केंद्रीय ऊर्जा और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर. के. सिंह ने कहा है कि भारत जल्द ही भंडार की गई हरित हाइड्रोजन का उपयोग करके निरंतर 100 मेगावाट बिजली उत्पादन के लिए एक पायलट परियोजना शुरू करेगा।
श्री सिंह ने शुक्रवार को कहा कि आगे आने वाले समय में भारत दुनिया में हरित हाइड्रोजन और अमोनिया का सबसे बड़ा उत्पादक और सबसे बड़ा निर्यातक होगा। उन्होंने कहा देश के पास सबसे सस्ती नवीकरणीय ऊर्जा उपलब्ध हो रही है। उन्होंने कहा कि देश ने पहले से ही हरित हाइड्रोजन के लिए पर्याप्त विनिर्माण क्षमता हासिल कर ली है और खुद को इस तेजी से बढ़ रहे क्षेत्र में एक अग्रणी देश के रूप में स्थापित किया है।
श्री सिंह यहां भारतीय उद्योग परिसंघ और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा स्वच्छ ऊर्जा पर आयोजित चौथे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन और प्रदर्शनी में बोल रहे थे।इसका विषय था – “स्वच्छ ऊर्जा को आगे बढ़ाने के लिए वैश्विक चैंपियन: नवाचार और विनिर्माण ।”
श्री सिंह ने कहा कि भारत को देश में तय 250 अरब डॉलर की निवेश परियोजनाओं से हरित ऊर्जा के क्षेत्र में लाभ होगा। इसका मुख्य कारण है कि इस निवेश का बड़ा हिस्सा नवीकरणीय ऊर्जा और हरित हाइड्रोजन में बढ़ती रुचि से जुड़ा है। उन्होंने कहा, “यह बड़ा निवेश भविष्य में और विस्तार प्राप्त करने को तैयार है।”
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