भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री ने जहीर खान का पत्ता काट दिया है। जहीर खान के स्थान पर उन्होंने भरत अरूण को गेंदबाजी कोच बनाने का फैसला लिया है। बताया जाता है कि रवि शास्त्री अपने सहयोगी स्टाफ के चयन को लेकर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित प्रशासकों की समिति (सीओए) को संतुष्ट करने में सफल रहे हैं।
गांगुली की पसंद थे जहीर खान
बताया जाता है कि जहीर खान का गेंदबाजी कोच के तौर पर चयन सौरव गांगुली की पसंद पर किया गया था। लेकिन कुछ मसलों को लेकर गांगुली और शास्त्री के बीच के रिश्ते अच्छे नहीं हैं। अगर सीएसी शास्त्री को मनमाफिक कोचिंग स्टाफ दे देता है तो यह सीएसी और खासकर गांगुली के लिए काफी खराब अनुभव होगा। ज्ञातव्य है कि सीओए ने शनिवार को कहा था कि द्रविड़ और जहीर के नामों की सिर्फ सिफारिश की गई है। इस संबंध में अंतिम फैसला मुख्य कोच नियुक्त किए गए शास्त्री से चर्चा के बाद ही लिया जाएगा। शास्त्री अपना अलग सहयोगी स्टाफ चाहते हैं। उन्होंने जहीर की जगह अपने करीबी दोस्त भरत अरुण को गेंदबाजी कोच बनाए जाने की पुरजोर वकालत की है। शास्त्री का कहना है कि जहीर एक अच्छा चयन हैं लेकिन भारतीय टीम को ऐसा कोई व्यक्ति गेंदबाजी कोच के तौर पर नहीं चाहिए, जो सिर्फ 150 दिन का करार चाहता है। उसे तो ऐसा व्यक्ति चाहिए, जो 365 दिन उसके साथ रह सके।
गुहा ने कहा-जहीर, द्रविड़ का सार्वजनिक अपमान ठीक नहीं
इधर,सर्वोच्च न्यायालय द्वारा भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड का काम देखने के लिए गठित प्रशासकों की समिति (सीओए) के पूर्व सदस्य और इतिहासकार रामचंद्र गुहा का मानना है कि भारतीय टीम का बल्लेबाजी और गेंदबाजी कोच चुनने को लेकर जो विवाद चल रहा है, उसमें राहुल द्रविड़ और जहीर खान जैसे महान खिलाड़ियों का सार्वजनिक तौर पर अपमान हो रहा है। गुहा ने कहा, अनिल कुम्बले के साथ अपमानजनक व्यवहार हुआ और वही व्यवहार द्रविड़ और जहीर के साथ हो रहा है।