पंचांग-09 नवम्बर 2017

कलियुगाब्द……………..5119
विक्रम संवत्……………2074
शक संवत्………………1939
मास…………………….अगहन
पक्ष……………………….कृष्ण
तिथी……………………..षष्ठी
दोप 04.41 पर्यंत पश्चात सप्तमी
रवि…………………दक्षिणायन
सूर्योदय……….06.36.26 पर
सूर्यास्त……….05.45.35 पर
तिथि स्वामी………..कार्तिकेय
नित्यदेवी…………महावज्रेश्वरी
नक्षत्र……………………पुनर्वसु
दोप 01.38 पर्यंत पश्चात पुष्य
योग………………………साध्य
प्रातः 08.54 पर्यंत पश्चात शुभ
करण……………………वणिज
दोप 04.41 पर्यंत पश्चात विष्टि
ऋतु……………………….शरद
दिन…………………….गुरुवार

🇬🇧 आंग्ल मतानुसार :-
09 नवम्बर सन 2017 ईस्वी ।

👁‍🗨 राहुकाल :-
दोपहर 01.32 से 02.55 तक ।

🚦 दिशाशूल :-
दक्षिणदिशा –
यदि आवश्यक हो तो दही या जीरा का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें।

☸ शुभ अंक……………..5
🔯 शुभ रंग…………….पीला

✡ चौघडिया :-
प्रात: 06.39 से 08.01 तक शुभ
प्रात: 10.47 से 12.10 तक चंचल
दोप. 12.10 से 01.32 तक लाभ
दोप. 01.32 से 02.55 तक अमृत
सायं 04.18 से 05.41 तक शुभ
सायं 05.41 से 07.18 तक अमृत
रात्रि 07.18 से 08.55 तक चंचल |

💮 आज का मंत्र :-
|| ॐ बृहस्पतये नमः ||

📢 सुभाषितम् :-
अष्टावक्र गीता – अष्टादश अध्याय :-
क्व धैर्यं क्व विवेकित्वं
क्व निरातंकतापि वा।
अनिर्वाच्यस्वभावस्य
निःस्वभावस्य योगिनः॥१८- ७९॥
अर्थात :- योगी को धैर्य कहाँ, विवेक कहाँ और निर्भयता भी कहाँ? उसका स्वभाव अनिर्वचनीय है और वह वस्तुतः स्वभाव रहित है॥७९॥

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