
सत्ता के सूत्रधार अफसर
राज्य में प्रशासनिक निजाम बदले जाने के बाद से गैर राज्य प्रशासनिक सेवा से आईएएस बने अधिकारियों के प्रति सीधी भर्ती वाले बड़े अधिकारियों का रवैया भी बदला है। बारह साल के अब तक के अपने मुख्यमंत्रित्व काल में शिवराज सिंह चौहान ने सबसे ज्यादा महत्व नॉन एसएएस अफसरों को दिया। एमए खान से लेकर राकेश श्रीवास्तव तक नॉन एसएएस का हर अधिकारी चौहान के कार्यकाल में सुविधाजनक स्थिति में रहा। इंदौर की कलेक्टरी से लेकर ट्राईफेक के एमडी के पद तक पर नॉन एसएएस वाले आईएएस अफसरों की धूम रही है। अरूण कुमार भट्ट रिटायरमेन्ट के बाद भी मुख्यमंत्री सचिवालय में पुनर्नियुक्ति पर काम कर रहे हैं। सुभाष जैन को उपभोक्ता फोरम में नियुक्ति मिली। वर्तमान में सीएम सचिवालय में प्रमुख सचिव के पद पर पदस्थ एसके मिश्रा सबसे ताकतवर अफसर माने जाते हैं।