केंद्र सरकार की ‘एडॉप्ट ए हेरिटेज’ स्कीम के तहत लाल किला देश की ऐसी पहली ऐतिहासिक इमारत बन गया है। 77 साल पुराना डालमिया भारत ग्रुप पहला उद्योग घराना बन गया है जो किसी ऐतिहासिक विरासत को गोद लेगा।
डालमिया भारत अगले पांच साल तक लाल किले की देखरेख करेगा और इसके लिए 25 करोड़ रुपये का अनुबंध हुआ है. मुगल बादशाह शाहजहां ने 17वीं शताब्दी में इसका निर्माण करवाया था। अंग्रेजों के भारत छोड़ने के बाद स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से हर साल 15 अगस्त को देश के प्रधानमंत्री तिरंगा फहरा कर आजादी का जश्न मनाते हैं।
डालमिया ग्रुप ने नरेंद्र मोदी सरकार की ‘अडॉप्ट ए हेरिटेज’ नीति के तहत इसे गोद लिया है. लाल किला को गोद लेने की होड़ में इंडिगो एयरलाइंस और जीएमआर ग्रुप जैसी दिग्गज कंपनियां भी शामिल थीं. लेकिन, डालमिया भारत ग्रुप ने इन्हें पछाड़ते हुए पांच साल के कांट्रैक्ट पर ऐतिहासिक इमारत को गोद लिया है।इस बाबत डालमिया भारत ग्रुप ने 9 अप्रैल को ही पर्यटन मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के साथ समझौता किया था। डालमिया ग्रुप लाल किला को पर्यटकों के बीच लोकप्रिय बनाने के लिए उसे नए सिरे से विकसित करने के तौर-तरीकों पर विचार कर रहा है।
डालमिया भारत ग्रुप के सीईओ महेंद्र सिंघी ने कहा कि लाल किला में 30 दिनों के अंदर काम शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा, “लाल किला हमें शुरुआत में पांच वर्षों के लिए मिला है. कॉन्ट्रैक्ट को बाद में बढ़ाया भी जा सकता है। हर पर्यटक हमारे लिए एक कस्टमर होगा और इसे उसी तर्ज पर विकसित किया जाएगा। हमारी कोशिश होगी कि पर्यटक यहां सिर्फ, एक बार आकर ही न रुक जाएं, बल्कि बार-बार आएं”
क्या है ‘एडॉप्ट ए हेरीटेज’ स्कीम-केंद्र सरकार ने बीते साल सितंबर महीने में ये स्कील लॉन्च की थी। पूरे देश की सौ ऐतिहासिक इमारतों को इसके लिए चिन्हित किया गया था। इन इमारतों में ताजमहल, कांगड़ा फोर्ट, कोणार्क का सूर्य मंदिर और सती घाट कई प्रमुख स्थल शामिल हैं।
लाल किले के बाद अब अगला नंबर ताजमहल का है। आपको बता दें कि देश भर के 100 ऐतिहासिक स्मारकों के लिए ये स्कीम लागू की गई है।
अनुबंध के तहत करना होगा यह काम
अनुबंध के तहत, डालमिया भारत समूह को छह महीने के भीतर कुछ बुनियादी सुविधाएं प्रदान करनी होंगी। इनमें पेयजल , स्ट्रीट फर्नीचर जैसे बेंच और संकेतक शामिल हैं।