छात्रों व आम जनता के हित में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने 24 फर्जी विश्वविद्यालयों की सूची जारी की है। यूजीसी ने कहा है कि ये 24 स्वघोषित तथा गैर पंजीकृत संस्थान यूजीसी अधिनियम का उल्लंघन करते हुए चल रहे हैं और उन्हें फर्जी घोषित किया गया है। ये फर्जी विश्वविद्यालय किसी भी तरह की शैक्षणिक डिग्री देने के हकदार नहीं है।
फर्जी विश्वविद्यालयों की राज्य वार सूची
बिहार
-मैथिली यूनीवर्सिटी
दिल्ली
-कमर्शियल यूनीवर्सिटी लि.
-यूनाइटेड नेशंस यूनीवर्सिट
-वोकेशनल यूनीवर्सिट
-एडीआर – सेंट्रिक ज्यूरिडीकल यूनीवर्सिट
-इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड इंजीनियरिं
-विश्वकर्मा ओपन यूनीवर्सिटी और सेल्फ इंप्लाइमें
-आध्यात्मिक विश्वविद्यालय
कर्नाटक
-बदागनवी सरकार वर्ल्ड ओपेन यूनीवर्सिटी एजूकेशन सोसायटी
केरल
-सेंट जॉन्स यूनीवर्सिटी, किशानट्टम
महाराष्ट्र
-राजा अरेबिक यूनीवर्सिटी
पश्चिम बंगाल
-इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव मेडिसिन
-इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव मेडिसिन एंड रिसर्च
उत्तर प्रदेश
-वाण्र्णेय संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी (यूपी)
-महिला ग्राम विद्यापीठ / विश्वविद्यालय,
-गांधी हिन्दी विद्यापीठ, प्रयाग, इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश
-नेशनल यूनीवर्सिटी ऑफ इलेक्ट्रॉ कॉम्पलेक्स होम्योपैथी
-नेताजी सुभाष चन्द्र बोस यूनीवर्सिटी (ओपन यूनीवर्सिटी)
-उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय
-महाराणा प्रताप शिक्षा निकेतन विश्वविद्यालय
-इन्द्रप्रस्त शिक्षा परिषद
ओडिशा
नवभारत शिक्षा परिषद
नॉर्थ उडीसा यूनीवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नॉलोजी
पुडडुचेरी
-श्री बोधी एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन
* भारतीय शिक्षा परिषद, लखनऊ, यूपी मामला जिला न्यायाधीश, लखनऊ की अदालत में है।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम, 1956 की धारा 22(1) के अनुसार केवल ऐसे विश्व विद्यालय जो केंद्र, राज्य / प्रांत अधिनियम या ऐसे संस्थान जो खंड 3 के अंतर्गत विश्विद्यालय की मान्यता प्राप्त हो या ऐसा संस्थान जो संसद के अधिनियम द्वारा शक्ति प्रदान की गई हो ही खंड 22(3) के तहत यूजीसी निर्दिष्ट डिग्री प्रदान कर सकते हैं।