केन्द्र सरकार द्वारा पूर्व में घोषित किए गए साठ शहर अभी तक स्मार्ट नहीं हो पाए हैं। आज तीस और नए शहर स्मार्ट घोषित कर दिए गए। मोदी सरकार ने वर्ष 2015 मे स्मार्ट सिटी मिशन की शुरूआत की थी जिसके तहत 100 शहरों को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जाना है। केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री एम वैंकैया नायडू ने नये स्मार्ट शहर बनाए जाने की घोषणा करते हुए कहा कि 100 में से बाकी बचे 40 स्थानों के लिए 45 शहरों ने प्रतिस्पर्धा में हिस्सा लिया था जिनमें से 30 शहरों को इस मिशन में शामिल करने के लिए चुना गया है।उन्होंने कहा कि बाकी बचे 10 स्थानों के लिए 20 शहरों के बीच बाद में प्रतिस्पार्धा होगी।
केरल के त्रिवेन्द्रम नबंर एक और रायपुर दो
जिन 30 शहरों को आज चुना गया उनमें केरल की राजधानी त्रिवेंद्रम सबसे अव्वल रही जबकि छत्तीसगढ का रायपुर दूसरे तथा गुजरात का राजकोट तीसरे नंबर पर रहा। इसके अलावा अमरावती, पटना, करीमनगर, मुजफ्फरपुर , पुड्डुचेरि, गांधीनगर , श्रीनगर, सागर, करनाल,सतना,बेंगलूरू शिमला, देहरादून, तिरूपुर, पिंपरी छिनवाड, बिलासपुर, पासीघाट, जम्मू, दाहोड, तिरूनेलवेली, थोटूकुकडी, झांसी, एजल, इलाहाबाद, अलीगढ, और गंगटोक शहर शामिल है।
चुने गए सभी तीस शहरों को स्मार्ट शहर में विकसित करने के लिए प्रति शहर 57 हजार 393 करोड रूपये की खर्च आएगा। इनमें से 46 हजार 879 करोड ढांचागत योजनाओं पर और 10 हजार 514 करोड रूपये प्रौद्योगिकी के लिए खर्च किए जाएंगे । इसके साथ ही 90 स्मार्ट शहरों पर आने वाला खर्च बढकर 1 लाख 91 हजार 155 करोड रूपये हो जायेगा। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत 100 शहरों को चुने जाने का काम निर्धारित कार्यक्रम से आगे चल रहा है और इसे जल्द ही पूरा कर लिया जायेगा।