमें नियुक्तियों की प्रक्रिया पूरी होजाएगी।
सवाल – सुशासनकी बात होती है, लेकिन विधायक कहते हैं कि सरकार उनके पत्रों काजवाब तक नहीं देती, यह कैसा सुशासन है?
जवाब- राज्य सरकार ने जनप्रतिनिधियों खासकर विधायकोंको अपनी बात रखने के लिए कई फोरम उपलब्ध कराएं हैं। विधायकों को ब्लॉक स्तर परसरकारी कामों की मॉनीटरिंग के अधिकार भी दिए गए हैं। यह बात सही है कि विधायकों कोउनके पत्रों के जवाब मिलना चाहिए और इस दिशा में सरकार के स्तर पर समय-समय पर आदेशजारी होते हैं। वैसे यह शिकायत विपक्षी विधायकों की ज्यादा होती है। उनका धर्म हैसरकार के अच्छे काम में भी खामी निकालना, इसलिए वे ऐसा करते हैं।
सवाल – कांग्रेसकह रही है कि सिंहस्थ में घोटाला हुआ है, क्या यह सही है?
जवाब- मैंने कहा ना, विपक्ष का कामहै सरकार के अच्छे कामों में भी खामियां निकालना, इसलिए कांग्रेसऐसा कर रही है। विपक्ष को आरोप लगाना चाहिए, यह उसका धर्म हैलेकिन आरोप प्रमाणिक हों तो, इनका जवाब दिया जा सकता है। सिंहस्थ कोलेकर जो बात विपक्ष कह रहा है, उसका कोई आधार नहीं है। सफल सिंहस्थआयोजन पर मप्र सरकार को जो पूरे देश का आशीर्वाद मिल रहा है, विपक्षउसे भ्रम में बदलने की कोशिश कर रहा है। सत्यता क्या है, यह जनता कोमालूम है।
सवाल – किसीगड़बड़ी या मामले के सामने आने पर सरकार छोटे और आरक्षित वर्गों पर ज्यादा कार्रवाईकरती है, बड़े अफसर बच जाते हैं?
जवाब- ऐसा नहीं है, अरविंद-टीनूजोशी न तो छोटे अफसर थे और न ही आरक्षित वर्गों से थे, फिर भी उन परकार्रवाई हुई। जिस पर गंभीर आरोप होते हैं, जांच के बाद उनपर कार्यवाही होती है, चाहे वे कोई भी हों।
सवाल – आरक्षणके मुद्दे पर बनी वर्ग संघर्ष की स्थिति को टालने के लिए सरकार का क्या प्लान है?
जवाब- आरक्षण के मामले में मैं स्पष्ट रूप से कहनाचाहता हूं कि इस मुद्दे पर कांग्रेस-बसपा सहित अन्य पार्टियां राजनीतिक रोटियांसेंक रही हैं। अनुसूचित जाति और जनजाति का समर्थन भाजपा सरकार को मिला है, यहसाबित हो चुका है। इन वर्गों के उत्थान के लिए सरकार लगातार काम कर रही है।प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री कई बार कह चुके हैं कि आरक्षण से कोई छेड़छाड़ नहींहोगी। दरअसल यह सब एक षड्यंत्र है अनुसूचित जाति और जनजाति को भाजपा से दूर करनेका। 15 राज्यों में भाजपा और उसके सहयोगियों की सरकारें हैं, कहींआरक्षण खत्म हुआ क्या। पदोन्नति में आरक्षण के मामले में कोर्ट का निर्णय था जिसेमानना अनिवार्य होता है, लेकिन इसके बाद भी राज्य सरकार सुप्रीमकोर्ट गई है। भाजपा सरकार पर आरोप लगाने वालों से मैं कहना चाहता हूं कि बाबा साहबअंबेडकर ने सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक विषमता दूर करने के लिएआरक्षण का प्रावधान किया था लेकिन आजादी के इतने साल बाद भी असमानता है। इसके लिएजिम्मेदार वे लोग हैं जो सबसे ज्यादा सरकारों में रहे हैं। दरअसल आरक्षण के मुद्देपर विपक्षी सरकार के खिलाफ हवा बनाने का षड्यंत्र कर रहे हैं।
सवाल – गुजरातके ऊना में दलित उत्पीड़न जैसी घटनाओं पर क्या कहेंगे?
जवाब- ऐसी घटनाएं कहीं पर भी हों, दुर्भाग्यपूर्ण हैं। किसी के साथ भी ऐसी घटना हो तो उसे ठीक नहीं कहा जा सकता। सभी लोगों को सोचना होगा कि यह देश हमारा और यहां रहने वाला हरेक नागरिक हमारा है। सभी ने देश के सम्मान और प्रगति के लिए काम किया है।
