नई दिल्ली, सर्वोच्च न्यायालय ने फिल्म ‘पद्मावती’ को सिनेमाघरों में दिखाए जाने से रोकने की मांग वाली याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी और इस फिल्म के मामले में दखल देने से इनकार कर दिया, लेकिन भाजपा के एक नेता इस फिल्म के निर्माता संजय लीला भंसाली को ‘देशद्रोही’ मानते हैं और उन्होंने सजा मिलते देखना चाहते हैं। दरअसल, भाजपा इस मुद्दे को गरमाए रखना चाहती है, क्योंकि अगले महीने गुजरात में चुनाव होना है और वोटों के ध्रुवीकरण में यह मुद्दा बहुत काम आएगा। संभव है, देश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी इस मुद्दे को खींचकर कर्नाटक चुनाव तक ले जाए।
भंसाली इससे पहले ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर ही ‘बाजीराव मस्तानी’ बना चुके हैं। विरोध उसका भी हुआ था, लेकिन थोड़ा कम। उस फिल्म में मस्तानी मुस्लिम समुदाय से थी और ‘पद्मावती’ का एक प्रमुख पात्र अलाउद्दीन खिलजी मुस्लिम समुदाय से है।
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि वह इस मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकता, क्योंकि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) अभी तक इसके प्रमाणन पर फैसला नहीं कर पाया है।
1 दिसंबर को रिलीज होने के लिए तैयार इस फिल्म में दीपिका पादुकोण राजपूत रानी पद्मावती का किरदार निभा रही हैं। इस फिल्म में शाहिद कपूर राजा रावल रतन सिंह और रणवीर सिंह आक्रमणकारी अलाउद्दीन खिलजी का किरदार निभा रहे हैं।
भाजपा व सीबीएफसी के सदस्य अर्जुन गुप्ता ने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह को एक पत्र लिखकर भंसाली को देशद्रोह के लिए तय सजा दिलाने का आग्रह किया है।
गुप्ता ने पत्र में लिखा, “राजपूत समुदाय ही नहीं, पूरा देश इसके खिलाफ खड़ा है। इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करने के अपने प्रयास के लिए उन्हें दंडित करने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में कोई भी फिल्म निर्माता इस प्रकार की परियोजनाओं के प्रति सावधान रहे।”
वहीं, अपनी फिल्म ‘पद्मावती’ को भंसाली ने राजपूत रानी पद्मावती के बलिदान, वीरता और प्रतिष्ठा के प्रति विनम्र श्रद्धांजलि बताया है। उन्होंने कहा कि यह फिल्म देखकर राजपूत समुदाय गर्व महसूस करेगा।
भंसाली ने कई बार स्पष्टीकरण दिया है कि फिल्म में ऐसा कोई ²श्य नहीं है, जो किसी की भावनाओं को चोट पहुंचाता हो। उन्होंने उन अफवाहों का खंडन किया है, जिनके मुताबिक रानी पद्मावती और अलाउद्दीन खिलजी के बीच प्रेम संबंधी दृश्य हैं।”
भाजपा सहित कुछ हिंदू संगठनों और राजनीतिक दलों का कहना है कि इस फिल्म के जरिए इतिहास को तोड़-मरोड़ पेश किया गया है, साथ ही पद्मावती का गलत तरीके से चित्रण किया गया है। वहीं, भंसाली ने इन आरोपों को खारिज किया है।
भाजपा नेता गुप्ता ने सीबीएफसी से इसे प्रमाणित न करने का आग्रह किया है।
वहीं, सीबीएफसी अध्यक्ष प्रसून जोशी ने कहा कि किसी का व्यक्तिगत दृष्टिकोण समूचे संगठन के दृष्टिकोण को प्रतिनिधित्व नहीं कर सकता।
जोशी ने आईएएनएस से कहा, “हम एक व्यक्ति व कलाकार के रूप में भंसाली का सम्मान करते हैं।”
हाल ही में एक भाजपा सांसद ने मर्यादा लांघते हुए कहा था कि ‘भंसाली को सिर्फ जूतों की भाषा समझ में आती है।’ इस फिल्म की जयपुर में शूटिंग बाधिक की गई थी और भंसाली के साथ धक्क-मुक्की की गई थी। इसके बाद शूटिंग महाराष्ट्र में पूरी की गई।