सिक्किम के उत्तरी क्षेत्र में ल्होनक झील के ऊपर अचानक बादल फटने से लाचेन घाटी में स्थित तीस्ता नदी में आये उफान के कारण आस पास के क्षेत्र जलमग्न हो गये जिसकी चपेट में कुछ सैन्य प्रतिष्ठान आने से 23 सैनिकों के लापता होने की खबर है। सेना की ओर से बुधवार को यह जानकारी दी गयी।
सेना के अनुसार चंगथांग बांध से पानी छोड़े जाने के कारण भी जलस्तर 15 से 20 फुट बढ गया। इसके कारण निकट के सैन्य प्रतिष्ठानों में खड़े सैन्य वाहन पानी और कीचड़ की चपेट में आ गये। इन प्रतिष्ठानों में तैनात 23 सैन्यकर्मियों के लापता होने की खबर है। तलाशी अभियान जारी है।
दार्जिलिंग लोकसभा सदस्य राजू बिस्ता ने कहा, “मैंने प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से संपर्क किया है, उन्हें वर्तमान स्थिति के बारे में सूचित किया है और मैंने उनसे पूरे सिक्किम, दार्जिलिंग, कलिम्पोंग, जलपाईगुड़ी के लिए एक उच्च स्तरीय आपदा निगरानी और प्रतिक्रिया टीम गठित करने का अनुरोध किया है।” उन्होंने बताया कि उत्तरी सिक्किम में हिमानी ल्होनक झील में जलस्तर बढ़ने के कारण दार्जिलिंग, कलिम्पोंग, सिक्किम क्षेत्र में बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है।
श्री बिस्ता ने कहा, “मैं लोगों से अनुरोध करता हूं कि यदि संभव हो तो नदी से दूर रहें। जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए हाथ बढ़ाएं और जगह दें।” उन्होंने कहा कि वह कलिम्पोंग के जिलाधिकारी (डीएम), राष्ट्रीय जलविद्युत ऊर्जा निगम (एनएचपीसी) के अधिकारियों और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) टीमों के साथ लगातार संपर्क में हैं। आपदा के कारण कलिम्पोंग, दार्जिलिंग और सिक्किम के सीमावर्ती क्षेत्रों को जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग 10 बह गया है।
सांसद ने कहा, “मुझे एनडीआरएफ की एक टीम रास्ते में फंसने की सूचना मिली है क्योंकि सड़क पूरी तरह से बह गई है। एनडीआरएफ की तीन टीमें फिलहाल सिलीगुड़ी में मौसम साफ होने का इंतजार कर रही हैं, ताकि वे हेलीकॉप्टरों का उपयोग करके आवश्यक क्षेत्रों में तैनाती का प्रयास कर सकें।”
श्री बिस्ता ने कहा, “हम बचाव और राहत प्रयासों के समन्वय के लिए मिलकर काम करेंगे और साथ मिलकर इस आपदा पर काबू पा लेंगे। मैं व्यक्तिगत रूप से सभी स्थानों का दौरा और यथासंभव मदद करूंगा।”
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