Homeस्वास्थस्‍वाइन फ्लू से बचने के घरेलू उपचार

स्‍वाइन फ्लू से बचने के घरेलू उपचार

Published on

spot_img

क्‍या है स्‍वाइन फ्लू :
स्‍वाइन फ्लू नामक बीमारी तेजी से अपने पैर पसार रही है। हाल ही में, इस बीमारी ने भारत में भी दस्‍तक दे दी है। स्वाइन फ्लू का वायरस बहुत संक्रामक है। यह एक इनसान से दूसरे इनसान के बीच बहुत तेजी से फैलता है। इंफ्लूएंजा ए स्‍वाइन फ्लू वायरस के एक प्रकार ‘एच-1-एन-1‘ द्वारा संक्रमित व्‍यक्ति द्वारा दूसरे व्‍यक्ति को फैलता है।

स्‍वाइन फ्लू के लक्षण :-
स्वाइन फ्लू में 100 डिग्री से ज्यादा का बुखार आना आम बात है। साथ ही सांस लेने में तकलीफ, नाक से पानी बहना, भूख न लगना, गले में जलन और दर्द, सिरदर्द, जोड़ों में सूजन, उल्टी और डायरिया भी हो सकता है। स्वाइन फ्लू से डरने या घबराने की जरूरत नहीं है। क्‍योंकि यह लाइलाज बीमारी नहीं है। थोड़ी सी एहतियात बरतकर इस बीमारी पर काबू पाया जा सकता है।

घरेलु उपचार :
1. तुलसी :- तुलसी में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरस दोनों प्रकार के तत्वों के कारण यह सबसे लाभकारी जड़ी-बूटी मानी जाती है। यह किसी की भी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा सकती है। इसलिए ऐसा तो नहीं कहा जा सकता कि यह स्वाइन फ्लू को बिल्कुल ठीक कर देगी, लेकिन ‘एच1एन1’ वायरस से लड़ने में निश्चित रूप से सहायक हो सकती है। तुलसी से लाभ पाने का सबसे आसान तरीका है कि हर रोज इसकी पांच अच्छी तरह से धुली हुई पत्तियों का इस्तेमाल करें।

2. कपूर :- स्‍वाइन फ्लू से बचाव के लिए कपूर का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। वयस्क चाहें तो कपूर की गोली को पानी के साथ इस्तेमाल कर सकते हैं, वहीं बच्चों को इसका पाउडर आलू अथवा केले के साथ मिलाकर देना चाहिए। ले‍किन कपूर के सेवन के बारे में इस बात का ध्‍यान रखें कि कपूर का रोज नहीं लेना चाहिए। महीने में एक या दो बार ही इसका इस्‍तेमाल पर्याप्त है।

3. गिलोय :- गिलोय देश भर में बहुतायत में मिलने वाली एक दिव्‍य औषधि है। इसका काढ़ा बनाने के लिए इसकी एक फुट लंबी शाखा को लेकर तुलसी की पांच छह पत्तियों के साथ 10 से 15 मिनट तक उबालना चाहिए। ठंडा होने पर इसमें थोड़ी काली मिर्च, मिश्री, सेंधा नमक अथवा काला नमक मिलाएं। यह औषधि आपकी रोग प्रतिरोधक शक्ति को चमत्कारिक ढंग से बढ़ा देती है। साथ ही गिलोय हर तरह के बुखार में कारगर होता है। यदि यह पौधा आपको अपने आसपास नहीं मिलता है तो किसी आयुर्वेद की दुकान से भी आप इसे ले सकते हैं।

4. लहसुन :- लहसुन भी मौजूद एंटी-वॉयरल गुण रोग प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा करने में मदद करते है। इसके लिए आप लहसुन की दो कलियां रोज सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ लेना चाहिए। इससे रोग प्रतिरोधक शक्ति में इजाफा होता है।

ताज़ा खबर

आपकी बात- कांग्रेस के पास है सरकार में वापसी का प्लान?

अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से सरकार में वापसी करने के लिए कांग्रेस...

बहनों के जीवन में सामाजिक क्रांति का वाहक बनेगी “लाड़ली बहना योजना” – मुख्यमंत्री श्री चौहान

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज भोपाल के दुर्गा नगर में घर-घर जाकर पात्र...

कांग्रेस को हिन्दी पट्टी की चुनावी चुनौतियों से भी निपटना है

कर्नाटक विधानसभा के चुनाव परिणाम जन अपेक्षाओं के अनुरूप रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने...

संबंधित समाचार

 गुरुवार को किए जाने वाले इन उपाए से मिलेगा विशेष लाभ  

गुरुवार के दिन देवगुरु बृहस्पति के प्रतीक आम के पेड़ की निम्न प्रकार से...

कोरोना संक्रमण:सरकार के हित में है प्रभावितों का अस्पताल ना आना

कोरोना संक्रमण की स्थिति मध्यप्रदेश में भयावह है। इंफ्रास्ट्रक्चर का सौ प्रतिशत उपयोग हो...

शिशिर ऋतु में की दिनचर्या साल भर रख सकती है सेहतमंद, सावधानी भी जरुरी

शिशिर ऋतु प्रारंभ 21 दिसम्बर 2020 से हो रहा है। शीत...