अगस्ता-वेस्टलैंड घोटाले में बिचौलिए मिशेल की गिरफ्तारी के बाद हर रोज नई-नई बातें सामने आ रही है। दुबई से भारत आने के पहले मिशेल ने दुबई में अधिकारियों को दिए बयान में कहा कि मोदी सरकार इस मामले में उनका नाम इसलिए ले रही है ताकि वह इस मामले में वह मनमोहन सरकार या गांधी परीवार का नाम लें और उनके खिलाफ गवाही दें।
साथ ही मिशेल ने मामले में सफाई हेते हुए कहा कि मैने भारत की पिछली सरकार के साथ काम किया था, जिसका नेतृत्व डॉ. मनमोहन सिंह कर रहे थे। वहीं 2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बदल गई और मुझे एक बार फिर आरोपी बनाया गया है क्योंकि मैंने पिछली सरकार के साथ रक्षा मंत्रालय को हेलिकॉप्टर सप्लाई करने में शामिल था।
साथ ही मिशेल ने यह भा कहा कि इस डील में मेरी तरफ से किस भी प्रकार की घूस नही ली गई है। जब डील में शामिल विमानों की क्षमता को 6000 मीटर से घटाकर 4000 मीटर किया गया तब में कंपनी की यूके ब्रांच में काम कर रहा था।
मिशेल की पैरवी कर रहे वकील को कांग्रेस ने पार्टी से निकाला
वहीं इसी बीच मिशेल की तरफ से भारत में केस लड़ रहे वकील अल्जो के जोसेफ को लेकर भी बवाल मच गया है. जोसेफ यूथ कांग्रेस लीगल डिपार्टमेंट के नेशनल इंचार्ज थे. मामले को तूल पकड़ता देख यूथ कांग्रेस ने उन्हें निकाल दिया है.
जोसेफ ने इस मामले में सफाई दी और एक हिंदी न्यूज चैनल से बातचीत करते हुए अल्जो जोसेफ ने कहा कि यह मेरा प्रोफेशन है, मैं अपना काम कर रहा हूं. मैं सुप्रीम कोर्ट में वकील हूं, जेटली साहब भी तो तरह-तरह के लोगों के केस लड़ते हैं. दुबई और इटली से मिशेल के वकीलों ने मुझसे संपर्क किया तब मैंने केस लड़ने के लिए रजामंदी दी.