किसानों ने कहा हम देते दो करोड़ रूपए, हमारा बेटा लौटा दीजिए

मंदसौर में पुलिस की गोली से छह मौतों के बाद समीपवर्ती जिलों में हालात काबू से बाहर दिखाई दे रहे हैं। किसान जगह-जगह सड़कों पर निकल आए हैं। राजस्थान को जोड़ने वाले हाईवे को जाम कर दिया है। नाराज किसान मृतकों की अंत्येष्टि के लिए तैयार नहीं है। उनकी मांग है मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गांव में आएं। मृतकों के परिजनों को मुआवजे के तौर घोषित की गई एक करोड़ रूपए की राशि को किसानों ने स्वीकार करने से मना कर दिया। किसान इतने गुस्से में हैं कि वे कह रहे हैं, हम दो करोड़ देंगे, हमारा बेटा लौटा दो। किसान जय जवान-जय किसान के नारे लगा रहे हैं।

कलेक्टर से मारपीट, मंत्रियों को गांव जाने से रोका

नाराज किसानों से बात करने के लिए बरखेड़ा पंथ गांव पहुंचे मंदसौर के कलेक्टर स्वतंत्र कुमार सिंह के साथ आज सुबह आंदोलनकारियों ने मारपीट भी कर दी। पूरे मालवा-निमाड़ क्षेत्र में इंटरनेट की सेवाएं रोक दी गईं हैं। मृतकों के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए पहुंचे लोक निर्माण मंत्री रामपाल सिंह, कृषि मंत्री गौरी शंकर बिसेन और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नंदकुमार चौहान को प्रशासन ने गांव में जाने की इज्जात नहीं दी। उन्हें उल्टे पांव लौटना पड़ा। कांगे्रस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का प्रस्तावित दौरा भी निरस्त हो गया है।

शिवराज सिंह शाम तक जा सकते हैं मंदसौर

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भोपाल में बैठकर लगातार स्थिति की जानकारी ले रहे हैं। बताया जाता है कि मुख्यमंत्री ने पीड़ित ग्रामीणों के बीच जाने की इच्छा अधिकारियों के समक्ष प्रकट की है। बरखेड़ा पंथ की घटना के बाद पुलिस प्रशासन ने मुख्यमंत्री को मंदसौर जाने की इजाजत नहीं दी है। उम्मीद की जा रही है कि हालात काबू में आते ही मुख्यमंत्री मंदसौर पहुंच सकते हैं।

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