तमिलनाडु में वेदान्ता ग्रुप के स्टरलाइट कॉपर प्लांट के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन

तूतीकोरिन स्थित वेदांता ग्रुप के स्टरलाइट कॉपर प्लांट के विरोध-प्रदर्शन के दौरान पुलिस फायरिंग में मरने वालों का आंकड़ा 11 हो गया है। जिस अस्पताल में घायलों का इलाज चल रहा है, उसके सामने बुधवार की सुबह एक बार फिर से लोगों की पुलिस के साथ झड़प हुई। इस इलाके में अभी भी हालात सामान्य नहीं हैं। 22 मई शाम तक 9 लोगों की मौत हुई थी। इस बीच इस घटना पर गृह मंत्रालय ने तमिलनाडु सरकार से रिपोर्ट मांगी है। उधर, मद्रास हाईकोर्ट की मदुरई बेंच ने स्टरलाइट कॉपर प्लांट के विस्तार के लिए हो रहे निर्माण पर रोक लगा दी है। स्थानीय प्रशासन ने धारा 144 को 25 मई तक के लिए बढ़ा दिया है।

100 दिनों से यूनिट बंद करने की मांग कर रहे थे लोग
मुख्यमंत्री ई पलानीसामी ने हिंसा की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। दरअसल, तूतीकोरिन की जनता करीब 100 दिनों से प्लांट बंद करने की मांग कर रही है। इसे देखते हुए प्रशासन ने यहां एहितयातन धारा-144 लगा रखी है।
22 मई को लोग कॉपर प्लांट तक मार्च करना चाहते थे। प्रशासन ने इसकी मंजूरी नहीं दी। इसके बाद वे कलेक्ट्रेट तक रैली निकालने की मांग करने लगे।

जब पुलिस ने इन्हें रोकने की कोशिश की तो प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए। उन्हें रोकने के लिए पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी। इस बीच लोगों ने पुलिस पर पथराव किया और तोड़फोड़ शुरू कर दी, जिससे हालात बिगड़ गए। रजनीकांत और कमल हासन ने पुलिस बल प्रयोग का विरोध किया है। तूतीकोरिन में विरोध को देखते हुए 2,000 से ज्यादा पुलिस कर्मी तैनात किए गए हैं।

राहुल गांधी ने इसे सरकारी आतंकवाद बताया
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इसे सरकारी आतंकवाद बताया। उन्होंने कहा कि यह सरकार प्रायोजित आतंकवाद की बर्बर मिसाल है। अन्याय का विरोध करने के लिए नागरिकों की हत्या की गई है।

कंपनी पर ये हैं आरोप
तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (टीएनपीसीबी) ने कंपनी के संचालन के लिए दाखिल रिन्युअल आवेदन को खारिज कर दिया है। बोर्ड का आरोप है कि कंपनी पर्यावरण नियमों का पालन नहीं कर रही है। बोर्ड के अनुसार कंपनी ने भूजल की स्थिति रिपोर्ट नहीं दी। कचरा निष्पादन पर कोई काम नहीं किया। प्रदूषित जल को सीधे नदी में जाने से राेकने के लिए कंपाउंड वाल नहीं बनाया।

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