मकर संक्रांति :सूर्योपासना का पावन पुण्यदायी पर्व

मकर संक्रांति
मकर संक्रांति

संक्रांति का स्नान रोग, पाप और निर्धनता को हर लेता है ।

जो उत्तरायण पर्व के दिन स्नान नहीं कर पाता वह सात  जन्म तक रोगी और दरिद्र रहता है ऐसा शास्त्रों में कहा गया है ।

संक्रांति के दिन देवों को दिया गया हव्य (यज्ञ, हवन आदि में दी जाने वाली आहुति के द्रव्य ) और पितरों को दिया गया द्रव्य (पिंडदान आदि में दिया जानेवाला द्रव्य ) सूर्यदेव की करुणा-कृपा के द्वारा भविष्य के जन्मों में कई गुना करके तुम्हें लौटाया जाता है ।
संक्रांति के दिन किये हुए शुभ कर्म करोड़ों गुना फलदायी होते हैं ।

सुर्यापासना और सूर्यकिरणों का सेवन, सूर्यदेव का ध्यान विशेष लाभकारी है ।
 इस दिन तो सूर्यदेव के मूलमंत्र का जप करना बहुत हितकारी रहेगा, और दिन भर  करें तो अच्छा है ।

मंत्र   ॐ ह्रां ह्रीं स: सूर्याय नम: 

इस बार मकर संक्राति 15 जनवरी 2023 को है.

क्योंकि सूर्यदेव का मकर राशि में प्रवेश 14 जनवरी की रात 08: 43 मिनट पर होगा

उदयातिथि के अनुसार अगले दिन 15 जनवरी 2023 को मकर संक्राति मनाई जाएगी.

मकर संक्राति पर बन रहा खास संयोग

15 जनवरी को मकर संक्रांति का पुण्य काल रहेगा.जिसमें सूर्योदय से लेकर पूरे दिन दान पुण्य आदि किए जा सकेंगे.

इस दिन सूर्य, शनि और शुक्र मकर राशि में रहेंगे, जिससे त्रिग्रही योग बन रहा है.

साथ ही चित्रा नक्षत्र, शश योग सुकर्मा योग, वाशी योग, सुनफा योग और बालव करण योग बनेगा.

यह योग कई लोगों की किस्मत चमका देगा.

इन योगों में शुभ कार्य, दान, पुण्य, तीर्थ यात्रा, भागवत महापुराण करना किस्मत के बंद दरवाजे खोल

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