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मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में चेहरा असरदार रहेगा या मुद्दा?

rahul gandhi V/S amit saha
rahul gandhi V/S amit saha

सोनल भारद्वाज

sonal Bhardwaj
मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में पंद्रह साल के बाद कांग्रेस ने सरकार में वापसी की थी। तमाम दावों और दवाबों के बावजूद राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकारें पांच साल पूरे करने जा रही हैं। मध्यप्रदेश में भाजपा ने कांग्रेस के विधायकों को तोड़कर सत्ता वापस हासिल की थी। राहुल गांधी को यह भरोसा है कि मध्यप्रदेश का वोटर इसका जवाब जरूर देगा। कांग्रेस बहुमत के साथ सरकार में वापस आएगी।

भारतीय जनता पार्टी के चाणक्य माने जाने वाले गृह मंत्री अमित शाह पिछले दिनों छत्तीसगढ़ राज्य के दौरे पर गए थे। वहां उन्होंने साफ तौर पर यह बात कही कि भारतीय जनता पार्टी ने वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। अमित शाह का बयान चौंकाने वाला इस लिए नहीं है क्योंकि पार्टी ने गुजरात विधानसभा का चुनाव जिस आक्रामकता से लड़ा था,वह भाजपा की वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी की ओर ही इशारा कर रहा था। अगले लोकसभा चुनाव की तैयारी कांग्रेस भी कर रही है। लेकिन,कांग्रेस का कोई भी नेता इस बात को खुलकर कह नहीं रहा। बस अकेले कमलनाथ ने ही कहा कि लोकसभा के अगले चुनाव में राहुल गांधी प्रधानमंत्री पद का चेहरा होंगे। दूसरी ओर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी अपनी भारत जोड़ो यात्रा के विश्राम के दौरान जब मध्यप्रदेश के इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा के साफ होने की बात कर रहे हैं तो वे भी अप्रत्यक्ष तौर 2024 के लोकसभा चुनाव की ओर ही इशारा कर रहे होते हैं। राहुल गांधी और अमित शाह के बयान में एक बात समान है। दोनों ही राजनेता अपनी विरोधी पार्टी वाले राज्य की कमजोरी उजागर करने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस के कथित ढाई-ढाई साल वाले फार्मूले से छत्तीसगढ़ को नुकसान हुआ या नहीं इसे छत्तीसगढ़िया बेहतर जानता है। छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व में ही विधानसभा चुनाव कांग्रेस लड़ेगी,यह पिछले साल ही साफ हो गया था। लेकिन,मध्यप्रदेश में भाजपा की ओर चुनाव का नेतृत्व कोई नया चेहरा करेगा यह अभी भी एक बड़ा सवाल बना हुआ है। इस बात में कोई संदेह नहीं है कि शिवराज सिंह चौहान से बेहतर कोई दूसरा चेहरा मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री के पद के लिए नहीं है। सत्ता विरोधी वोट विपक्ष को मिलने के खतरे के बाद भी पार्टी मध्यप्रदेश के बारे में निर्णय नहीं कर रही है। निर्णय सामने नहीं है इसका मतलब यह भी होता है कि पार्टी नेतृत्व परिवर्तन पर विचार भी नहीं कर रही है। अन्यथा गुजरात और उत्तराखंड की तरह मध्यप्रदेश में नया चेहरा सामने आ जाता। शिवराज सिंह चौहान की जनता से सीधे संवाद की जो शैली है वह किसी और नेता में देखने को नहीं मिलती। लोकसभा चुनाव से पहले जिन आठ राज्यों में विधानसभा के चुनाव होना है उनमें मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ भी शामिल है। राजस्थान में भी विधानसभा के चुनाव होना है। पिछले विधानसभा के चुनाव में इन तीनों राज्यों में कांग्रेस ने भाजपा से सत्ता छीनी थी। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में पंद्रह साल के बाद कांग्रेस ने सरकार में वापसी की थी। तमाम दावों और दवाबों के बावजूद राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकारें पांच साल पूरे करने जा रही हैं। मध्यप्रदेश में भाजपा ने कांग्रेस के विधायकों को तोड़कर सत्ता वापस हासिल की थी। राहुल गांधी को यह भरोसा है कि मध्यप्रदेश का वोटर इसका जवाब जरूर देगा। कांग्रेस बहुमत के साथ सरकार में वापस आएगी। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस कितना कमाल दिखा पाएगी यह अनुमान लगाने के लिए अभी और इंतजार करना होगा। पिछले लोकसभा चुनाव से पहले जिन 8 राज्यों में विधानसभा के चुनाव हुए और कांग्रेस 2019 के लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाई थी। ज्योतिरादित्य सिंधिया का गढ़ माने जाने वाले ग्वालियर-चंबल संभाग में भी कांग्रेस लोकसभा की एक भी सीट नहीं जीत पाई थी। पुलवामा इफेक्ट चुनाव पर हावी दिखाई दिया था। 2024 के लोकसभा चुनाव में भी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ही भाजपा का चेहरा रहेंगे। इसमें कोई विवाद और बदलाव की गुंजाइश भी नहीं है। मुद्दा राम मंदिर का दिखाई दे रहा है। गृह मंत्री अमित शाह घोषणा कर चुके हैं। कि अगले साल पहली जनवरी को राम मंदिर का लोकार्पण किया जाएगा। यह मुद्दा विधानसभा चुनाव वाले राज्यों में कसौटी पर हो सकता है? इसके साथ ही भाजपा का स्थानीय नेतृत्व और चुनावी चेहरा भी बेहद महत्वपूर्ण रहने वाला है। चेहरे के साथ-साथ चुनावी मुद्दा भी बेहद महत्वपूर्ण रहने वाला है। राजस्थान और छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकारों ने मुद्दे तय करना शुरू कर दिए हैं। पुरानी पेंशन योजना की बहाली इनमें से एक है। लोकसभा चुनाव की दृष्टि से देखा जाए तो मध्यप्रदेश का चुनावी मुद्दा 2024 के लोकसभा के चुनाव की दशा भी तय कर सकता है। मध्यप्रदेश हिन्दीभाषी राज्यों के केंद्र में है। यहां धर्म के आधार पर विभाजन और वोटों का ध्रुवीकरण बड़ी आसानी से देखने को मिलता है। खासकर निमाड-मालवा के इलाके में। महाकौशल,बुंदेलखंड और ग्वालियर-चंबल संभाग में उस तरह का विभाजन देखने को नहीं मिलता है। विंध्य के नतीजे कई बार चौंकाने वाले होते हैं। कमलनाथ ही मध्यप्रदेश में कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री का चेहरा हैं,इसमें कोई संदेह नहीं है। लेकिन,मैदानी स्तर पर उनकी टीम,रणनीति और मुद्दे दिखाई नहीं दे रहे। वैसे कमलनाथ की रणनीति पार्टी के परंपरागत वोटर को संभालने की रहती है। युवा वोटरों में कोई आकर्षण कांग्रेस पैदा नहीं कर पा रही  है। पिछले चुनाव में सिंधिया के कारण युवा कांग्रेस की ओर आ गए थे। पार्टी के दूसरे नेता कमलनाथ की चुनावी रणनीति के साथ कदमताल नहीं कर पा रहे हैं। प्रतिपक्ष के नेता डॉ.गोविंद सिंह के सीडी वाले बयान से सियासत गरम जरूर हुई है,लेकिन यह मुद्दा ज्यादा दिन टिकने वाला नहीं है। भाजपा भर इस मुद्दे को कमजोर करने की कोशिश लगातार कर रही है। लेकिन,कतिपय नेताओं के बयान आग में घी का काम कर रहे हैं। साध्वी प्रज्ञा सिंह का नेता प्रतिपक्ष के बारे में दिया गया बयान भी इनमें से एक है। साध्वी प्रज्ञा सिंह की पृष्ठभूमि ऐसी है,जिसमें विचारधारा से जुड़ा बड़ा वर्ग साथ खड़ा दिखाई देता है। लेकिन,राजनीतिक तौर पर उनके बयान पार्टी को नुकसान पहुंचाने वाले ही होते हैं। जिस तरह से पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के बयानों से शिवराज सिंह चौहान की सरकार संकट में फंसती है,उसी तरह प्रज्ञा सिंह के बयान भी रहते हैं। सामान्यत:सीडी का मामला सेक्स स्कैंडल से जुड़ा हुआ ही रहता है। इस तरह के मामले नेताओं की सार्वजनिक छवि को काफी नुकसान पहुंचाते हैं। लेकिन,दुर्भाग्य यह है कि इस तरह के मामलों में पर्दा डालने की कोशिश राजनीतिक दल और उसके नेता करते दिखाई देते हैं। नेताओं को एक-दूसरे पर आरोप लगाने के बजाए जनता के बीच मामले को उजागर करना चाहिए। इससे नेता अपने नैतिक आचरण को लेकर सजग और संजीदा रहेंगे।

मध्‍यप्रदेश में विकास नहीं धर्म जाति के मुद्दे पर चुनाव की आहट

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kamalnath-shivraj singh chouhan
उन्नीस माह की सरकार में कमलनाथ मुख्यमंत्री के तौर पर सफल रहे या असफल यह चर्चा किया जाना अब ज्यादा जरूरी नहीं है। जरूरी यह है कि कांग्रेस के पास अपने वोटर को बताने के लिए वे कौन सी उपलब्धियां हैं,जिनके आधार पर वह नया जनादेश मांगेगी? एक बात तो तय है कि किसानों की कर्ज मुक्ति को कांग्रेस एक बार फिर बड़ा चुनावी मुद्दा बनाने से पीछे नहीं हटेगी। यही वह मुद्दा था जिसके कारण पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने पंद्रह साल के बाद सरकार में वापसी की थी।

सोनल भारद्वाज
वर्ष 2023 के आते ही चुनाव की दृष्टि से जो राज्य ध्यान में आते हैं उनमें मध्यप्रदेश भी एक है। मध्यप्रदेश में विधानसभा के चुनाव कई मायनों में महत्वपूर्ण और दिलचस्प रहने वाले हैं। दिलचस्प इस मामले में हैं कि दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों के पास सरकार में रहते हुए किए गए विकास कार्यो की लंबी सूची है। अब तक राज्य की राजनीति पूरी तरह से दो दलीय व्यवस्था पर चल रही है। कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी। पिछले पांच साल के दौरान दोनों ही राजनीतिक दल सत्ता संभाल चुके हैं। राज्य की सत्ता में कांग्रेस सिर्फ उन्नीस माह ही सरकार में रही थी। कांग्रेस को जनादेश पांच साल के लिए मिला था। भले ही उसके पास स्पष्ट बहुमत नहीं था। लेकिन,वोटर ने उसे सबसे ज्यादा सीटें देकर सबसे बड़ी पार्टी बनाया था। मामूली बाहरी समर्थन से सरकार आराम से चल रही थी। लेकिन,ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थक विधायकों के दलबदल किए जाने के कारण रातों-रात भाजपा सबसे बड़ा राजनीतिक दल बन गई। बगैर किसी जनादेश के उसे सत्ता भी मिली। बाद में जनादेश हासिल कर पूरी तरह अपने पांव जमा लिए। उन्नीस माह की सरकार में कमलनाथ मुख्यमंत्री के तौर पर सफल रहे या असफल यह चर्चा किया जाना अब ज्यादा जरूरी नहीं है। जरूरी यह है कि कांग्रेस के पास अपने वोटर को बताने के लिए वे कौन सी उपलब्धियां हैं,जिनके आधार पर वह नया जनादेश मांगेगी? एक बात तो तय है कि किसानों की कर्ज मुक्ति को कांग्रेस एक बार फिर बड़ा चुनावी मुद्दा बनाने से पीछे नहीं हटेगी। यही वह मुद्दा था जिसके कारण पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने पंद्रह साल के बाद सरकार में वापसी की थी। कांग्रेस पूरे पांच साल सरकार में रहती तो शायद उन सभी किसानों की कर्ज माफी हो जाती जिनके ऊपर दो लाख रुपए तक का कर्ज है। कमलनाथ सरकार ने अपने दो साल से भी कम के कार्यकाल में किसानों का सात हजार करोड़ रुपए का कर्ज माफ किया था। यह बात शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार विधानसभा के भीतर भी स्वीकार कर चुकी है। भारतीय जनता पार्टी के पास किसानों की कर्ज माफी के मुद्दे का क्या कोई तोड़ है? फिलहाल तो भाजपा इस मुद्दे के पास भी फटकती नहीं दिख रही है। कर्ज अदा न करने के कारण जो किसान डिफाल्टर हो चुके हैं,उनकी बात जरूर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कर रहे हैं। डिफॉल्टर की ब्याज माफी और कर्ज मुक्ति में बड़ा अंतर है।
देश में हुए पिछले कुछ चुनावों में मुफ्त बिजली देने के वादे करते हुए भी राजनीतिक दल सामने आ रहे हैं। पंजाब में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी की जीत में बड़ा योगदान मुफ्त बिजली के वादे का माना जा रहा है। मध्यप्रदेश पर भी अरविंद केजरीवाल की नजर है। वे यहं भी मुफ्त बिजली की बात कर सकते हैं। गुजरात में भी उन्होंने तीन सौ यूनिट मुफ्त बिजली देने की बात कही थी,लेकिन वहां आम आदमी पार्टी दूसरा बड़ा राजनीतिक दल भी नहीं बन सकी। केजरीवाल पांच साल बाद कितने असरदार रहेंगे? कमलनाथ ने कांग्रेस की सरकार में सौ रुपए में सौ यूनिट बिजली देने की योजना शुरू की थी। शिवराज सिंह चौहान की सरकार में दो सौ रुपए में सौ यूनिट बिजली देना शुरू की गई। यह तय है कि विधानसभा चुनाव में बिजली भी बड़ा मुद्दा बनने जा रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रेबडी पॉलिटिक्स के खिलाफ हैं। यद्यपि केन्द्र सरकार ने मुफ्त खाद्यान्न की योजना को अगले एक साल के लिए और बढ़ा दिया। जाहिर है कि भाजपा हिन्दी पट्टी के राज्यों में मुफ्त राशन की योजना को बंद कर निचले तबके के वोटर की नाराजगी नहीं लेना चाहती। यह परंपरागत तौर पर कांग्रेस का वोटर रहा है। कांग्रेस ने गरीब की थाली को हमेशा ही चुनाव में मुद्दा बनाया है। वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव में गरीबी की थाली ने कांग्रेस की सत्ता में वापसी कराई थी। मध्यप्रदेश के अलावा राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी इसी साल चुनाव होना है। यहां की कांग्रेस सरकारें निचले तबके के वोटर को साधने के लिए कई योजनाएं पहले से ही चला रही है। मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार की कई हितग्राही मूलक योजनाएं चल रही हैं। पिछले विधानसभा चुनाव से पहले शुरू की गई संबल योजना का कोई खास लाभ नहीं मिला था। पिछले चुनाव में भाजपा की हार में अनुसूचित जाति और जनजाति के वोटर की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी। इस चुनाव में भाजपा का पूरा ध्यान आदिवासी वोटर पर है। अनुसूचित जाति वर्ग उसकी चिंता में शामिल नहीं है। प्रदेश भर में आदिवासी इलाकों में कई ऐसे धार्मिक आयोजन हो रहे हैं,जो कि देखने में गैर राजनीतिक लगते हैं लेकिन पीछे भाजपा नेताओं की सक्रिय भूमिका दिखाई देती है। भाजपा ने आदिवासियों के कई प्रतीक पिछले तीन साल में खड़े किए है। टंटया भील से लेकर शंकर शाह और रघुनाथ शाह तक के नाम पर कई आयोजन किए गए हैं। रानी कमलापति के जरिए गोंड आदिवासियों को साधने की कोशिश की गई है। लेकिन,वोटर में सकारात्मक बदलाव भाजपा को दिखाई नहीं दे रहा है। फिर भाजपा अपनी सरकार कैसे बचा पाएगी? यह बड़ा सवाल हर नेता के जहन में है। इन सवालों के जवाब तलाशने के लिए ही भाजपा में लगातार बैठकों का दौर चल रहा है। मुख्यमंत्री अपनी पार्टी के विधायकों से बात कर उन्हें क्षेत्र का फीडबैक दे रहे हैं। भाजपा इस बार अतिविश्वास में नहीं रहना चाहती। पिछली बार अतिविश्वास में रहने के कारण ही सत्ता हाथ से फिसल गई थी। पार्टी पूरे पांच साल विंध्य क्षेत्र पर ध्यान के्द्रिरत किए रही मगर ग्वालियर-चंबल हाथ से निकल गया। इस बार भाजपा के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ आए सैकड़ों कार्यकर्ताओं को भी साधना है। वे इस चुनाव में पार्टी के साथ रहे तो आगे निपटने में आसानी रहेगी। चुनाव के वक्त किसी भी तरह का दलबदल पार्टियों को नुकसान पहुंचाता है।
जिस तरह का राजनीतिक वातावरण धार्मिक आधार पर निर्मित किए जाने की कोशिश की जा रही है,वह लोकतंत्र के लिए भले ही घातक हो लेकिन,भाजपा के लिए लाभ पहुंचाने वाली होती है। पठान फिल्म में दीपिका पादुकोण की ड्रेस में यदि धर्म तलाश किया जाएगा तो यह आसानी से कहा जा सकता है कि चुनाव में विकास मुद्दा नहीं होगा। वैसे भी मध्यप्रदेश के हर जिले में इन दिनों फिजा धार्मिक आधार पर विभाजन की नजर आ रही है। कहीं मस्जिद का रास्ता विवाद का कारण बन रहा है तो कहीं मदरसे में पढ़ रहे हिन्दू बच्चे। आदिवासियों की घर वापसी के खबरें सुर्खियां बनी हुई हैं।
(लेखक आईएनएच न्यूज चैनल में पत्रकार एवं न्यूज एंकर हैं)

कैटरीना मां बनने वाली हैं पति विक्की के साथ अपना बेबी बंप फ्लॉन्ट किया !

कैटरीना कैफ की प्रेग्नेंसी की खबर अभी सुर्ख़ियों में बनी हुई है. हर पब्लिक अपियरेंस और एयरपोर्ट लुक पर सिर्फ उनकी प्रेग्नेंसी के चर्चे चलते रहते हैं. ऐसे में कैटरिना कैफ ने हाल ही में सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कुछ तस्वीरें साझा की है जिससे यह कन्फर्म हो गया कि वाह प्रेग्नेंट हैं और जल्द हि माँ बनने वाली हैं. इस पोस्ट में एक्ट्रेस पति के साथ अपना बेबी बंप फ्लॉन्ट किया है. जिसमें विक्की कैटरीना के साथ हैं और उनका बेबी बंप अपने हाथों में पकड़कर खड़े हुए हैं… 

क्रिसमस सेलिब्रेशन की फोटोज शेयर की

एक्ट्रेस कैटरिना कैफ ने हाल हि में सोशल मीडिया पर क्रिसमस की फोटोज शेयर की है. जिसमें जो दो फोटोज हैं एक फोटो में वो अपने पति, सास-ससुर, बहन और देवर के साथ खड़ी हुई हैं. और दूसरी फोटो में पोलरोइड फोटो में कैटरीना को विक्की पीछे से पकड़े हुए हैं और उनके साथ कैटरीना की बेली पर हैं. इस फोटो को अगर आप ज़ूम कर देखेंगे तो नजर आएगा कि कैटरीना का बेबी बंप नजर आ रहा है जिसे विक्की कौशल ने पकड़ा हुआ है

भारत जोड़ों यात्रा से छवि बदलने में कितने सफल रहे राहुल गांधी?

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सोनल भारद्वाज

सोनल भारद्वाज
राहुल गांधी अपने बारे में बनी धारणा को जनमानस में बदलने में काफी हद तक सफल रहे हैं। राहुल गांधी की पदयात्रा को सौ दिन से ज्यादा हो गए हैं। उनकी पदयात्रा राजस्थान से निकलकर हरियाणा में प्रवेश कर चुकी है। यात्रा के दौरान राहुल गांधी हर दिन नए उत्साह से भरे नजर आते हैं। गुजरात विधानसभा चुनाव और दिल्ली महानगर पालिका में कांग्रेस को मिली करारी शिकस्त की चिंता राहुल गांधी के चेहरे पर उभरकर नहीं आई।

अपवाद रूवरूप भी कोई ऐसा मामला याद नहीं आता जिसके चलते अपनी पदयात्रा के दौरान राहुल गांधी ने अपने घुर विरोधियों को आलोचना का अवसर दिया हो? इससे उलट कई मौकों पर विरोधियों के स्वर में राहुल गांधी को लेकर किया जाना वाला उपहास गायब दिखाई पड़ा। यद्यपि उनकी बढ़ती दाढ़ी को लेकर सोशल मीडिया पर टीका टिप्पणी जरूर देखने को मिल जाती है। पिछले दिनों सोशल मीडिया पर कई ऐसी पोस्ट सामने आईं जिनमें राहुल गांधी की बढ़ी हुई दाढ़ी वाली तस्वीर के साथ सद्दाम हुसैन की तस्वीर लगाई गई थी। ऐसी तुलनात्मक तस्वीर लगाने वालों का मकसद भी स्पष्ट है। यह मकसद वोटों के ध्रुवीकरण का ही होता है। ध्रुवीकरण भी धर्म और मजहब के आधार पर करने का। ऐसा करने वालों की छुपी हुई मंशा चिंता के रूप में अपने वोट बैंक को बचाने की दिखाई देती है। राहुल गांधी की पदयात्रा से उनकी मुख्य विरोधी पार्टी भाजपा को वोटों का नुकसान हो रहा है कि नहीं इस बारे में अभी कोई दावा किया जाना उचित नहीं है। लेकिन,यह दावा जरूर किया जा सकता है कि राहुल गांधी अपने बारे में बनी धारणा को जनमानस में बदलने में काफी हद तक सफल रहे हैं। राहुल गांधी की पदयात्रा को सौ दिन से ज्यादा हो गए हैं। उनकी पदयात्रा राजस्थान से निकलकर हरियाणा में प्रवेश कर चुकी है। यात्रा के दौरान राहुल गांधी हर दिन नए उत्साह से भरे नजर आते हैं। गुजरात विधानसभा चुनाव और दिल्ली महानगर पालिका में कांग्रेस को मिली करारी शिकस्त की चिंता राहुल गांधी के चेहरे पर उभरकर नहीं आई।
गुजरात के चुनाव में कांग्रेस को मिली पराजय को उसका प्रतिवद्ध वोटर हजम नहीं कर पा रहा। चुनाव परिणाम के बाद यह कहना गलत नहीं होगा कि कांग्रेस ने गुजरात में पूरी तरह वॉक ओवर दिया था। आम आदमी पार्टी ने भी कांग्रेस के इस रवैये का भरपूर फायदा उठाया है। गुजरात विधानसभा चुनाव में मिले वोटों के कारण ही आम आदमी पार्टी क्षेत्रीय से राष्ट्रीय राजनीतिक दल का तमगा हासिल करने में सफल रही है। जिस वक्त गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा के चुनाव परिणाम आए थे,तब राहुल गांधी राजस्थान में थे। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ही गुजरात चुनाव की जिम्मेदारी कांग्रेस आलाकमान की ओर से दी गई थी। राहुल गांधी ने व्यक्तिगत दिलचस्पी गुजरात चुनाव में नहीं ली थी। सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी भी उदासीन दिखीं। गुजरात के पिछले विधानसभा चुनाव के वक्त राहुल गांधी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। कांग्रेस की आक्रामक रणनीति के कारण भारतीय जनता पार्टी तीन अंकों में भी सीटें हासिल नहीं कर पाई थी। इस बार कांग्रेस से गुजरात में बेहतर करने की उम्मीद उसका वोटर लगाए हुए था। आम आदमी पार्टी की मौजूदगी कांग्रेस की बढ़त को रोकने के लिए ही मानी जा रही थी। देश में जितने भी क्षेत्रीय राजनीतिक दल दिखाई पड़ते हैं,सभी ने किसी न किसी रूप में कांग्रेस के वोट बैंक में ही सेंध लगाई है। कांग्रेस को भाजपा से ज्यादा खतरा क्षेत्रीय दलों से दिखाई पड़ता है। राहुल गांधी की भारत जोड़ों यात्रा क्षेत्रीय दलों से कांग्रेस का वोट बैंक वापस ला पाती है यह देखना दिलचस्प होगा। अंतत: हर राजनीतिक यात्रा का उद्देश्य अपने वोट बैंक को बढ़ाने का होता है।
राहुल गांधी या उनकी कांग्रेस पार्टी ने हिमाचल प्रदेश में वह गलती नहीं की जो मध्यप्रदेश और राजस्थान में विधानसभा का चुनाव जीतने के बाद की थी। हिमाचल प्रदेश में प्रतिभा सिंह के स्थान पर सुखविंदर सिंह सुक्खू के रूप में नए चेहरे को मौका दिया गया। अन्यथा वहां भी स्थिति मध्यप्रदेश अथवा राजस्थान जैसी हो सकती थी। सुक्खू के चयन में प्रियंका गांधी की भूमिका सामने आ रही है। प्रियंका गांधी ने हिमाचल प्रदेश में काफी आक्रामक चुनाव प्रचार किया था। इसका लाभ कांग्रेस को मिला। फिर सवाल यही खड़ा होता है कि गुजरात में कांग्रेस आक्रामक क्यों नहीं रही? क्या गांधी परिवार की कोई रणनीति थी?
राहुल गांधी की यात्रा हरियाणा में है। लेकिन,राजस्थान के सवाल जहां के तहां खड़े हुए हैं। हरियाणा में विधानसभा के चुनाव अभी दूर हैं। लोकसभा चुनाव के साथ ही हरियाणा के चुनाव होना है। पंजाब में कांग्रेस को आम आदमी पार्टी के कारण बड़ा नुकसान हुआ है। हरियाणा में भी नुकसान का खतरा है। राहुल गांधी की यात्रा का अंतिम पड़ाव कश्मीर है। कश्मीर में चुनाव का इंतजार लगातार किया जा रहा है। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से कश्मीर में कांग्रेस अपनी वापसी कर पाती है या नहीं यह अनुमान लगाना थोड़ा मुश्किल है। लेकिन,इस यात्रा के कारण भाजपा का चिंतित होना स्वभाविक है। भाजपा नेता भले ही राहुल गांधी की यात्रा को फ्लॉप शो प्रचारित करते रहे हैं लेकिन,मध्यप्रदेश के बाद राजस्थान में जो जन समर्थन उसे हासिल हुआ उसने चिंता में भी डाला है। रोज सोशल मीडिया पर राहुल गांधी अलग-अलग लोगों के साथ तस्वीरों में दिखाई पड़ रहे हैं। कभी भी वे कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं से बात करते दिखाई दे रहे हैं तो कहीं अलग-अलग जाति, धर्म के लोग राहुल गांधी के साथ अपनी तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा करते हैं। ये तस्वीर इस बात की ओर इशारा करती हैं कि राहुल गांधी ने वोटर के बीच अपनी पहुंच बढ़ाई और छवि को बदला है। कोरोना को लेकर जिस तरह केंद्र की सरकार सक्रिय हुई है,उसे भी कहीं न कहीं राहुल गांधी की भारत जोड़ों यात्रा से जोड़कर देखा जा रहा है। चीन के अलावा कई देशों में कोरोना काबू के बाहर है। देश में हालात अभी सामान्य हैं। सरकार का सचेत रहने और लोगों को सचेत करना स्वाभाविक है। देश के स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने राहुल गांधी से यात्रा रोकने की अपील कर इस गंभीर मसले की गंभीरता को खत्म कर दिया है। भाजपा सरकार की अपील पर राहुल गांधी अपनी यात्रा को बीच में नहीं छोड़ेगें। वे कह चुके हैं कि वे कश्मीर तक जाएंगे।

पीएमएवाय शहरी में म.प्र. को मिला बेस्ट परफार्मिंग स्टेट अवार्ड श्रेणी में दूसरा स्थान

मध्यप्रदेश को प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी में बेस्ट परफार्मिंग स्टेट अवार्ड श्रेणी में देश में दूसरा स्थान मिला है। इसके साथ ही “पीएमएवाय अवार्ड्स-2021 : 150 डेज चेलेंज’’ में मध्यप्रदेश को उत्कृष्ट प्रदर्शन के आधार पर कुल 8 श्रेणी में अवार्ड प्राप्त हुए हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को राजकोट (गुजरात) में इंडियन अर्बन हाउसिंग कॉनक्लेव में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह को बेस्ट परफार्मिंग स्टेट का अवार्ड प्रदान किया। इस दौरान केन्द्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी, म.प्र. के प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास श्री मनीष सिंह, आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास श्री भरत यादव और स्टेट मिशन डायरेक्टर श्री सतेन्द्र सिंह भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में प्रदेश को 8 अवार्ड मिलने पर नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री सिंह ने नागरिकों को बधाई दी है तथा विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों की सराहना की है। उन्होंने कहा है कि आगे भी इसी तरह मिल कर नगरीय विकास की हर योजना में प्रदेश को अव्वल बनाना है।

विशेष श्रेणी अवार्ड में मध्यप्रदेश बेस्ट स्टेट फॉर कन्वर्जेंस में गुजरात के साथ, बेस्ट स्टेट फॉर कंडक्टिंग आईईसी एक्टिविटी में झारखण्ड और अरुणाचल प्रदेश तथा बेस्ट परफार्मिंग एसएलटीसी में उत्तर प्रदेश तथा गुजरात के साथ सह विजेता बना है।

म्युनिसिपल अवार्ड (सिटी लेबल) में बेस्ट परफार्मिंग म्युनिसिपल अवार्ड नगरपालिक निगम देवास को द्वितीय स्थान, बेस्ट परफार्मिंग म्युनिसिपल कॉउंसिल में नगरपालिका परिषद गोहद जिला भिण्ड को द्वितीय और बेस्ट परफार्मिंग नगर पंचायत में नगर परिषद जोबट जिला अलीराजपुर को प्रथम स्थान मिला है। बेस्ट सीएलटीसी अवार्ड नगरपालिक निगम देवास, नगरपालिका परिषद गोहद और नगर परिषद जोबट को मिला है।

बिजली से जुड़ी किसानों की समस्याओं को हल करने शिविर लगाएँ : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि राज्य सरकार द्वारा किसानों के हित में सदैव महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। यह क्रम अभी भी जारी है। किसान मंच जैसे संगठनों से किसानों की वर्तमान समस्याओं की वास्तविक जानकारी भी प्राप्त होती है, जिससे किसानों से जुड़ी छोटी-बड़ी समस्याओं को त्वरित रूप से हल करने में मदद मिलती है। किसानों और अन्य उपभोक्ताओं के हित में राज्य सरकार ने इस दिशा में सजग और सक्रिय रह कर निरंतर कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्याप्त बिजली की आपूर्ति के लिए 24 हजार करोड़ रूपये की सब्सिडी प्रदान की गई है। शिविरों के माध्यम से विद्युत प्रदाय और विद्युत देयकों की त्रुटियों से जुड़ी शिकायतों का तत्काल समाधान किया जाए। रबी फसलों की बोवनी के वर्तमान समय में भी किसानों को बिना समस्या के आवश्यक विद्युत आपूर्ति की जाए।

मुख्यमंत्री आज मंत्रालय में किसान मंच के पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक में कृषक कल्याण से संबंधित प्राप्त सुझाव पर चर्चा कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने किसान मंच से प्राप्त सुझावों पर आवश्यक क्रियान्वयन के निर्देश दिए। बैठक के प्रारंभ में किसान मंच के सदस्यों ने मुख्यमंत्री श्री चौहान को उज्जैन में श्री महाकाल लोक के अनावरण के लिए बधाई दी।

मंडी कर्मचारी को निलंबित करने के निर्देश

मुख्यमंत्री ने किसान मंच द्वारा प्राप्त शिकायत पर गुना जिले के बीनागंज स्थित कृषि उपज मंडी समिति के सहायक उप निरीक्षक श्री बृजेश धाकड़ को निलंबित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने एक अन्य शिकायत पर नर्मदापुरम जिले के वनखेड़ी में विद्युत वितरण कम्पनी के कर्मचारी के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कर जेल भिजवाने के निर्देश दिए। इस शिकायत में कर्मचारी द्वारा अवैध रूप से रसीद बुक छपवा कर किसानों से राशि की वसूली करने का आरोप है। बैठक में कृषि, राजस्व, ऊर्जा, पशुपालन और सहकारिता विभाग से संबंधित सुझावों पर संबंधित विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने अब तक हुए कार्य और भविष्य में की जाने वाली कार्यवाही की जानकारी दी।

ऊर्जा विभाग

मुख्यमंत्री ने कहा किसानों को कृषि कार्य के लिए अधिकतम सुविधाएँ ऊर्जा विभाग की तरफ से दी जाएँ। रबी फसलों के लिए पर्याप्त विद्युत प्रदाय, ट्रांसफार्मर को ओवरलोड से बचाने, बिगड़े ट्रांसफार्मर ठीक करवाने विभागीय अमला मुस्तैदी से कार्य करता रहे। शिविर लगा कर समाधान की कार्यवाही की जाए।

राजस्व विभाग

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में राजस्व जागरूकता और त्रुटियों को ठीक करने का अभियान पूर्व में संचालित हुआ है। ऐसा अभियान फिर से चलाया जाएगा। अभियान की रूपरेखा तैयार की जा रही है। प्रदेश में नामातंरण और अन्य कार्यों को कम समय में पारदर्शी ढंग से किया जा रहा है। राजस्व विभाग और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री मनीष रस्तोगी ने बताया कि प्रदेश में राजस्व संबंधी कार्यों के तेजी से निपटारे की व्यवस्था की गई है। सायबर तहसील की अभिनव व्यवस्था की गई है। पायलट आधार पर दतिया और सीहोर से सायबर तहसील की शुरूआत हुई थी। अब इसका विस्तार करते हुए चार अन्य जिलों सागर, डिंडोरी, इंदौर और हरदा को इस व्यवस्था से जोड़ा गया है। भोपाल में पदस्थ सायबर तहसील के तहसीलदार को जिले से प्राप्त रिपोर्ट के बाद आवश्यक कार्यवाही हो जाती है। अविवादित प्रकरण में अविलंब कार्रवाई हो जाती है। इस व्यवस्था में किसान और राजस्व अधिकारी परस्पर एक दूसरे को नहीं जानते। फेसलेस सिस्टम विकसित किया गया है। अन्य जिलों में भी यह व्यवस्था लागू की जाएगी।

सायबर तहसील व्यवस्था से प्रभावित हुए किसान मंच के सदस्य

बैठक में सुशासन के अंतर्गत सायबर तहसील व्यवस्था द्वारा अविवादित नामांतरण प्रकरणों के पक्षकारों को तहसील कार्यालय में पेशियों पर स्वत: उपस्थित न होकर घर बैठे नामांतरण की सुविधा मिलने की पहल की सराहना की। उपस्थित किसान मंच के पदाधिकारियों ने इस व्यवस्था को किसानों के हित में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम बताया।

राज्य स्तर पर एफ.पी.ओ. के गठन और उन्हें बढ़ावा देने पर करेंगे फोकस

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में गठित एफ.पी.ओ. को भी आवश्यक सहयोग दिया जा रहा है। राज्य स्तर पर भी एफ.पी.ओ. के गठन और आवश्यक सहयोग देने पर फोकस करते हुए इसके लिए पृथक नीति बनाने पर विचार करेंगे । किसानों के लिए उनकी आवश्यकता के अनुसार खाद की व्यवस्था की गई है। प्रदेश में पर्याप्त खाद, उर्वरक और उसकी आपूर्ति की निरंतर समीक्षा की गई है। शिकायत और गड़बड़ियों पर नियंत्रण किया गया है। कुछ जिलों में समितियों द्वारा खाद वितरण की व्यवस्था की गई है। मार्कफेड द्वारा प्रतिदिन खाद की उपलब्धता के साथ वितरण पर ध्यान दिया जा रहा है।

महिला मंडी कर्मचारियों का पंजीयन होगा

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की सभी मंडियों में आने वाले अनाज और अन्य सामग्री की गुणवत्ता को देखने के लिए टेस्टिंग मशीनें स्थापित की जाएंगी। वर्तमान में प्रदेश की करीब एक तिहाई मंडियों में यह व्यवस्था की गई है। अनाज को बीनने और छानने का कार्य करने वाली बहनों को, हम्मालों की तरह लायसेंस देने अथवा उनका पंजीयन कर अलग श्रेणी प्रदान की जाएगी।

पशुपालन

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में लंपी वायरस का विस्तार नहीं होने दिया गया। राजस्थान में स्थिति जरूर गंभीर थी, लेकिन मध्यप्रदेश में स्थिति नियंत्रण के बाहर नहीं होने दी गई। इस कार्य में किसान और पशुपालकों ने भी जागरूक होकर सरकार के प्रयासों में पूरा सहयोग दिया। प्रदेश में लगभग 25 लाख पशु को रोग निरोधक टीके लगाए गए। राज्य सरकार देसी गाय के पालन पर अनुदान दे रही है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पशुपालकों और किसानों से संबंधित योजनाओं में बजट में वृद्धि कर अधिक संख्या में हितग्राहियों को लाभान्वित किया जाएगा।

मिलावट के विरूद्ध चलाएंगे अभियान

मुख्यमंत्री ने कहा कि दुग्ध पदार्थों में मिलावट करने वालों और इस कार्य को बढ़ावा देने वाले दोषियों के विरुद्ध सख्त अभियान चलाया जाएगा। बाजार में बिकने वाले मावे और पनीर की गुणवत्ता यदि संदिग्ध होती है तो खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग के साथ स्वास्थ्य विभाग द्वारा संयुक्त कार्रवाई की जाएगी।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कानून-व्यवस्था पर बुलाई आपात बैठक

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कानून-व्यवस्था की स्थिति पर मुख्यमंत्री निवास में सुबह आपात बैठक बुलाई। मुख्यमंत्री ने इंदौर, भोपाल, बैतूल और गुना में हुई घटनाओं पर अधिकारियों से वर्चुअली जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इंदौर में वैशाली ठक्कर द्वारा आत्म-हत्या के प्रकरण में दोषियों पर अब तक की गई कार्रवाई की जानकारी ली। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इसे घृणित और दर्दनाक बताया। उन्होंने दोषियों के विरूद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। बताया गया कि दोषियों के विरूद्ध इनाम घोषित किया गया है। साथ ही लुकआउट नोटिस जारी कर देश के सभी विमानतलों को सूचना दी गई है। दोषियों की तलाश में देश के अलग-अलग शहरों में टीमें रवाना की गई हैं।

मुख्यमंत्री ने इंदौर में एडीएम द्वारा दिव्यांग से दुर्व्यवहार को घोर आपत्तिजनक तथा दुर्भाग्यपूर्ण मानते हुए एडीएम श्री पवन जैन को तत्काल हटा कर भोपाल संबद्ध करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जन-सुनवाई में किसी के भी साथ दुर्व्यवहार आपत्तिजनक है। अधिकारियों का जन-सामान्य से संयम और धैर्य के साथ संवाद आवश्यक है। समस्याओं के समाधान में सकारात्मक रवैया होना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने बैतूल में बढ़ रही चोरियों पर कलेक्टर तथा पुलिस अधीक्षक से जानकारी ली। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने गश्त बढ़ाने के निर्देश देते हुए कहा कि जन-सामान्य में सुरक्षा का भाव बने रहना आवश्यक है। सामान्यजन यह अनुभव करें कि पुलिस हर कठिनाई में उनके साथ है। गुना में मनचले से परेशान होकर किशोरी द्वारा पढ़ाई छोड़ने की घटना के संबंध में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मनचलों के विरूद्ध अभियान चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बेटियों को भयमुक्त वातावरण देने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएँ। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बेटियों से जुड़ी इस प्रकार की घटनाओं में अतिरिक्त संवदेनशीलता आवश्यक है। पुलिस, बालिकाओं और उनके अभिभावकों से सतत् संवाद में रहे तथा परस्पर विश्वास के संबंध विकसित करें। मुख्यमंत्री ने भोपाल के न्यू मार्केट में हुई घटना की जानकारी भी लेकर सिटी बसों में सुरक्षित परिवहन सुनिश्चित करने आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए।

राशिफल :कर्क राशि वालों के घर में शुभ कार्य का दिन 

मेष राशि :- आज परिवार में किसी शुभ कार्यक्रम की रूपरेखा बनेगी। किसी व्यावसायिक कार्य के लिए यात्रा पर जा सकते हैं। विद्यार्थी अपना समय पढ़ाई में व्यतीत करेंगे। आप फिट रहेंगे। भाग्य का पूरा साथ मिलेगा। नौकरी में आपको कुछ सुनहरे अवसर प्राप्त होंगे। सामाजिक स्तर पर आपकी लोकप्रियता में वृद्धि होगी। गायत्री मंत्र का जाप करें, स्वास्थ्य बेहतर रहेगा। शुभ अंक – 7 और शुभ रंग – हरा है।

वृषभ राशि :- आज आप माता-पिता के साथ किसी धार्मिक स्थान पर जा सकते हैं। घर में किसी नए मेहमान के आने की संभावना है। आपका मन प्रसन्न रहेगा। जीवन-साथी के साथ तालमेल रहेगा। घर में किसी दोस्त के आने से खुशियों का माहौल रहेगा। लवमेट के लिए दिन बहुत अच्छा है। कोई बड़ा ऑफर पाकर आप पैसे कमा सकते हैं। आपको अपनी सभी समस्याओं का समाधान आसानी से मिल जाएगा। सूर्य देव को जल अर्पित करें, धन लाभ होगा। शुभ अंक – 8 और शुभ रंग – श्वेत है।

मिथुन राशि :- आज आर्थिक स्थिति अनुकूल बनी हुई है। हालाँकि, इसे स्थिर होने में कुछ और समय लग सकता है। किसी काम के चलते आपको यात्रा कार्यक्रम रद्द करना पड़ सकता है। आपको किसी के प्रति अपनी राय अपने तक ही रखनी चाहिए। घर में आपकी मदद से कई काम पूरे हो सकते हैं। तली-भुनी चीजें खाने से बचना चाहिए। इससे आपका स्वास्थ्य ठीक रहेगा। छोटे बच्चे को कलम उपहार में दें, आपकी सभी समस्याओं का समाधान होगा। शुभ अंक – 1 और शुभ रंग – स्लेटी है।

कर्क राशि :- आज आप अपनी ऊर्जा का उपयोग अच्छे कार्यों में कर सकते हैं। सरकारी कर्मचारियों को लाभ मिल सकता है। शैक्षणिक कार्यों में आपकी रुचि बढ़ सकती है। किसी काम में आपको अपने जीवन साथी का सहयोग मिल सकता है। घर का माहौल खुशनुमा रहेगा। घर में जल्द ही कोई शुभ कार्य होने के भी संकेत हैं। ऑफिस में काम समय पर पूरे होंगे। आप सभी की तालियों के पात्र होंगे। शिव चालीसा का पाठ करें, लाभ के अवसर प्राप्त होंगे। शुभ अंक – 6 और शुभ रंग – केसरी है।

सिंह राशि :- पारिवारिक परेशानी बढ़ सकती है अत्यधिक क्रोध के कारण आपके द्वारा किया गया कोई काम बिगड़ सकता है। आपको अपने गुस्से पर नियंत्रण रखने की जरूरत है। आपके दांपत्य जीवन में नई चेतना आ सकती है। सोच-समझकर निर्णय लेने से आपको सफलता मिल सकती है। कुल मिलाकर आपका दिन मिला-जुला रहेगा। पक्षियों को खिलाओ, तुम्हारे साथ सब अच्छा होगा। शुभ अंक – 4 और शुभ रंग – नीला है।

कन्या राशि :- आज आपका स्वास्थ्य सामान्य रहेगा। किसी अनजान व्यक्ति पर विश्वास करने से बचें, यह आपके लिए अच्छा रहेगा। जरूरतमंद मित्रों की ओर आप मदद का हाथ बढ़ा सकते हैं। आपकी आर्थिक स्थिति सामान्य रहेगी। विद्यार्थियों को अधिक मेहनत करने की जरूरत है। मेहनत का फल आपको अवश्य मिलेगा। पैसों को लेकर आपको थोड़ा सावधान रहना चाहिए। मंदिर में कुछ समय बिताएं, आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी। शुभ अंक – 8 और शुभ रंग – पीला है।

तुला राशि :- आज आपका दिन बेहतर रहेगा। जो लोग कपड़े के व्यवसाय से जुड़े हैं उन्हें उम्मीद से अधिक लाभ मिल सकता है। आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। ऑफिस में किसी सहकर्मी से आपकी दोस्ती हो सकती है। कला और साहित्य से जुड़े लोगों के लिए दिन शुभ रहेगा। आपको अपना हुनर ​​दिखाने के सुनहरे मौके मिलेंगे। भगवान गणेश जी को मोदक का भोग लगाएं, आपके साथ सब अच्छा होगा। शुभ अंक – 1 और शुभ रंग – गुलाबी है।

वृश्चिक राशि :- आज आपके मन में कई तरह के विचार आएंगे। आपका कोई जरूरी काम समय पर पूरा होगा। संतान पक्ष से कोई शुभ समाचार मिलेगा। घर में छोटी सी पार्टी का आयोजन करेंगे। घर का माहौल खुशनुमा रहेगा। आप कोई नया काम कर ने की सोच सकते हैं, जिससे आपको और धन लाभ के अवसर मिलेंगे। जरूरतमंद को भोजन कराएं, धन में वृद्धि अवश्य होगी। शुभ अंक – 4 और शुभ रंग – भूरा है। powergallery.in/news/india/अक्षय-तृतीया-पौराणिक-महा/34096/

धनु राशि :- आज आपका मन अध्यात्म की ओर अधिक झुक सकता है। आप किसी धार्मिक स्थान पर दर्शन के लिए जा सकते हैं। आप हर काम को धैर्य और समझदारी से पूरा करने का प्रयास कर सकते हैं। किसी से मदद मांगने में संकोच न करें, आज का दिन आपका है। आपके विचार से अधिकांश काम पूरे हो सकते हैं। आप कड़ी मेहनत करेंगे। बड़ों का आशीर्वाद लें, सभी कार्यों में सफलता मिलेगी। शुभ अंक – 2 और शुभ रंग – ग्रे है।

मकर राशि :- आज आपका दिन मिलाजुला रहेगा। आप किसी पुराने दोस्त से मिलने उसके घर जा सकते हैं। आपको शहर से बाहर यात्रा करने से बचना चाहिए। काम के अधिक बोझ के कारण आप थकान महसूस कर सकते हैं। आप बच्चों के साथ समय बिता सकते हैं। आप उन लोगों से जुड़ने की कोशिश करेंगे जिनसे आपको कुछ सीखने को मिल सकता है। सुबह-शाम मंदिर में घी के दीपक जलाएं, आप स्वस्थ महसूस करेंगे। शुभ अंक – 5 और शुभ रंग – महरून है।

कुम्भ राशि :- आज आपका दिन व्यस्त रह सकता है। लेन-देन के मामलों से आपको बचना चाहिए। आपको अनावश्यक विवादों से भी दूर रहने की कोशिश करनी चाहिए। आपको अपने जीवन-साथी का सहयोग मिल सकता है। अपनी निजी बातें दूसरों के साथ साझा करने से बचें। पिता से आर्थिक मदद मिल सकती है। आप बेहतर महसूस करेंगे । बहते जल में तिल प्रवाहित करें, परिस्थितियाँ आपके अनुकूल रहेंगी। शुभ अंक – 3 और शुभ रंग – आसमानी है।

मीन राशि :- आज आपके दिन की शुरुआत ताजगी के साथ होगी। आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। आर्थिक प्रगति के नए रास्ते खुलेंगे। इस राशि के छात्रों के लिए आज का दिन बेहतर है। शादीशुदा लोगों के दांपत्य जीवन में खुशियां आएंगी। आज ऑफिस में काम समय पर पूरे होंगे। नए कार्य में आपको लाभ होगा। सुबह उठकर धरती माता को प्रणाम करें, आपका दिन मंगलमय होगा। शुभ अंक – 9 और शुभ रंग – संतरी है।

अक्षय तृतीया पौराणिक महात्म्य एवं शीघ्र विवाह और धन प्राप्ति के लिए शुभ उपाय

प्रदेश कार्यालय में विराजे भगवान श्री गणेश
मुख्यमंत्री एवं प्रदेश अध्यक्ष ने की पूजा-अर्चना

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय पं.दीनदयाल परिसर के सामने स्थित नए कार्यालय परिसर में गणेश चतुर्थी के अवसर पर भगवान श्री गणेश की प्रतिमा स्थापित की गई।

मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान एवं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद श्री विष्णुदत्त शर्मा ने विधि विधान से पूजा-अर्चना के साथ भगवान गणेश जी की प्रतिमा स्थापित की।

पार्टी के नए कार्यालय परिसर में गणेश जी की प्रतिमा स्थापना के उपरांत आरती एवं प्रसाद वितरण किया गया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान एवं प्रदेश अध्यक्ष श्री विष्णुदत्त शर्मा ने प्रदेशवासियों एवं पार्टी कार्यकर्ताओं को गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भगवान गणेश सभी का मंगल करें

प्रदेशवासियों के जीवन में सुख समृद्धि लाएं।इस अवसर पर प्रदेश शासन के मंत्री श्री ब्रिजेन्द्र प्रताप सिंह, प्रदेश महामंत्री श्री भगवानदास सबनानी, श्री सरदेंदू तिवारी, प्रदेश कार्यालय मंत्री डॉ. राघवेन्द्र शर्मा, प्रदेश मीडिया प्रभारी श्री लोकेन्द्र पाराशर, किसान मोर्चा के अध्यक्ष श्री दर्शन सिंह चौधरी, पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष श्री नारायण सिंह कुशवाह,

प्रदेश प्रवक्ता सुश्री नेहा बग्गा,

सोशल मीडिया विभाग

के प्रदेश संयोजक श्री अभिषेक शर्मा, आईटी विभाग के

प्रदेश संयोजक श्री अमन शुक्ला, मध्यप्रदेश गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष श्री आशुतोष तिवारी, मध्यप्रदेश रोजगार एवं कौशल विकास बोर्ड के अध्यक्ष श्री शैलेन्द्र शर्मा, श्री किशन सूर्यवंशी,

श्री विकास विरानी, श्री विकास बोंद्रिया, श्री राहुल राजपूत, श्री सतीष विश्वकर्मा, श्री जगदीश यादव, श्री राजेन्द्र गुप्ता, श्री सुनील पाण्डे, श्री राजेश हिंगोरानी,

श्री लीलेन्द्र मारण, श्री अजय पाटीदार, श्री राकेश शर्मा, श्रीमती वंदना पटेल, श्री सुनील चौहान, श्री प्रयागराज रघुवंशी, श्री गीत धीर, श्रीमती ममता मीणा सहित कार्यालय परिवार के सदस्य उपस्थित रहे।

अक्षय तृतीया पौराणिक महात्म्य एवं शीघ्र विवाह और धन प्राप्ति के लिए शुभ उपाय

अक्षय तृतीया पौराणिक महात्म्य एवं शीघ्र विवाह और धन प्राप्ति के लिए शुभ उपाय

हिन्दुओ के प्रमुख त्योहार में से एक अक्षय तृतीया 3 मई मंगलवार के दिन मनाई जाएगी जानिए इस दिन विशेष की कुछ महत्वपुर्ण जानकारी।
वैशाख शुक्ल तृतीया को अक्षय तृतीया कहते हैं, यह सनातन धर्मियों का प्रधान त्यौहार है, इस दिन दिये हुए दान और किये हुए स्त्रान, होम, जप आदि सभी कर्मोंका फल अनन्त होता है – सभी अक्षय (जिसका क्षय या नाश ना हो) हो जाते हैं ; इसी से इसका नाम अक्षय हुआ है,
अक्षय तृतीया अभिजीत मुहुर्त
स्वयंसिद्ध साढे तीन मुहूर्त के रुप में अक्षय तृतीया का बहुत अधिक महत्व है। धर्म शास्त्रों में इस पुण्य शुभ पर्व की कथाओं के बारे में बहुत कुछ विस्तार पूर्वक कहा गया है. इनके अनुसार यह दिन सौभाग्य और संपन्नता का सूचक होता है. दशहरा, धनतेरस, देवउठान एकादशी की तरह अक्षय तृतीया को अभिजीत, अबूझ मुहुर्त या सर्वसिद्धि मुहूर्त भी कहा जाता है. क्योंकि इस दिन किसी भी शुभ कार्य करने हेतु पंचांग देखने की आवश्यकता नहीं पड़ती. अर्थात इस दिन किसी भी शुभ काम को करने के लिए आपको मुहूर्त निकलवाने की आवश्यकता नहीं होती. अक्षय अर्थात कभी कम ना होना वाला इसलिए मान्यता अनुसार इस दिन किए गए कार्यों में शुभता प्राप्त होती है. भविष्य में उसके शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं।
हिन्दू समुदाय के अतिरिक्त जैन धर्म के लोग भी इस तिथि को बहुत महत्व देते है। इस दिन बिना पंचांग या शुभ मुहूर्त देखे आप हर प्रकार के मांगलिक कार्य जैसे विवाह, सगाई, गृह प्रवेश, वस्त्र आभूषण आदि की खरीदारी, जमीन या वाहन खरीदना आदि को कर सकते है। पुराणों में इस दिन पितरों का तर्पण, पिंडदान या अन्य किसी भी तरह का दान अक्षय फल प्रदान करता है। इस दिन गंगा में स्नान करने से सभी पाप नष्ट हो जाते है। इतना ही नहीं इस दिन किये जाने वाला जप, तप, हवन, दान और पुण्य कार्य भी अक्षय हो जाते है।
आज के दिन सूर्य और चंद्रमा दोनों उच्च राशि मे होते है।अतः मन और आत्मा दोनों से बलवान रहते है,तो आज आप जो भी कार्य करते है वो मन और आत्मा से जुड़ा रहता है ऐसे में आज का किया पूजा पाठ और दान पुण्य बहुत महत्वपूर्ण और प्रभावी होते है।
इसी तिथि को नर – नारायण, परशुराम और हयग्रीव – अवतार हुए थे; इसलिये इस दिन उनकी जयन्ती मनायी जाती है तथा इसी दिन त्रेतायुग भी आरम्भ हुआ था, अतएव इसे मध्याह्न व्यापिनी ग्रहण करना चाहिये, परंतु परशुरामजी प्रदोष काल में प्रकट हुए थे; इसलिये यदि द्वितीया को मध्याह्न से पहले तृतीया आ जाये तो उस दिन अक्षयतृत्तीया, नर – नारायण जन्मोत्सव, परशुराम जन्मोत्सव और हयग्रीव जन्मोत्सव सब सम्पन्न की जा सकती हैं और यदि द्वितीया अधिक हो तो परशुराम – जन्मोत्सव दूसरे दिन होता है। यदि इस दिन गौरीव्रत भी हो तो ‘ गौरी विनायकोपेता ‘ के अनुसार गौरीपुत्र गणेश की तिथि चतुर्थी का सहयोग अधिक शुभ होता है। अक्षयतृत्तीया बड़ी पवित्र और महान् फल देने वाली तिथि है, इसलिये इस दिन सफलता की आशा से व्रतोत्सवादि के अतिरिक्त वस्त्र, शस्त्र और आभूषणादि बनवाये अथवा धारण किये जाते है तथा नवीन स्थान, संस्था एवं समाज वर्ष की तेजी – मंदी जानने के लिये इस दिन सब प्रकार के अन्न, वस्त्र आदि व्यावहारिक वस्तुओं और व्यक्तिविशेषों के नामों को तौलकर एक सुपूजित स्थान में रखते हैं और दूसरे दिन फिर तौलवर उनकी न्यूनाधिकता से भविष्य का शुभाशुभ मालूम करते हैं, अक्षयतृत्तीया में तृत्तीया तिथि, सोमवार और रोहिणी नक्षत्र ये तीनों हों तो बहुत श्रेष्ठ माना जाता है, किसान लोग उस दिन चन्द्रमाके अस्त होते समय रोहिणी का आगे जाना अच्छा और पीछे रहे जाना बुरा मानते हैं !
मेष सोना, पीतल।
वृष चांदी, स्टील।
मिथुन सोना, चांदी , पीतल।
कर्क चांदी, वस्त्र।
सिंह सोना, तांबा।
कन्या सोना, चांदी, पीतल।
तुला चांदी, इलेक्ट्रॉनिक्स, फर्नीचर।
वृश्चिक सोना, पीतल।
धनु सोना, पीतल, फ्रिज, वाटर कूलर।
मकर सोना, पीतल, चांदी, स्टील।
कुंभ सोना, चांदी, पीतल, स्टील, वाहन।
मीन सोना, पीतल, पूजन सामग्री व बर्तन।
ग्रहों से सम्बंधित दान:
सूर्य लाल चंदन, लाल वस्त्र, गेहूं, गुड़, स्वर्ण, माणिक्य, घी व केसर का दान सूर्योदय के समय करना लाभप्रद होता है।
चंद्रमा चांदी, चावल, सफेद चंदन, मोती, शंख, कर्पूर, दही, मिश्री आदि का दान संध्या के समय में फलदायी है।
मंगल स्वर्ण, गुड़, घी, लाल वस्त्र, कस्तूरी, केसर, मसूर की दाल, मूंगा, ताम्बे के बर्तन आदि का दान सूर्यास्त से पौन घंटे पूर्व करना चाहिए।
बुध कांसे का पात्र, मूंग, फल, पन्ना, स्वर्ण आदि का दान अपराह्न में करें।
गुरु चने की दाल, धार्मिक पुस्तकें, पुखराज, पीला वस्त्र, हल्दी, केसर, पीले फल आदि का दान संन्ध्या के समय करना चाहिए।
शुक्र चांदी, चावल, मिश्री, दूध, दही, इत्र, सफेद चंदन आदि का दान सूर्योदय के समय करना चाहिए।
शनि लोहा, उड़द की दाल, सरसों का तेल, काले वस्त्र, जूते व नीलम का दान दोपहर के समय करें।
राहु तिल, सरसों, सप्तधान्य, लोहे का चाकू व छलनी व छाजला, सीसा, कम्बल, नीला वस्त्र, गोमेद आदि का दान रात्रि समय करना चाहिए।
केतु लोहा, तिल, सप्तधान, तेल, दो रंगे या चितकबरे कम्बल या अन्य वस्त्र, शस्त्र, लहसुनिया व बहुमूल्य धातुओं में स्वर्ण का दान निशा काल में करना चाहिए।