आयकर विभाग की रडार से अब आपका बेडरूम भी नहीं बच सकेगा। विभाग को यह भी पता है कि आपने बेडरूम में कितना काला धन एकत्रित कर रखा है। सुबह से लेकर शाम तक पूरी गतिविधियां विभाग के पास है। 360 डिग्री प्रोफाइल के जरिए मप्र और छग में काला धन की नौ लाख सूचनाएं विभाग ने जुटा ली है। यह कहना है कि प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर, इनकम टैक्स (मप्र-छग) अबरार अहमद का। वे कहते हैं कि काला धन जाहिर करने वालों को 30 सितंबर तक आईडीएस 2016 योजना का लाभ उठाने का सुनहरा मौका दिया गया है। इसके बाद व्यापक स्तर पर छापे और सर्वे की कार्रवाई की जाएगी। वे इस आरोप को नकारते हैं कि विभाग दुर्भावना या राजनीति से प्रेरित होकर छापे या अन्य कार्रवाई करता है। वर्ष 1980 आईआरएस बैच के अधिकारी अहमद का मानना है कि समय पर टैक्स भरकर आप अपनी उम्र लंबी कर सकते हैं। अबरार से पावर गैलरी ने अन्य पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की। प्रस्तुत है चर्चा के मुख्य अंश-
इंटरव्यू – प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर, इनकम टैक्स (मप्र-छग)
सवाल- आईडीएस 2016 योजना लोगों के पास से काला धन निकालने में कितनी मददगार साबित होगी?
जवाब- लोगों को आयकर विभाग के समक्ष अपना काला धनजाहिर करने का 30 सितंबर तक का एक सुनहरा मौका दिया गया है। लोगचाहे तो 100 फीसदी काला धन बाहर निकाल सकते हैं। सरकार नेबहुत ही अच्छी योजना आईडीएस 16 लागू की है। इसमें 45फीसदी तक टैक्स चुकाकर अपनी काली कमाई को व्हाइट में तब्दील कर सकते हैं। इतना हीनहीं इसमें टैक्स भरने वालों के नाम भी उजागर नहीं किए जाएंगे। उनके नाम बहुत हीगोपनीय रखे जाएंगे। मेरी ऐसे लोगों से अपील है कि वे अपना काला धन जाहिर कर देश केनिर्माण में आगे आएं और मुख्य धारा में शामिल हो। इससे देश मजबूत होगा।
सवाल- पिछलेतीन महीने में मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में इस योजना का क्या रिस्पांस मिला है?
जवाब- मेरे हिसाब से अच्छा रिस्पांस मिल रहा है। कईलोगों ने अपनी काली कमाई सरेंडर करने के लिए हमसे संपर्क किया है। लोग इसके बारेमें क्वेरी कर रहे हैं। कई लोग फार्म भी खरीदकर ले गए हैं। फिलहाल वेट एंड वाच कीस्थिति है। लोग अपने सीए और जानकारों से योजना के बारे में पूछताछ भी कर रहे हैं।यह तो तीस सितंबर के बाद ही सही स्थिति सामने आएगी कि कितने लोगों ने अपनी कालीकमाई सरेंडर की है।
सवाल- 30सितंबर तक काली कमाई जाहिर नहीं करने वालों के खिलाफ विभाग क्या एक्शन लेगा?
जवाब- सरकार ने काले धन के खिलाफ मुहिम छेड़ी है। इसकेलिए 30 सितंबर तक कोई भी अपनी चल-अचल संपत्ति का विभाग के समक्ष खुलासा करदे, उस पर कोई कार्रवाई नहीं होगी। छापों की कार्रवाई वैसे तो अभी भीजारी है, लेकिन एक अक्टूबर के बाद छापे की कार्रवाई बड़े स्तर पर शुरू होगी।छोटे कर चोर भी सर्वे की कार्रवाई से नहीं बच सकेंगे। आयकर विभाग ने काला धन रखनेवालों पर मुकदमा चलाने जैसी सख्त कार्रवाई की योजना बनाई है।
सवाल- मध्यप्रदेशऔर छत्तीसगढ़ में आयकर विभाग ने विभिन्न मामलों में करीब 80 हजार लोगों कोनोटिस जारी किए हैं। इससे करदाताओं में हड़कंप की स्थिति है। क्या इनकम टैक्स विभागमें इंस्पेक्टर राज वापस आ गया है?
जवाब- विभाग में इंस्पेक्टर राज जैसी कोई बात नहीं है?हमलोगों के मन से इनकम टैक्स का भय निकाल चुके हैं। जिन लोगों को नोटिस जारी किए गएहैं, उन्हें तो आयकर कार्यालय तक आने की जरूरत भी नहीं है। हमने जोजानकारी मांगी है, वे अपना जवाब आॅनलाइन, मेल या फैक्स केजरिए दे सकते हैं। नोटिस में अपने आयकर अधिकारियों के मोबाइल नंबर, टेलीफोननंबर, मेल आईडी और फैक्स नंबर भी दिए हैं। हमारा मकसद किसी को परेशान करनानहीं है। हम तो चाहते हैं कि आप टैक्स चुकाकर एक नागरिक के कर्तव्यों और दायित्वोंका पालन करें।
सवाल- आयकरविभाग कर दाताओं के प्रति कितना फ्रेंडली है, खासतौर से इसयोजना को लेकर?
जवाब- आयकर विभाग करदाताओं के प्रति 100प्रतिशत फे्रंडली है। जहां तक इस योजना की बात है इसके लिए प्रिंसिपल चीफ कमिश्नरको नोडल अफसर बनाया गया है। अपनी संपत्ति को जाहिर करने वाले लोग सीधे इनसे मिलसकते हैं। यदि वे किसी कारणवश नहीं आ रहे हैं तो मेल के जरिए इन अधिकारियों सेसंपर्क कर सकते हैं। जहां तक दूसरे मामलों की बात है तो करदाता अपनी शिकायतों वसमस्याओं को लेकर संबंधित अफसर से मिल सकता है।
सवाल- अक्सरछापों और सर्वे के दौरान ब्लैक मनी को लेकर मीडिया ट्रायल होता है। बाद में कितनाकाला धन मिलता है इसकी जानकारी लोगों तक पहुंच ही नहीं पाती है। ऐसा क्यों?
जवाब- मेरा मानना है कि मीडिया ट्रायल ठीक नहीं है।छापों और सर्वे के बाद हम तो प्रेस रिलीज भी जारी नहीं करते हैं और जब तक कार्रवाईपूरी नहीं हो जाती है तब तक जानकारी के संबंध में मीडिया को कोई जानकारी नहीं देतेहैं। हमारी जांच-पड़ताल की कार्रवाई लंबी होती है, इसलिए उसमें समयलगता है। उनसे टैक्स वसूला जाता है। कई लोग अपील में चले जाते हैं। उसमें काफी समयलग जाता है, लेकिन यह तय है कि हम छापा मारते हैं तो टैक्समिलता ही है।
सवाल- क्याविभाग के पास हर व्यक्ति के पास जमा काले धन की जानकारी है और 360डिग्री प्रोफाइल क्या है?
जवाब- बदलती टेक्नोलॉजी के दौर में आयकर विभाग के पासअब हर व्यक्ति और संस्थान के काले धन की जानकारी है। लोगों के बेडरूम में क्या होरहा है, इसकी जानकारी हम लोगों से छिपी नहीं है। आदमी जब सुबह घर से निकलताहै और शाम को लौटता है, उस सबकी जानकारी विभाग के पास है। आयकर विभागकी इंटेलीजेंस एवं क्रिमनल इन्वेस्टीगेशन विंग में वित्तीय लेन-देन के बारे में 360डिग्री की प्रोफाइल तैयार की है। इसके जरिए बैंक, महंगी ज्वेलरी,विदेशयात्रा, लग्जरी वाहन, प्रापर्टी की खरीद-फरोख्त, लेन-देनएवं बाजार में होने वाली हर बड़ी खरीदारी की जानकारी जुटाई है। इसकी मदद से काला धनको ढूंढना बहुत आसान हो गया है। हमारे पास करीब 9 लाख सूचनाएंहैं। बेडरूम में छिपाए गए धन की भी जानकारी हमारे पास है।
सवाल- यदिआप किसी वेबसाइट पर यह पता लगाए कि टैक्स कैसे जमा करें तो यह जानकारी कम मिलेगी,लेकिनयह जानकारी सबसे ज्यादा आ जाएगी कि टैक्स की चोरी कैसे करे। इस बारे में आपका क्यासोचना है?
जवाब- जो आप कह रहे हैं वह सच है। टैक्स की प्लानिंगकरने को मैं बुराई नहीं मानता हूं। यह आपका अधिकार भी है, लेकिन इसका मतलबयह नहीं कि आप टैक्स की चोरी करें। मैं पहले ही कह चुका हूं कि जितना टैक्स आप परबनता है, उसका भुगतान करना चाहिए। वरना बाद में विभाग जब कार्रवाई करेगा तबआपकी ही बदनामी होगी। इससे बचने के लिए आप अपना रिटर्न अवश्य दाखिल करें।
सवाल- अक्सरआयकर विभाग पर यह आरोप लगता है कि दुर्भावनावश छापों की कार्रवाई होती है। इसमेंकितनी सच्चाई है?
जवाब- इस तरह के आरोपों को तो मैं सिरे से नकारताहूं। हम दुर्भावनावश या राजनीति से प्रेरित होकर कोई कार्रवाई नहीं करते हैं। छापेया सर्वे करने से पहले उस मामले की छह महीने या सालभर, कभी-कभी तो दोसे तीन साल तक एक-एक तथ्य और जानकारी जुटाते हैं। फिर उसे कन्फर्म करते हैं।तथ्यों के बाद ही कार्रवाई की जाती है।
सवाल- क्या आप लोगों पर सर्च और सर्वे की कार्रवाई रोकने के लिए राजनीतिक या प्रशासनिक दबावभी आता है?
जवाब- नहीं। हमारी पूरी कार्रवाई तथ्यों के आधार परहोती है। फिर हर विंग में समय-समय पर अफसरों की जिम्मेदारी भी बदल जाती है। इसलिएहम लोगों पर दबाव नहीं आते हैं।
सवाल- टैक्सचोरी करने वालों के लिए आपका क्या संदेश है?
जवाब- टैक्स चोरी करने वालों के खिलाफ विभाग कार्रवाई करता है तो इससे करदाताओं की ही बदनामी होती है, इसलिए मेरा कहना है कि आप समय पर टैक्स भरे तो तनाव कम होगा। तनाव नहीं होगा तो आप बीमार नहीं पड़ेंगे। आपका परिवार भी परेशान नहीं होगा। आप टैक्स नहीं भरोगे तो आपको हमेशा आयकर विभाग का भय लगा रहेगा। समय पर टैक्स भरने पर मेंटल रिलीफ रहेगा। आपके कारण आपका परिवार भी सुखी रहेगा। न तो आप बीमार होंगे न आपका परिवार। आपकी और आपके परिवार की उम्र भी बढ़ जाएगी। यह मैं सच कह रहा हूं।
