आखिरकार तमाम विवादों को पछाड़ते हुए भारत के स्टार पहलवान सुशील कुमार ने गोल्ड मेडल अपने नाम कर ही लिया. गोल्ड कोस्ट आने से पहले उनको लेकर कई विवादों ने जन्म ले लिया था, जिसकी वजह से उनका यहां आना भी मुश्किल लग रहा था. लेकिन सुशील इन सबको पीछे छोड़ते हुए खुद को साबित करने में सफल हुए. सुशील अपनी जीत को लेकर आश्वस्त थे तभी फाइनल में पहुंचते ही उन्होंने ट्वीट करके बोल दिया था कि वह इतिहास दोहराने से सिर्फ एक कदम दूर हैं. भारत के इस स्टार खिलाड़ी को खुद को साबित करने में छह मिनट नही, बल्कि 80 सेकंड ही लगे.
आते ही खेला गोल्डन दांव
74 किग्रा के फाइनल बाउट में आते ही दो बार के ओलिंपिक मेडलिस्ट सुशील ने साउथ अफ्रीका के जोहानस बोथा को पटखनी दी और अपना गोल्डन दांव खेला. पहले पीरियड में सुशील ने बेहतरीन दांव लगाते हुए टेक डाउन किया. पहले 4 पॉइंट्स हासिल किए और फिर एक और टेकडाउन से दो अंक हासिल करते हुए 6-0 की बढ़त हासिल कर ली और इसी के साथ सुशील ने 10 अंक लेते हुए टेक्नीकल सुुपीरियरटी के आधार पर 80 सेकंड्स के वक्त में सुशील ने बोथा को हरा कर गोल्ड मेडल जीत लिया.
सुशिल कुमार सोलंकी – Sushil Kumar एक भारतीय फ्रीस्टाइल रेसलर है। 66 किलो के वजन वर्ग में मुकाबला करते हुए उन्होंने 2010 में वर्ल्ड टाइटल, 2012 के लन्दन ओलंपिक्स में सिल्वर मेडल और 2008 के बीजिंग ओलंपिक्स में ब्रोंज (कास्य) मेडल जीता था और उनकी इस जीत ने उन्हें दो व्यक्तिगत ओलंपिक्स मेडल जीतने वाला एकमेव भारतीय भी बनाया था।
पुरुस्कार /सम्मान
1) अर्जुन अवार्ड, 2005
2) राजीव गाँधी खेल रत्न अवार्ड (जॉइंट), भारत का सर्वश्रेष्ट खेल पुरस्कार
3) पद्म श्री, 2011
