उच्चतम न्यायालय ने सरकारी और निजी स्कूलों में बच्चों को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए तीन महीने के भीतर गाइडलाइन्स तैयार करने का मानव संसाधन विकास मंत्रालय को 17 अप्रैल 2018 को निर्देश दिया।न्यायालय का यह निर्देश गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल के शौचालय में मृत पाये गये दूसरी कक्षा के छात्र प्रद्युम्न ठाकुर के पिता की याचिका पर आया है। शीर्ष अदालत ने सुनवाई के दौरान मानव संसाधन विकास मंत्रालय को निर्देश दिये कि बच्चों की सुरक्षा को लेकर नीतियां और दिशानिर्देश तैयार किये जायें। इसके लिए मंत्रालय को तीन महीने का वक्त दिया गया है।न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल और न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन की पीठ ने कहा कि सरकार द्वारा लिया गया यह फैसला सरकारी और निजी दोनों स्कूलों पर लागू होगा। पीठ ने कहा, “स्कूलों के लिए नीति या दिशानिर्देश बनाने में न्यायालय विशेषज्ञ नहीं है। इसलिए बेहतर होगा कि सरकार इस मामले को संज्ञान में ले।”
न्यायमूर्ति गोयल ने कहा, “हम मानव संसाधन मंत्रालय को जनहित याचिका में की गई अपील पर विचार करने और तीन महीने में निर्णय लेने का निर्देश देते हैं।