अजाक्स के प्रदेश महासचिव एसएल सूर्यवंशी का कहना है कि एट्रोसिटी एक्ट के साथ छेड़छाड़ बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वे मानते हैं कि कुछ लोग कानून को अपने से भी ऊपर मानते हैं और ये लोग अपराध करने के आदि हैं। ऐसे लोग संविधान के और देश के विरोधी हैं। पावर गैलरी से बातचीत के मुख्य अंश…
एट्रोसिटी एक्ट को लेकर लगातार विरोध हो रहा है। ये विरोध कितना उचित है?
जबाव : एट्रोसिटी एक्ट से छेड़छाड़ बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं होगी। सरकार ने भी अब तक इस एक्ट के साथ ऐसा कोई प्रयास नहीं किया है। हमारा विरोध यही है कि जो व्यवस्था सुप्रीम कोर्ट और सरकार ने दी है वह उचित व्यवस्था है। कुछ लोग हैं, जो अपराधी है और ये लोग अपने आपको कानून से भी ऊपर मानते हैं। ये लोग अपराध करने के आदि हैं। इनकी मानसिकता है कि ये अपराध भी करें और इनको सजा भी न मिले।
क्या आपको नहीं लगता है कि प्रदेश में जातिवाद को नेताओं द्वारा भरपूर बढ़ावा दिया रहा है?
जबाव : यह जातिवाद कोई आज से नहीं है, बल्कि वर्षों से जातिवाद को लेकर लड़ाइयां चल रही हैं। बल्कि अब तो 25 प्रतिशत तक जातिवाद कम हो चुका है। अब लोग थोड़ी बराबरी की चाहत करते हैं, तो कुछ लोगों को बुरा लगने लगता है। पहले यह सब नहीं होता था तो जातिवाद दिखाई नहीं देता था, लेकिन अब लोग अपने अधिकारों का उपयोग करना चाहते हैं और करना भी चाहिए, इसलिए जातिवाद ज्यादा दिखाई देने लगा है।
क्या सपाक्स की तरह अजाक्स भी चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहा है?
जबाव : अजाक्स अधिकारी-कर्मचारियों का संगठन है। हमारी चुनाव मैदान में उतरने की कोई तैयारी नहीं है। हमारा संगठन तो सिर्फ समाज के लोगों को अवेयर करता है, हम समाज के लोगों को सरकार द्वारा दिए जा रहे उनके अधिकारों को दिलाने का प्रयास करते हैं। हमारा राजनीति में जाने का कोई इरादा नहीं है।
अजाक्स ने पिछड़ा वर्ग के साथ मिलकर संयुक्त मोर्चा बनाया है। इसका मध्यप्रदेश में क्या लाभ मिलेगा?
जबाव : अजाक्स और पिछड़ा वर्ग द्वारा बनाया गया संयुक्त मोर्चा ही देश को नई दिशा देगा। हमारा मकसद सिर्फ इतना है कि एट्रोसिटी एक्ट में बदलाव न किया जाए।
इस कानून का दुरुपयोग भी हो रहा है। आप क्या मानते हैं?
जबाव : देखिए कोई भी कानून अपराधी को सजा देने के लिए है। ऐसा नहीं है कि इस कानून का दुरुपयोग हो रहा है। मैं आपको बताऊं कि अब भी 90 प्रतिशत मामलों में लोगों पर एफआईआर दर्ज नहीं होती है, तो फिर इस कानून का दुरुपयोग कहां हो रहा है।
आप सरकार से इस कानून को लेकर क्या अपेक्षाएं करते हैं?
जबाव : हमारी सरकार से यही मांग है कि जो घोषणा माननीय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की थी वे उस घोषणा को पूरी करे। समाज में बहुत नाराजगी है। मेरा यह मानना है कि जो लोग इस कानून का विरोध कर रहे हैं वे सिर्फ 10 प्रतिशत है, लेकिन हम 90 प्रतिशत लोग सरकार के साथ हैं, इसलिए हमें उम्मीद भी है कि वे हमारी मांगों पर अमल करेंगे।