शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) एक यूरेशियाई राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा ब्लॉक है जिसकी स्थापना 2001 में चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान ने की थी। भारत और पाकिस्तान 2017 में एससीओ में शामिल हुए।
एससीओ का 2023 शिखर सम्मेलन 13-14 जुलाई, 2023 को नई दिल्ली में आयोजित किया गया था। जहां एससीओ सदस्य देशों के नेताओं ने सुरक्षा, व्यापार और आर्थिक सहयोग सहित कई मुद्दों पर चर्चा की।
भारत ने शी जिनपिंग के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) का समर्थन करने वाले पैराग्राफ पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। भारत ने लंबे समय से बीआरआई का विरोध किया है।
एससीओ शिखर सम्मेलन में व्यापार, ऊर्जा और आतंकवाद विरोधी क्षेत्रों में सहयोग पर कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। शिखर सम्मेलन को सभी प्रतिभागियों ने एक सफलता के रूप में देखा, और उम्मीद है कि एससीओ आने वाले वर्षों में क्षेत्रीय सुरक्षा और सहयोग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहेगा।
भारत ने बीआरआई पैराग्राफ पर हस्ताक्षर करने से किया इंकार
भारत का बीआरआई पैराग्राफ पर हस्ताक्षर करने से इंकार करना इस पहल के विरोध का स्पष्ट संकेत था। भारत ने तर्क दिया है कि बीआरआई उसकी क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का उल्लंघन करता है, क्योंकि इसमें चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) शामिल है, जो कश्मीर में विवादित क्षेत्र से होकर गुजरता है।
संयुक्त राष्ट्र की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए एससीओ की प्रतिबद्धता महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह ऐसे समय में आई है जब चीन दक्षिण चीन सागर में अपना प्रभुत्व बढ़ा रहा है। एससीओ के बयान को दक्षिण चीन सागर में चीन की हरकतों पर फटकार के रूप में देखा जा सकता है, जिसकी कई देशों ने निंदा की है।
एससीओ शिखर सम्मेलन में व्यापार, ऊर्जा और आतंकवाद विरोधी क्षेत्रों में सहयोग पर कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। इन समझौतों को क्षेत्रीय सुरक्षा और सहयोग संगठन के रूप में एससीओ के बढ़ते महत्व के संकेत के रूप में देखा जाता है।
