उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति एम.वेंकैया नायडू ने प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दलों के महाभियोग के नोटिस को 23 अप्रैल 2018 को खारिज कर दिया। यह फैसला सर्वोच्च न्यायालय की दिन की कार्यवाही शुरू होने से पहले लिया गया।
कांग्रेस ने 22 अप्रैल 2018 को अपील की थी कि प्रधान न्यायाधीश को खुद को न्यायिक प्रशासनिक कार्यो से दूर रखने पर विचार करना चाहिए। उन्हें पद से हटाए जाने के लिए नोटिस देने के बाद उनकी तरफ से यह फैसला स्वैच्छिक रूप से आना चाहिए था।
कांग्रेस और छह अन्य विपक्षी दलों ने कदाचार के पांच आधारों पर प्रधान न्यायाधीश मिश्रा के खिलाफ महाभियोग नोटिस दिया था।
इस प्रस्ताव पर 71 सांसदों ने हस्ताक्षर किए थे, जिसमें से सात सांसद नायडू के समक्ष प्रस्ताव पेश करने से पहले सेवानिवृत्त हो गए थे।
