जाने-माने मानवाधिकारवादी और दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश राजेन्द्र सच्चर का 20 अप्रैल 2018 को निधन हो गया। वह 94 वर्ष के थे। उनके परिवार में एक पुत्र और एक पुत्री हैं। उनका अंतिम संस्कार लोधी रोड स्थित विद्युत शवदाह गृह में किया गया।
इस अवसर पर जाने माने पत्रकार कुलदीप नैयर, कांग्रेस नेता अश्विनी कुमार, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता डी राजा, समाजवादी नेता नेता शरद यादव तथा राजकुमार जैन, सोशलिस्ट पार्टी के अध्यक्ष डॉ. प्रेम सिंह, भाकपा – माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य, प्रसिद्ध अधिवक्ता प्रशांत भूषण समेत कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
न्यायमूर्ति सच्चर का जन्म 22 दिसंबर 1923 को लाहौर में हुआ था। उनके दादा लाहौर उच्च न्यायालय के जाने माने फौजदारी वकील थे।
न्यायमूर्ति सच्चर 1970 में दिल्ली उच्च न्यायालय में अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त हुए थे। वह एकमात्र न्यायाधीश थे जिन्होंने आपातकाल में सरकार के आपातकाल संबंधी निर्देशों को मानने से इन्कार किया था। वह अगस्त 1985 से दिसंबर 1985 तक दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रहे। वह समाजवादी विचारधारा के थे और मानवाधिकारों के दृढ़ पैराेकार थे और संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार संरक्षण एवं संवर्द्धन उप आयोग के सदस्य भी रहे। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा 2005 में देश में मुस्लिम समुदाय के पिछड़ेपन के अध्ययन के लिए गठित समिति की अध्यक्षता की और अनेक क्रांतिकारी सिफारिशें कीं। वह सोशलिस्ट पार्टी के संस्थापक सदस्य और उसकी कार्यकारिणी के वरिष्ठतम सदस्य थे। उनके निधन पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और सोशलिस्ट पार्टी के अध्यक्ष डॉ. प्रेम सिंह ने शोक प्रकट किया है।