सहारा इंडिया सहित तीन अन्य संस्थाओं में जिन निवेशकों का पैसा फंसा हुआ है,उसकी वापसी के लिए केन्द्र सरकार ने एक पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल को देश के गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शह ने किया।
इस पोर्टल को सहारा समूह की 4 सहकारी समितियों – सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड और स्टार्स मल्टीपरपज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड के प्रामाणिक जमाकर्ताओं द्वारा दावे प्रस्तुत करने के लिए विकसित किया गया है। इस अवसर पर केन्द्रीय सहकारिता राज्यमंत्री श्री बी एल वर्मा, उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश श्री आर. सुभाष रेड्डी और सचिव, सहकारिता मंत्रालय, श्री ज्ञानेश कुमार सहित सहारा समूह की चारों सहकारी समितियों के जमाकर्ता भी उपस्थित थे।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इस कार्यक्रम का महत्व इस दृष्टि से है कि जिन लोगों की गाढ़ी कमाई इन 4 सहकारी समितियों में फंसी है, उनके प्रति किसी का ध्यान नहीं गया। ऐसे मामलों में अक्सर मल्टी-एजेंसी सीज़र हो जाता है क्योंकि कोई एजेंसी निवेशक के बारे में नहीं सोचती। उन्होंने कहा कि इसके कारण को ऑपरेटिव सोसायटी के प्रति बहुत बड़ी असुरक्षा और अविश्वास की भावना पैदा हो जाती है।
केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि कई बार घपले-घोटाले के आरोप लगते हैं और जो लोग इनमें निवेश करते हैं, उनकी पूंजी फंस जाती है, जैसे सहारा का उदाहरण सबके सामने है। उन्होंने कहा कि कई सालों तक सुप्रीम कोर्ट में केस चला, एजेंसियों ने इनकी संपत्तियां और खाते सील कर दिए, और, ऐसा होने पर कोऑपरेटिव सोसायटी की विश्वसनीयता समाप्त हो जाती है। उन्होंने कहा कि ट्रायल बेसिस पर पारदर्शी तरीके से आज निवेशकों को 5,000 करोड़ रुपए की राशि लौटाने की शुरुआत हो रही है। उन्होंने कहा कि जब 5,000 करोड़ रूपए का भुगतान हो जाएगा तब बाकी बचे निवेशकों की राशि लौटाने के लिए एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में अपील की जाएगी।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि आज लॉन्च हुए पोर्टल के माध्यम से पहले निवेशकों को, जिनकी जमा राशि 10,000 रूपए या इससे अधिक है उसमें से 10,000 रुपए तक की राशि का, भुगतान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस पोर्टल पर आवेदन करने के लिए चारों समितियों का पूरा डाटा ऑनलाइन उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में ऐसे सभी प्रावधान किए गए हैं जिससे कहीं भी किसी प्रकार की गड़बड़ी और किसी भी प्रामाणिक निवेशक के साथ अन्याय की गुंजाइश ना हो।उन्होंने निवेशकों को विश्वास दिलाते हुए कहा कि 45 दिनों में पैसा उनके बैंक अकाउंट में जमा हो जाएगा।
भुगतान की पूरी प्रक्रिया डिजिटल और पेपरलेस है और दावे प्रस्तुत करने के लिए बनाया गया पोर्टल यूज़र फ्रेंडली, कुशल और पारदर्शी है। केवल प्रामाणिक जमाकर्ताओं की वैध राशि लौटाने को सुनिश्चित करने के लिए पोर्टल में ज़रूरी प्रावधान किए गए हैं। पोर्टल को सहकारिता मंत्रालय की वेबसाइट के माध्यम से एक्सेस किया जा सकता है।
