पंचांग-14 नवम्बर 2017

कलियुगाब्द…………….5119
विक्रम संवत्…………..2074
शक संवत्……………..1939
रवि………………..दक्षिणायन
मास……………………अगहन
पक्ष………………………कृष्ण
तिथी………………….एकादशी
दोप 12.35 पर्यंत पश्चात द्वादशी
तिथि स्वामी………………रूद्र
नित्यदेवी…………निलपताका
सूर्योदय……….06.39.16 पर
सूर्यास्त……….05.43.11 पर
नक्षत्र………….उत्तराफाल्गुनी
दोप 12.36 पर्यंत पश्चात हस्त
योग………………….विषकुम्भ
रात्रि 09.53 पर्यंत पश्चात कौलव
करण……………………..बालव
दोप 12.35 पर्यंत पश्चात कौलव
ऋतु………………………..शरद
दिन…………………..मंगलवार

🇬🇧 आंग्ल मतानुसार :-
14 नवम्बर सन 2017 ईस्वी |

☸ शुभ अंक…………..5
🔯 शुभ रंग………..काला

👁‍🗨 राहुकाल :
दोप 02.54 से 04.16 तक ।

🚦 दिशाशूल :-
उत्तरदिशा –
यदि आवश्यक हो तो गुड़ का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें।

चौघडिया :-
प्रात: 09.26 से 10.48 तक चंचल
प्रात: 10.48 से 12.10 तक लाभ
दोप. 12.10 से 01.32 तक अमृत
दोप. 02.54 से 04.16 तक शुभ
रात्रि 07.17 से 08.55 तक लाभ ।

🎶 आज का मंत्र :-
|| ॐ वीरभद्राय नमः ||

🎙 संस्कृत सुभाषितानि :-
अष्टावक्र गीता – अष्टादश अध्याय :-
निःस्नेहः पुत्रदारादौ
निष्कामो विषयेषु च।
निश्चिन्तः स्वशरीरेऽपि
निराशः शोभते बुधः॥१८- ८४॥
अर्थात :-
जो धीर पुरुष पुत्र-स्त्री आदि के प्रति आसक्ति से रहित होता है, विषय की उपलब्धि में उसकी प्रवृत्ति नहीं होती, अपने शरीर के लिए भी निश्चिन्त रहता है, सभी आशाओं से रहित होता है, वह सुशोभित होता है॥८४॥

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