Homeराज्यगुजरातअहमद पटेल को रोकने की लड़ाई अहमदबाद से दिल्ली तक

अहमद पटेल को रोकने की लड़ाई अहमदबाद से दिल्ली तक

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अखिल भारतीय कांगे्रस कमेटी की अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल को राज्यसभा जाने से रोकने की लड़ाई दिलचस्प मोड़ पर है। कांगे्रस के दो बागी विधायकों के वोट निरस्त करने की कांगे्रस की मांग पर चुनाव आयोग फैसला नहीं कर पाया है। दूसरी और भारतीय जनता सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों ने चुनाव आयोग पहुंचकर कांगे्रस के एक विधायक का वोट निरस्त करने की मांग कर डाली है। चुनाव वीडियो देख रहा है। मतगणना आयोग के फैसले के बाद ही होगी।

 

राघवजी पटेल और भोलाभाई ने भंग की गोपनीयता?

 

कांग्रेस के दो बागी विधायकों -राघवजी पटेल और भोलाभाई पटेल- ने मतदान के बाद अपने मतपत्र भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के निर्वाचन एजेंट और साथी विधायक को दिखाया, जिसे कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने चुनौती दी है।
मतदान के बाद कांग्रेस नेता शक्तिसिंह गोहिल और अर्जुन मोढवडिया और कांग्रेस तथा भाजपा के प्रदेश अध्यक्षों ने मतदान का वीडियो देखा। घटना की एक रिपोर्ट दिल्ली में निर्वाचन आयोग को भेज दी गई।

 

क्या पांचवी बार राज्यसभा पहुंच पाएंगे अहमद भाई

गुजरात में राज्यसभा चुनाव के लिए मतदान निर्धारित समय से एक घंटा पूव्र ही समाप्त हो गया। मतदान शुरू होते ही उठापटक और बयानों का जो सिलसिला शुरू हुआ, उसने मुकाबले को बेहद दिलचस्प बनाया। हलचल सिर्फ कांगे्रस में ही नहीं थी। जेडीयू और एनसीपी के विधायकों को लेकर भी कयास लगाए जाते रहे। दिल्ली में जेडीयू के महासचिव केसी त्यागी पार्टी के वोट भाजपा को जाने का दावा कर रहे थे वहीं छोटू भाई वासवा ने वोट कांगे्रस को देने का दावा किया। गुजरात में तीन सीटों के लिए मतदान हुआ है। अमित शाह और स्मृति ईरानी की जीत तय है। तीसरी सीट के लिए कांग्रेस उम्मीदवार अहमद पटेल को एक-एक वोट के लिए संघर्ष करना पड़ा है। मतदान पूरा होने के बाद पटेल ने दुखी मन से कहा, “मैं आशावादी हूं, मुझे पूरा विश्वास है।”
182 सदस्यीय गुजरात विधानसभा में पिछले महीने कांग्रेस के छह सदस्यों के इस्तीफा देने के चलते इस समय 176 सदस्य ही हैं। गुजरात से तीन राज्यसभा सीटों के लिए चार उम्मीदवार मैदान में हैं।

कांग्रेस से बगाबत कर लड़ रहे है पटेल के खिलाफ चुनाव

भाजपा ने कांग्रेस छोड़कर पार्टी में शामिल हुए बलवंत सिंह राजपूत को तीसरी सीट के लिए उम्मीदवार बनाया है। राजपूत ने मतदान के बाद मीडिया के सामने विजयी मुद्रा प्रदर्शित की। अहमद पटेल को 176 सदस्यीय सदन में अपनी सीट जीतने के लिए 45 प्राथमिक मतों की जरूरत है। लेकिन पटेल को सबसे बड़ा झटका तब लगा, जब पार्टी से अलग हो चुके, लेकिन पटेल को अपने वोट का भरोसा दे चुके शंकर सिंह वाघेला ने पांच अन्य कांग्रेस विधायकों के साथ भाजपा के पक्ष में मतदान किया। वाघेला ने दावा किया, “कांग्रेस जिन 44 विधायकों पर भरोसा कर रही है, उनमें से भी चार-पांच विधायक पार्टी के समर्थन में वोट नहीं देंगे। पटेल को वाघेला के अलावा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के दो और जनता दल (युनाइटेड) के एक विधायक का वोट मिलने का भी भरोसा था। लेकिन राकांपा के विधायक कंधाल जडेजा ने भाजपा अध्यक्ष शाह के पैर छूए और भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में मतदान किया। मतदान के बाद वह वाघेला के आवास पर आयोजित भोज में शामिल होने चले गए। राकांपा के एक अन्य विधायक जयंत पटेल बोस्की और जद (यू) विधायक छोटूभाई वसावा ने जरूर पटेल के पक्ष में मतदान किया।

 

 

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