केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के जजों की सूची के लिए वरिष्ठ वकील इंदू मल्होत्रा के नाम पर मुहर लगा दी है। इंदू पहली महिला वकील हैं जिन्हें सीधा सुप्रीम कोर्ट की वकील से जज बनाया गया है।
मल्होत्रा के नाम को कॉलेजियम द्वारा हरी झंडी दी गई है। इसमें चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस चेलमेश्वर, रंजन गोगोई, मदन बी लोकुर और कुरियन जोसेफ शामिल हैं। इंदू मल्होत्रा आजादी के बाद सुप्रीम कोर्ट की सातवीं महिला जज होंगी। मल्होत्रा के बाद सुप्रीम कोर्ट के जजों की संख्या 25 हो जाएगी।
मल्होत्रा का जन्म 1956 में बंगलोर में हुआ था. युवावस्था में वह दिल्ली आ गई थीं और उन्होंने 1983 में वकालत करनी शुरू की थी। वह सुबह में दिल्ली यूनिवर्सिटी में लेक्चरर के तौर पर नौकरी करती थीं और शाम को लॉ की स्टूडेंट के तौर पर क्लास अटेंड करती थीं। अध्यापक के तौर पर उनका कार्यकाल छोटा ही रहा और उन्होंने वकालत में ही आगे जाने का फैसला किया। वकालत शुरू हुई और 2007 में उन्हें वरिष्ठ वकील का दर्जा दिया गया। वह लीला सेठ के बाद दूसरी महिला वकील थीं जिन्हें सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ वकील का दर्जा मिला था और टॉप के लिए एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड एग्जामिनेशन में पहला स्थान मिला था। पिछले साल चीफ जस्टिस के अगुवाई वाली तीन जजों की बेंच में मल्होत्रा को डाउरी एक्ट में गिरफ्तारी को लेकर एक मामले की सुनवाई में न्यायमित्र नियुक्त किया था।
1991 से 1996 तक इंदू मल्होत्रा ने हरियाणा राज्य के लिए सर्वोच्च न्यायालय में स्टेंडिंग काउंसिल थीं और वह सुप्रीम कोर्ट में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), भारतीय कृषि बोर्ड (सेबी), दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए), वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की वकील रह चुकी हैं।