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आज का पञ्चांग

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कलियुगाब्द……………………….5121
विक्रम संवत्………………………2076
शक संवत्………………………..1941
मास………………………………अश्विन
पक्ष………………………………..शुक्ल
तिथी……………………………..पूर्णिमा
रात्रि 02.36 पर्यंत पश्चात प्रतिपदा
रवि……………………………दक्षिणायन
सूर्योदय……………प्रातः 06.22.49 पर
सूर्यास्त……………संध्या 06.03.29 पर
सूर्य राशि…………………………..कन्या
चन्द्र राशि……………………………मीन
नक्षत्र………………………उत्तराभाद्रपद
प्रातः 07.41 पर्यंत पश्चात रेवती
योग……………………………..व्याघात
दुसरे दिन प्रातः 04.36 पर्यंत पश्चात हर्षण
करण………………………………विष्टि
दोप 01.37 पर्यन्त पश्चात बव
ऋतु……………………………….शरद
दिन……………………………..रविवार

आंग्ल मतानुसार
13 अक्तूबर सन 2019 ईस्वी ।

⚜ *तिथि विशेष :*शरद पूर्णिमा :*
शरद पूर्णिमा, जिसे कोजागरी पूर्णिमा या रास पूर्णिमा भी कहते हैं । हिन्दू पंचांग के अनुसार आश्विन मास की पूर्णिमा को कहते हैं। ज्‍योतिष के अनुसार, पूरे साल में केवल इसी दिन चन्द्रमा सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है। इसी को कौमुदी व्रत भी कहते हैं। इसी दिन श्रीकृष्ण ने महारास रचाया था। मान्यता है इस रात्रि को चन्द्रमा की किरणों से अमृत झड़ता है। तभी इस दिन उत्तर भारत में खीर बनाकर रात भर चाँदनी में रखने का विधान है।

🔱 *व्रत कथा :*
एक साहुकार के दो पुत्रियाँ थी। दोनो पुत्रियाँ पुर्णिमा का व्रत रखती थी। परन्तु बडी पुत्री पूरा व्रत करती थी और छोटी पुत्री अधुरा व्रत करती थी। परिणाम यह हुआ कि छोटी पुत्री की सन्तान पैदा ही मर जाती थी। उसने पंडितो से इसका कारण पूछा तो उन्होने बताया की तुम पूर्णिमा का अधूरा व्रत करती थी जिसके कारण तुम्हारी सन्तान पैदा होते ही मर जाती है। पूर्णिमा का पुरा विधिपुर्वक करने से तुम्हारी सन्तान जीवित रह सकती है।
उसने पंडितों की सलाह पर पूर्णिमा का पूरा व्रत विधिपूर्वक किया। उसके लडका हुआ परन्तु शीघ्र ही मर गया। उसने लडके को पीढे पर लिटाकर ऊपर से पकडा ढक दिया। फिर बडी बहन को बुलाकर लाई और बैठने के लिए वही पीढा दे दिया। बडी बहन जब पीढे पर बैठने लगी जो उसका घाघरा बच्चे का छू गया। बच्चा घाघरा छुते ही रोने लगा। बडी बहन बोली-” तु मुझे कंलक लगाना चाहती थी। मेरे बैठने से यह मर जाता।“ तब छोटी बहन बोली, ” यह तो पहले से मरा हुआ था। तेरे ही भाग्य से यह जीवित हो गया है। तेरे पुण्य से ही यह जीवित हुआ है। “उसके बाद नगर में उसने पुर्णिमा का पूरा व्रत करने का ढिंढोरा पिटवा दिया।

☸ शुभ अंक………………….4
🔯 शुभ रंग…………………लाल

👁‍🗨 *राहुकाल :-*
संध्या 04.33 से 05.59 तक ।

🌞 *उदय लग्न मुहूर्त :-*
*कन्या*
04:35:05 06:45:27
*तुला*
06:45:27 09:00:22
*वृश्चिक*
09:00:22 11:16:32
*धनु*
11:16:32 13:22:11
*मकर*
13:22:11 15:09:20
*कुम्भ*
15:09:20 16:42:54
*मीन*
16:42:54 18:14:05
*मेष*
18:14:05 19:54:48
*वृषभ*
19:54:48 21:53:24
*मिथुन*
21:53:24 24:07:06
*कर्क*
24:07:06 26:23:16
*सिंह*
26:23:16 28:35:05

🚦 *दिशाशूल :-*
पश्चिमदिशा – यदि आवश्यक हो तो दलिया, घी या पान का सेवनकर यात्रा प्रारंभ करें।

✡ *चौघडिया :-*
प्रात: 07.51 से 09.18 तक चंचल
प्रात: 09.18 से 10.45 तक लाभ
प्रात: 10.45 से 12.12 तक अमृत
दोप. 01.38 से 03.05 तक शुभ
सायं 05.59 से 07.32 तक शुभ
रात्रि 07.32 से 09.05 तक अमृत
रात्रि 09.05 से 10.39 तक चंचल ।

📿 *आज का मंत्रः*
॥ ॐ माधवाय नमः ॥

 *संस्कृत सुभाषितानि :-*
यथा वायुं समाश्रित्य वर्तन्ते सर्वजन्तवः ।
तथा गृहस्थमाश्रित्य वर्तन्ते सर्व आश्रमाः ॥
अर्थात :-
जिस तरह सब जंतु वायु को आश्रित होते हैं, वैसे सब आश्रम गृहस्थ (आश्रम) पर आश्रित हैं ।

🍃 *आरोग्यं सलाह :-*
*ज़ख्मों और घावों के आयुर्वेदिक उपचार :-*

1. चन्दन की लेई घाव पर लगाने से भी घाव जल्दी ठीक हो जाते हैं।

2. कच्चे केले का रस घाव पर लगाने से भी घाव जल्दी ठीक हो जाते हैं।

3. लहसुन का रस और हल्दी तिल के तेल के साथ मिलाकर बनाये हुए मिश्रण से सूजन कम हो जाती है और घाव जल्दी भर जाते हैं।

4. तिल और नीम के पत्ते एरंडी के तेल के साथ भूनकर और हल्दी और कपूर के साथ पीसकर घरेलू मरहम बनाया जा सकता है। इस मरहम को घाव पर लगाने से घाव जल्दी भर जाते हैं।

5. नारियल के तेल में कपूर उबाल लें और इसेसूजी हुई जगह पर लगा लें। अगले दिन उसे गरम पानी से धो लें। इससे अंदरूनी चोट के कारण हुई सूजन कम हो जाती है।

⚜ *आज का राशिफल :-*

🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)
नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। कोई बड़ा काम करने का मन बनेगा। मेहनत का फल मिलेगा। मित्रों तथा संबंधियों की सहायता करने का अवसर प्राप्त होगा। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। अपेक्षित कार्य समय पर पूरे होंगे। विवाद से बचें। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। प्रमाद न करें।

🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
नजदीकी वातावरण सुखद रहेगा। भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। आत्मसम्मान बना रहेगा। दूसरे अधिक अपेक्षा करेंगे। दुष्टजनों से सावधान रहें। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। निवेश में सोच-समझकर हाथ डालें।

👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)
यात्रा लाभदायक रहेगी। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। कोई बड़ा कार्य होने से प्रसन्नता में वृद्धि होगी। भाग्य का साथ रहेगा। भेंट व उपहार की प्राप्ति संभव है। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड इत्यादि से मनोनुकूल लाभ होगा। पुराना रोग उभर सकता है।

🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
पुराना रोग परेशानी तथा बाधा का कारण बन सकता है। लापरवाही न करें। फालतू खर्च होगा। आर्थिक परेशानी रहेगी। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। नौकरी में समस्याएं रहेंगी। यात्रा यथासंभव टालें। जोखिम नहीं लें। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। आय बनी रहेगी।

🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
यात्रा लाभदायक रहेगी। व्यापार-व्यवसाय अच्‍छा चलेगा। नौकरी में उच्चाधिकारी की प्रसन्नता प्राप्त होगी। डूबी हुई रकम प्राप्त हो सकती है। आय में वृद्धि होगी। समय की अनुकूलता का लाभ लें। घर-परिवार की चिंता रहेगी। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा।

👩🏻‍🦰 *राशि फलादेश कन्या :-*
(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
नई योजना बनेगी। तत्काल लाभ नहीं मिलेगा। कार्यस्थल पर सुधार या परिवर्तन संभव है। लंबित कार्य पूर्ण होने के योग हैं। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। कारोबार में अनुकूलता रहेगी। निवेश शुभ फल देगा। शत्रुओं से सावधान रहें।

⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
राजकीय सहयोग से कार्य पूर्ण होंगे। व्यापार-व्यवसाय से लाभ होगा। नौकरी में चैन रहेगा। सहकर्मी साथ देंगे। किसी धार्मिक यात्रा का आयोजन हो सकता है। अध्यात्म में रुचि रहेगी। प्रसन्नता तथा उत्साह में वृद्धि होगी। आलस्य न करें।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
चोट व दुर्घटना से शारीरिक हानि संभव है। स्वास्थ्‍य का पाया कमजोर रहेगा। काम में मन नहीं लगेगा। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। कीमती वस्तुएं गुम हो सकती हैं। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। विवेक से कार्य करें। लाभ होगा।

🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)
कानूनी बाधा दूर होकर लाभ की स्थिति बनेगी। कारोबार में वृद्धि होगी। नए काम मिल सकते हैं। नौकरी में अधीनस्थ कर्मचारी सहयोग करेंगे। घर-बाहर प्रसन्नता तथा उत्साह बने रहेंगे। प्रेम-प्रसंग में उपहार आदि देना पड़ सकते हैं। जल्दबाजी न करें।

🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)
स्थायी संपत्ति में वृद्धि के योग हैं। कोई बड़ा सौदा बड़ा लाभ दे सकता है। प्रमाद न कर भरपूर प्रयास करें। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। धनलाभ सहज होगा। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। चिंता बनी रहेगी।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। मित्रों तथा परिवार के सदस्यों के साथ समय सुखमय व्यतीत होगा। शोध इत्यादि कार्यों में सफलता प्राप्त होगी। संगीत इत्यादि रचनात्मक कार्यों में रुचि बढ़ेगी। जोखिम न उठाएं। वाणी में संयम आवश्यक है।

*राशि फलादेश मीन :-*
(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
नौकरी में तनाव रहेगा। अपेक्षित कार्य समय पर पूरे नहीं हो पाएंगे। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। भावना में बहकर कोई निर्णय न लें। किसी नजदीकी व्यक्ति से संबंध बिगड़ सकते हैं। पुराना रोग उभर सकता है। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। आय होगी। धैर्य रखें।

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