इंफेक्शन की आशंका, आठ अगस्त को शिविर में किया गया था 15 लोगों का ऑपरेशन
स्वास्थ्य मंत्री ने चेन्नई से बुलाया डॉ. रमण को, पीड़ितों को 50-50 हजार रुपए की मदद की घोषणा
वर्ष 2010 में 20 लोगों की आंखों की रोशनी जाने से सबक न लेने वाले इंदौर के आई हॉस्पिटल में एक बार फिर 11 मरीजों की आंखों की रोशनी चली गई है। 15 मरीजों का ऑपरेशन आठ अगस्त को नेत्र शिविर लगाकर किया गया था। इसके बाद कुछ न दिखाई देने पर डॉक्टरों ने कुछ मरीजों का फिर से ऑपरेशन किया, लेकिन अब 11 मरीज ऐसे हैं, जिन्हें ऑपरेशन किए गए आंख से कुछ दिख नहीं रहा है। इधर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने जानकारी दी है कि सरकार की पहली प्राथमिकता मरीजों की आंखों की रोशनी वापस लाना है। इसके लिए चेन्नई से आंखों के विशेषज्ञ डॉक्टर रमण को बुलाया गया है। इस मामले की जांच के लिए सात सदस्यीय समिति गठित कर दी गई है।

प्रदेश के उच्च शिक्षा एवं खेल मंत्री जीतू पटवारी ने बताया कि पीड़ितों के लिए सरकार ने 50-50 हजार रुपए सहायता राशि की घोषणा की है। मामले की जांच की जा रही है। जो कोई दोषी होगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी। इधर डॉक्टरों का कहना हैं कि ऑपरेशन के बाद मरीजों की आंख में जो दवा डाली गई, शायद उसके चलते मरीजों की आंख में इफेंक्शन हुआ है। इस मामले का खुलासा होते ही स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल के ऑपरेशन थियेटर को सील कर दिया है। 2010 में इसी अस्पताल में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद करीब 20 लोगों की आंख की रोशनी चल गई थी। हादसे के बाद भी अस्पताल ने घटना से कोई सबक नहीं लिया।
