लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने आरक्षण को लेकर बड़ी टिप्पणी की है। रांची में आयोजित एक कार्यक्रम में महाजन ने कहा कि आंबेडकर जी ने खुद कहा था कि आरक्षण की जरूरत महज 10 सालों के लिए है। उन्होंने 10 साल के भीतर समतामूलक समाज की कल्पना की थी। लेकिन, ऐसा नहीं हो सका। अब भी हम हर 10 साल पर इसे अगले 10 वर्षों के लिए बढ़ा देते हैं। उन्होंने कहा कि मुझे आरक्षण मिला, मैं कुछ जीवन में बन गया तो मैंने जीवन के कितने क्षण ऐसे बिताए सोचने में कि मैंने मेरे समाज को बांटा कितना है।
हमे ये सोचना बहुत जरूरी है कि क्या उसका फायदा है। क्या आरक्षण की यही कल्पना था। महाजन ने कहा कि समाज और देश में सामाजिक सौहार्द के लिए बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के संदेश को मानना होगा और उनके रास्ते का अनुसरण करना होगा। छोटी जातियों में सुरक्षा की भावना होनी चाहिए आरक्षण को लेकर सुमित्रा महाजन ने कहा कि अगर किसी को दी हुई चीज को तुरंत छीना जाए तो विस्फोट हो सकता है। उन्होंने कहा कि सामाजिक स्थिति ठीक नहीं है, पहले एक वर्ग विशेष के साथ अन्याय किया गया तो इसका मतलब यह नहीं है कि दूसरे वर्ग के साथ भी अन्याय किया जाए। उन्होंने कहा कि हमे अन्याय की बराबरी नहीं करनी चाहिए। हमे लोगों को न्याय देना चाहिए, लोगों के मन में इस बात की भावना होनी चाहिए कि छोटी जातियों के साथ अन्याय नहीं होगा, उनपर अत्याचार नहीं किया जाएगा।
ये समय की मांग है अब लोग इस बात को बिना किसी पूर्वाग्रह या राजनीति से ऊपर उठकर सोचें कि आखिर वो कौन सी व्यवस्था हो सकती है जिसके जरिए सही माएने में जिन्हें फायदा नहीं मिला है वो लोग भी इस व्यवस्था का हिस्सा बनकर मूल धारा से जुड़ सकें। बता दें कि भविष्य का भारत कार्यक्रम में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि आरक्षण के जरिए हम समाज के उन तबकों को मुख्यधारा में शामिल कर सकते हैं जो सदियों से पिछड़े हुए हैं।
