आम के गिरे हुए सूखे पत्तों को जलाकर उनका धुआं सूंघने से हिचकी आना बंद हो जाती है।
कच्चे आम की गुठली की गिरी निकालकर धूप में सूखाकर पीस लें। आधा चम्मच चूर्ण शहद के साथ सेवन करने से हिचकी में लाभ होता है।
पके हुए आम के रस में दूध मिलाकर सेवन करने से हिचकी में लाभ होता है।
आम के सूखे पत्तों को चिलम में भरकर धूम्रपान करने या ताजे पत्तों को कूटकर निकाले गये रस (2-3 ग्राम) में थोड़ा सा शहद मिलाकर सेवन करने से हिचकी बंद हो जाती है।
आम के पत्ते व धनिया दोनों को कूटकर 2 से 5 ग्राम की मात्रा में लेकर गुनगुने पानी से दिन में दो या तीन बार पियें।
हिचकी का इलाज
Published on