Homeधर्मश्रावण मास में शिव को प्रसन्न करने के लिए पार्थिव शिवलिंग पूजा...

श्रावण मास में शिव को प्रसन्न करने के लिए पार्थिव शिवलिंग पूजा ही सर्वोपरि

Published on

spot_img
spot_img

श्रावण मास में जो पार्थिव शिवलिंग का निर्माण कर एकबार भी उसकी पूजा कर लेता है, वह दस हजार कल्प तक स्वर्ग में निवास करता है, शिवलिंग के अर्चन से मनुष्य को प्रजा, भूमि, विद्या, पुत्र, बान्धव, श्रेष्ठता, ज्ञान एवं मुक्ति सब कुछ प्राप्त हो जाता है | जो मनुष्य ‘शिव’ शब्द का उच्चारण कर शरीर छोड़ता है वह करोड़ों जन्मों के संचित पापों से छूटकर मुक्ति को प्राप्त हो जाता है |

दिनांक 21 जुलाई 2020

दिन – मंगलवार
विक्रम संवत – 2077 (गुजरात – 2076)
शक संवत – 1942
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – वर्षा
मास – श्रावण
पक्ष – शुक्ल
तिथि – प्रतिपदा रात्रि 09:24 तक तत्पश्चात द्वितीया
नक्षत्र – पुष्प रात्रि 08:30 तक तत्पश्चात अश्लेशा
योग – वज्र शाम 05:35 तक तत्पश्चात सिद्धि
राहुकाल – शाम 03:52 से शाम 05:31 तक
सूर्योदय – 06:09
सूर्यास्त – 19:20
दिशाशूल – उत्तर दिशा में
व्रत पर्व विवरण – अमावस्यांत श्रावण मासारम्भ, नक्तव्रतारम्भ, शिवपार्थेश्वर पूजन प्रारंभ, शिवपूजनारम्भ, मंगलागौरी पूजन । विशेष – प्रतिपदा को कूष्माण्ड(कुम्हड़ा, पेठा) न खाये, क्योंकि यह धन का नाश करने वाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34) । चतुर्मास के दिनों में ताँबे व काँसे के पात्रों का उपयोग न करके अन्य धातुओं के पात्रों का उपयोग करना चाहिए।(स्कन्द पुराण) चतुर्मास में पलाश के पत्तों की पत्तल पर भोजन करना पापनाशक ।

कलियुग में पार्थिव शिवलिंग पूजा ही सर्वोपरि है ।

कृते रत्नमयं लिंगं त्रेतायां हेमसंभवम्
द्वापरे पारदं श्रेष्ठं पार्थिवं तु कलौ युगे (शिवपुराण)
शिवपुराण के अनुसार पार्थिव शिवलिंग का पूजन सदा सम्पूर्ण मनोरथों को देनेवाला हैं तथा दुःख का तत्काल निवारण करनेवाला है |
पार्थिवप्रतिमापूजाविधानं ब्रूहि सत्तम ॥
येन पूजाविधानेन सर्वाभिष्टमवाप्यते ॥
अग्निपुराण के अनुसार
त्रिसन्ध्यं योर्च्चयेल्लिङ्गं कृत्वा विल्वेन पार्थिवम् ।
शतैकादशिकं यावत् कुलमुद्‌धृत्य नाकभाक् ।। ३२७.१५ ।। अग्निपुराण
जो मनुष्य प्रतिदिन तीनों समय पार्थिव लिङ्ग का निर्माण करके बिल्वपत्रों से उसका पूजन करता है, वह अपनी एक सौ ग्यारह पीढ़ियों का उद्धार करके स्वर्गलोक को प्राप्त होता है।
स्कंदपुराण के अनुसार
प्रणम्य च ततो भक्त्या स्नापयेन्मूलमंत्रतः॥
ॐहूं विश्वमूर्तये शिवाय नम॥
इति द्वादशाक्षरो मूलमंत्रः॥ ४१.१०२ ॥
“ॐ हूं विश्वमूर्तये शिवाय नमः” यह द्वादशाक्षर मूल मंत्र है। इससे शिवलिंग को स्नान कराना चाहिए।

श्रावण में रुद्राभिषेक करने का महत्व

“रुद्राभिषेकं कुर्वाणस्तत्रत्याक्षरसङ्ख्यया, प्रत्यक्षरं कोटिवर्षं रुद्रलोके महीयते। पञ्चामृतस्याभिषेकादमृत्वम् समश्नुते।। ”
श्रावण में रुद्राभिषेक करने वाला मनुष्य उसके पाठ की अक्षर-संख्या से एक-एक अक्षर के लिए करोड़-करोड़ वर्षों तक रुद्रलोक में प्रतिष्ठा प्राप्त करता है। पंचामृत का अभिषेक करने से मनुष्य अमरत्व प्राप्त करता है।
श्रावण मास में भूमि पर शयन
“केवलं भूमिशायी तु कैलासे वा समाप्नुयात” – स्कन्दपुराण
श्रावण मास में भूमि पर शयन करने से मनुष्य कैलाश में निवास प्राप्त करता है।

रुद्राभिषेक के विभिन्न पूजन के लाभ इस प्रकार हैं-

जल से अभिषेक करने पर वर्षा होती है। असाध्य रोगों को शांत करने के लिए कुशोदक से रुद्राभिषेक करें। भवन-वाहन के लिए दही से रुद्राभिषेक करें। लक्ष्मी प्राप्ति के लिए गन्ने के रस से रुद्राभिषेक करें। धनवृद्धि के लिए शहद एवं घी से अभिषेक करें। तीर्थ के जल से अभिषेक करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है। इत्र मिले जल से अभिषेक करने से बीमारी नष्ट होती है। रुद्राभिषेक से योग्य तथा विद्वान संतान की प्राप्ति होती है। पुत्र प्राप्ति के लिए दुग्ध से और यदि संतान उत्पन्न होकर मृत पैदा हो तो गोदुग्ध से रुद्राभिषेक करें। ज्वर की शांति हेतु शीतल जल/ गंगाजल से रुद्राभिषेक करें। सहस्रनाम मंत्रों का उच्चारण करते हुए घृत की धारा से रुद्राभिषेक करने पर वंश का विस्तार होता है। प्रमेह रोग की शांति भी दुग्धाभिषेक से हो जाती है। शकर मिले दूध से अभिषेक करने पर जड़बुद्धि वाला भी विद्वान हो जाता है।

सरसों के तेल से अभिषेक करने पर शत्रु पराजित होता है। शहद के द्वारा अभिषेक करने पर यक्ष्मा (तपेदिक) दूर हो जाती है। पातकों को नष्ट करने की कामना होने पर भी शहद से रुद्राभिषेक करें। गोदुग्ध से तथा शुद्ध घी द्वारा अभिषेक करने से आरोग्यता प्राप्त होती है।पुत्र की कामना वाले व्यक्ति शकर मिश्रित जल से अभिषेक करें। ऐसे तो अभिषेक साधारण रूप से जल से ही होता है।

विस्तृत पढ़ने के लिए देखे :- https://powergallery.in/news/dharm


ताज़ा खबर

बीस साल पहले बोया बीज बन गया है विशाल वाइब्रेंट वट वृक्ष: मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को यहां कहा कि बीस साल पहले एक बीज...

सलमान खान फिल्म्स ने अलीजेह की पहली फिल्म फर्रे का टीजर रिलीज किया

सलमान खान फिल्म्स ने अलीजेह की पहली फिल्म फर्रे का टीजर रिलीज कर दिया...

27 सितम्बर 1998 इंटरनेट सर्च इंजन गूगल की स्थापना हुई

भारतीय एवं विश्व इतिहास में 27 सितम्बर की प्रमुख घटनाएं इस प्रकार हैं:- 1290 -...

वहीदा रहमान को मिलेगा दादा साहब फाल्के पुरस्कार

बॉलीवुड की दिग्गज अभिनेत्री वहीदा रहमान को भारतीय सिनेमा जगत के सर्वोच्च सम्मान दादा...

संबंधित समाचार

यहां तथागत बुद्ध के साथ पूजे जाते है ब्रह्मा,विष्णु, महेश

भगवान बुद्ध का महा परिनिर्वाण स्थली कुशीनगर की पहचान यूं तो दुनिया भर में...

रामलला के भव्य प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के जरिये विहिप की देश को जोड़ने की तैयारी

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ  (आरएसएस) और विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) श्रीरामजन्मभूमि पर विराजमान रामलला का...

श्रद्धालुओं ब्रज के मन्दिरों के अभिषेक कार्यक्रम में बढ़चढ़ कर लिया भाग

जन्माष्टमी के पावन पर्र्व पर देश के कोने कोने से आए लाखों श्रद्धालुओं ने...