डिफेंस एक्सपो में भारत ने लहराया परचम- 2018
भारत की ओर से रक्षा के क्षेत्र में आधुनिकीकरण के लिए हर कदम उठाए जा रहे हैं। इसका स्पष्ट उदाहरण चेन्नई में गुरुवार को देखने को मिला, जहां डिफेंस एक्सपो का आयोजन किया गया। प्रधानमंत्री ने भी एक्सपो में हिस्सा लिया और वहां पहुंच कर उन्होंने कहा कि मैं चोल की धरती पर आकर बहुत खुश हूं। इस दौरान पीएम ने मेक इन इंडिया स्टॉल का उद्घाटन किया। बता दें कि चेन्नई के इलाके थिरुविदंदाई में हो रहे एक्सपो में विश्व की 702 कंपनियां हिस्सा ले रही हैं। इसमें 539 भारतीय कंपनियां हिस्सा ले रही हैं, जबकि 163 विदेशी कंपनिया हैं। विदेशी कंपनियों में अमेरिका, ब्रिटेन, रूस और स्वीडन की कंपनियां भी शामिल हैं।
डिफेंस एक्सपो की खास बात है कि अब तक के इतिहास में सबसे ज्यादा भारतीय कंपनियां इसमें हिस्सा ले रही है। हालांकि, विदेशी कंपनियों की हिस्सेदारी में कमी आई है। और इसमें भारत अपनी रक्षा निर्यात क्षमता दिखा रहा है।
इस बार का एक्सपो गोवा के एक्सपो से 25 फीसदी बड़ा है, क्योंकि यह 2.9 लाख वर्ग फीट में फैला है। साथ ही ये अब तक का सबसे बड़ा एक्सपो है।
दुनिया में सालाना 37 डिफेंस एक्सपो होते हैं। यानी कहीं न कहीं हर 10वें दिन एक्सपो होता है। डिफेंस कारोबार सबसे बड़ा माना जाता है, क्योंकि बताया जाता है कि ये इंडस्ट्री 130 लाख करोड़ रुपए की है।
इस बार के एक्सपो में 47 देशों के डेलीगेट्स आ रहे हैं। अमेरिका, यूके समेत 13 देशों के मंत्री स्तर के डेलीगेट्स पहुंचे हैं।
डिफेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने कहा कि एक्सपो में प्रदर्शित हो रही 50 फीसदी चीजें भारतीय मैनुफैक्चरर ने बनाई है जिसमें से अधिकर स्मॉल और मीडियम इंडस्ट्रीज द्वारा बनाई गईं हैं। विश्व युद्ध के बाद डिफेंस एक्सपो दुनिया में फैल पाया था और सबसे पहले एक्सपो 1851 में लगा था।