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पावर गैलरी डेस्क

यादव मंत्रिमंडल का विस्तार , लगभग 28 मंत्री लेंगे शपथ

मध्यप्रदेश के नवगठित डॉ मोहन यादव मंत्रिमंडल का आज विस्तार होने वाला है, जिसमें लगभग 20 से 25 मंत्रियों के शपथ लेने की संभावना जताई जा रही है।

दोपहर को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह के लिए राजभवन में तैयारियां लगभग पूरी हो गई हैं।

इसके पहले कल मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कल दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं से इस संबंध में विचार विमर्श किया। वे कल देर रात दिल्ली से लौटे।

डॉ यादव ने मुख्यमंत्री के रूप में 13 दिसंबर को शपथ ग्रहण की थी। उनके साथ श्री जगदीश देवड़ा और श्री राजेंद्र शुक्ला ने भी उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की है। इसके बाद से ही राज्य में मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर अटकलें चल रही थीं।

राज्य विधानसभा में कुल 230 सीटों के मद्देनजर निर्धारित मापदंड के अनुरूप मंत्रियों की अधिकतम संख्या 35 हो सकती है, जिसमें मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री भी शामिल हैं। इस तरह वर्तमान में मंत्रिमंडल में 32 सीटें रिक्त हैं, लेकिन सामान्यत: रणनीतिक तौर पर मंत्रियों के कुछ पद रिक्त रखे जाते हैं। इस तरह मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान अधिकतम 32 मंत्री ही शामिल किए जा सकते हैं। माना जा रहा है कि आज 20 से 25 के बीच मंत्री शपथ ले सकते हैं।

सांसदी छोड़ने का मिल रहा है इनाम

लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर विधायक बने जिन चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह दी जा रही है वे राकेश सिंह,प्रहलाद पटेल तथा उदय प्रताप सिंह हैं। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी मंत्री बनाए गए है। मंत्रिमंडल में गोपाल भार्गव और जयंत मलैया जैसे वरिष्ठ सदस्यों को शामिल नहीं किया जा रहा है। मंत्रिमंडल के विस्तार में तीन स्तर पर चेहरे शामिल किए जा रहे हैं।  इसमें 18 कैबिनेट मंत्री बनाए जाएंगे। 6 स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री होंगे। चार राज्य मंत्री हैं। राज्य मंत्री बनाए जा रहे चारों चेहरे पहली बार के विधायक हैं। 

मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री के तौर पर सर्वश्री प्रहलाद पटेल,कैलाश विजयवर्गीय,प्रद्युमन सिंह तोमर,
तुलसी सिलावट,एदल सिंह कसाना,नारायण सिंह कुशवाहा,विजय शाह,राकेश सिंह,करण सिंह वर्मा ,संपतिया उईके,उदय प्रताप सिंह,निर्मला भूरिया,विश्वास सारंग,गोविंद सिंह राजपूत,इंदर सिंह परमार,नागर सिंह चौहान,चैतन्य कश्यप,राकेश शुक्ला को शामिल किया जा रहा है। राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार के तौर पर शामिल किए जाने वाले चेहरे कृष्णा गौर,धर्मेंद्र लोधी ,दिलीप जायसवाल ,गौतम टेटवाल,लेखन पटेल तथा नारायण पवार हैं। राज्य मंत्री के तौर पर राधा सिंह,प्रतिमा बागरी,दिलीप अहिरवार तथा नरेन्द्र शिवाजी पटेल को शपथ दिलाई जा सकती है। 

श्रीमद रामायण में ‘राजा दशरथ’ की भूमिका निभाकर बेहद खुश हैं आरव चौधरी

Aarav Chaudhary is very happy to play the role of 'King Dasharatha' in Shrimad Ramayana
Aarav Chaudhary is very happy to play the role of 'King Dasharatha' in Shrimad Ramayana

जानेमाने अभिनेता आरव चौधरी सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन पर प्रसारित होने वाले सीरियल श्रीमद रामायण में ‘ राजा दशरथ’ की भूमिका निभाकर बेहद खुश है।

सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन दर्शकों के लिए लेकर ‘श्रीमद रामायण’ लेकर आ रहा है, जिसका प्रीमियर 01 जनवरी, 2024 को होगा और यह हर सोमवार से शुक्रवार रात 09 बजे, सिर्फ सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन पर प्रसारित होगा। आरव चौधरी ने ‘श्रीमद रामायण’ में राजा दशरथ की भूमिका निभायी है। आरव चौधरी ने बताया,जब मुझे स्वास्तिक प्रोडक्शन ने श्रीमद रामायण में राजा दशरथ का किरदार निभाने के लिये अप्रोच किया तब मुझे लगा कि दशरथ की भूमिका में करने लायक कुछ नहीं होगा। मुझे महाभारत में भीष्म पितामह का किरदार निभाने का मौका मिला था। ‘महाभारत’ में शुरू के एपिसोड से लेकर अंतिम एपिसोड तक मेरी भूमिका रही है। उस हिसाब से देखा जाए तो दशरथ की भूमिका बहुत छोटी लग रही थी।

आरव चौधरी ने बताया,हम सभी लोग दशरथ के चरित्र से परिचित हैं और कैसे उन्हें श्री राम को वनवास भेजने के लिए मजबूर होना पड़ा था। जब मैंने श्रीमद रामायण की नैरेशन सुनी तो मुझे पता चला कि श्रीमद रामायण की शुरुआत ही राजा दशरथ के किरदार से होती है। फिर, उनका नाम दशरथ क्यों पड़ा और वह कितने बड़े योद्धा थे, कौन कौन सी लड़ाई उन्होंने लड़ीं? ये सब श्रीमद रामायण में दिखाया गया है। राज दशरथ की सारी कहानी श्रीमद रामायण में विस्तार के साथ दिखायी जायेगी। भारत के दो महाकाव्य हैं एक महाभारत और दूसरा रामायण। मैं भाग्यशाली हूं कि दस साल पहले मैंने महाभारत की थी और अब दस साल बाद मुझे स्वास्तिक प्रोडक्शन के साथ श्रीमद रामायण करने का मौका मिला है। श्रीमद रामायण मे काम कर बहुत अच्छा लग रहा है, बहत सुन्दर तरीके से श्रीमद रामायण की कहानी लिखी गयी है।

आरव चौधरी ने कहा, दर्शको ने महाभारत में मुझे भीष्म के लिए इतना प्यार दिया है।दुनिया भर के लोगों से मुझे संदेश मिलते हैं।मैं वादा कर सकता हूं कि आपको श्रीमद रामायण देखने में भी आनंद आएगा।श्रीमद रामायण को बेहद खूबसूरती से लिखा गया और फिल्माया गया है।मुझे राजा दशरथ के किरदार को करने में बहुत मजा आया है क्योंकि इस किरदार के साथ करने को बहुत कुछ है। श्रीमद रामायण के लिये हमसभी लोगों ने कड़ी मेहनत की है।श्रीमद रामायण में लोगों को बहुत कुछ नया देखने को मिलेगा, इसमें कई नई बातें हैं जो लोगों को जानने को मिलेंगी, इसे देखकर लोगों को भी मजा आएगा और उनका दिल भी खुश हो जाएगा।राजा दशरथ महान महाकाव्य रामायण में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं और श्रीमद रामायण शो राजा दशरथ के अनजाने तथ्यों पर प्रकाश डालेगा। मैं राजा दशरथ की भूमिका को निभाकर बेहद खुश हूं।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्रियों ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की

 मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को यहां अपने सहयोगी उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला और जगदीश देवड़ा के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की।

प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट में लिखा, “मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला और श्री जगदीश देवड़ा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की।”

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक्स पर लिखा, “देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री मोदी जी से आज नई दिल्ली में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सौजन्य भेंट की। प्रधानमंत्री जी से मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मध्यप्रदेश के विकास और जनहित से जुड़ी विभिन्न योजनाओं के संबंध में चर्चा कर उनका मार्गदर्शन प्राप्त किया।”

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दोनों उप मुख्यमंत्रियों के साथ भाजपा के अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह और केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से भी भेंट की।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कल शाम यहां मध्यप्रदेश भवन में राज्य के लोकसभा एवं राज्यसभा सांसदों से भेंट कर‌ जनहित से जुड़े कार्यों एवं प्रदेश के विकास से संबंधित महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की।

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पूर्व शिक्षा मंत्री राकेश धर त्रिपाठी को तीन साल की सजा

उत्तर प्रदेश में प्रयागराज की एक विशेष अदालत ने शुक्रवार को आय से अधिक संपत्ति मामले में पूर्व मंत्री राकेश धर त्रिपाठी को तीन साल की कैद औऱ दस लाख रूपए का जुर्माने की सजा सुनायी है। कोर्ट से पूर्व मंत्री को जमानत मिल गई है।


शासकीय अधिवक्ता गुलाब चंद्र अग्रहरि ने बताया कि एमपी/एमएलए की विशेष अदालत के न्यायाधीश डा. दिनेश चंद्र शुक्ल ने पूर्व मंत्री राकेश धर त्रिपाठी को दोषी करार देते हुए यह फैसला दिया कि अगर अर्थदंड की राशि जमा नहीं की गई तो छह माह का अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी पड़ेगी।


श्री अग्रहरि ने बताया कि विशेष अदालत ने 108 पन्नों के आदेश में पूर्व मंत्री के खिलाफ फैसला दिया है। सजा के बाद पूर्व मंत्री को जेल भेजने की तैयारी थी। वकीलों ने उनकी अधिक उम्र और खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया जिसके बाद एमपी एमएलए कोर्ट से पूर्व मंत्री को जमानत मिल गई।


उन्होंने बताया कि 18 जून 2013 को सतर्कता अधिष्ठान प्रयागराज परिक्षेत्र के निरीक्षक राम सुभग राम ने उनके खिलाफ मुट्ठीगंज थाने में आय से अधिक धन अर्जित करने का मुकदमा पंजीकृत कराया था। अभियुक्त या उनके आश्रितों की ज्ञात व वैध स्रोतों से कुल आय 49 लाख 49 हजार 928 रूपया होना दर्शाया और व्यय की राशि चेक अवधि में भरण पोषण पर दो करोड़ 67 लाख 80 हजार 605 रूपया खर्च किया गया। इसका संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं दिया गया जो भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 13(2) के अंतर्गत अपराध की श्रेणी में आता है।


गौरतलब है कि राकेश धर त्रिपाठी कभी बसपा के कद्दावर नेताओं में गिने जाते थे। बसपा प्रमुख के काफी करीबी माने जाने वाले त्रिपाठी की गिनती बड़े ब्राह्मण नेताओं में होती थी। वह 2007 के विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) छोड़कर बसपा में का दामन थामा और 2007 में हंडिया विधानसभा चुनाव लड़े जिसमें उन्हें विजयी हुए थे। उन्हें बसपा शासनकाल में उच्च शिक्षा मंत्री भी बनाया गया था। वर्ष 2012 विधानसभा चुनाव से पूर्व एक बार फिर पाला बदला था। टिकट नहीं मिलने पर वह प्रगतिशील मानव समाज पार्टी के उम्मीदवार बन गए थे। पार्टी ने तब उन्हें निष्कासित किया था। वर्ष 2014 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले वह फिर बसपा में आ गए और उन्हें भदोही से उम्मीदवार बनाया गया था लेकिन उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा।


राकेश धर त्रिपाठी ने 2022 का यूपी विधानसभा चुनाव अपना दल सोनेलाल के चुनाव चिन्ह पर प्रयागराज की प्रतापपुर सीट से चुनाव लड़ा था लेकिन उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा।

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मर्दानी 3 में काम करेंगी रानी मुखर्जी!

Rani Mukherjee will work in Mardaani 3!
Rani Mukherjee will work in Mardaani 3!

 बॉलीवुड की जानीमानी अभिनेत्री रानी मुखर्जी फिल्म मर्दानी में काम करती नजर आ सकती है।

रानी मुखर्जी की फिल्म मर्दानी वर्ष 2014 में प्रदर्शित हुयी। रानी मुखर्जी ने मर्दानी में एक सशक्त पुलिस अधिकारी शिवानी शिवाजी रॉय की भूमिका निभाकर लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया था। मर्दानी की सफलता के बाद वर्ष 2019 में मर्दानी 2 बनायी गयी। चर्चा है कि अब मर्दानी 3 बनायी जा रही है।

रानी मुखर्जी ने कहा, एक अभिनेत्री के रूप में मैं हमेशा मानती हूं कि हम कोई फिल्म इसलिए नहीं करना चाहते, क्योंकि वह अच्छी लगती है। हमें तब फिल्म करनी चाहिए जब स्क्रिप्ट अच्छी हो और जब हम ऐसी फिल्म बनाना चाहते हों जो बदलाव ला रही हो। यदि कहानी में वह दम नहीं है तो हम मर्दानी 3 नहीं बना सकते हैं। यह कुछ ऐसा होना चाहिए जिससे लोग आज जुड़ें, लड़कियों को यह सशक्त लगे। तभी हम मर्दानी 3 बना सकते हैं। इसे सिर्फ इसलिए नहीं करना चाहिए क्योंकि, यह रोमांचक लगता है।

रानी मुखर्जी ने बताया कि मर्दानी फ्रेंचाइज की फिल्म केवल दर्शकों के प्यार की वजह से आगे बढ़ रही है, क्योंकि महिला प्रधान फ्रेंचाइज फिल्म का चलना बहुत कठिन होता है। इसे आगे बढ़ाने के लिए दर्शकों का प्यार चाहिए। जहां तक मर्दानी 3 की बात है, तो मैं खुद वापस आना चाहती हूं। हर फिल्म को एक अच्छी कहानी की तलाश होती है। मर्दानी 3 फिल्म भी ऐसी है, जिसे बनाया जाना चाहिए। लेकिन बिना अच्छी स्क्रिप्ट के इसका तीसरा पार्ट बनाने का कोई मतलब नहीं है। ऐसे में हम अच्छी स्क्रिप्ट की तलाश में हैं। जैसी ही हमें अच्छी स्क्रिप्ट मिलेगी, हम मर्दानी 3 पर तुरंत काम शुरू कर देंगे।फ्रेंचाइज फिल्म हो या फिर दूसरी कोई नई फिल्म, हर फिल्म में आपका नाम जुड़ा होता है, आप उसमें होते हैं, तो आपसे दर्शकों की एक उम्मीद जुड़ जाती है। उन उम्मीदों पर आपको खरा उतरना होता है। कलाकार की जिम्मेदारी हर फिल्म की ओर बनती है।

22 दिसंबर को देश में पहली मालगाड़ी रूड़की से चलाई गई

भारत और विश्व के इतिहास में 22 दिसंबर की प्रमुख घटनाएं इस प्रकार हैं-

1241 लाहौर पर मंगोलों के प्रमुख बहादुर तैर हुलागु खान ने कब्ज़ा कर लिया।

1769 चीन-बर्मी युद्ध 1765-69) संघर्ष से समाप्त हुआ।

1843 गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर के पिता देवेंद्र नाथ टैगोर ब्रह्म समाज में शामिल हुए।

1851 देश में पहली मालगाड़ी रूड़की से चलाई गई।

1886 प्रथम राष्ट्रीय लेखाकार सोसायटी का गठन अमेरिका में हुआ।

1891 323 ब्रुसियन’ फोटोग्राफी द्वारा खोजा जाने वाला पहला उल्कापिंड बन गया।

1910 अमेरिका में पहली बार जारी हुआ डाक बचत पत्र।

1940 मानवेन्द्र नाथ राय ने रेडिकल डेमोक्रेटिक पार्टी की स्थापना की घोषणा की।

1941 – यूगोस्वाविया में मार्शल टीटो ने सेना की नयी बिग्रेड का गठन किया।

1947 इटली की संसद ने नया संविधान अंगीकार किया।

मेरिका ने नेवादा में परमाणु परीक्षण किया.

1972 निकारागुआ की राजधानी मानागुआ में आए 6.25 तीव्रता के भूकंप में 12 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई

1988 258 यात्रियों के साथ पैन एम का जंबो जेट स्कॉटिश सीमा के पास लॉकरबी शहर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

1989 डेनवर में माइनस 18 डिग्री फ़ारेनहाइट, कंसेस सिटी, मिसौरी में कॉन्सुला, डेनवर में -42 डिग्री फ़ारेनहाइट, स्कॉट्सब्रास्का -47 डिग्री फ़ारेनहाइट, हार्डिन मॉन्ट एफ़ और ब्लैक हिल्स साउथ डकोटा में -60 डिग्री फ़ारेनहाइट।

1997 हुसैन फराह एडिड ने सोमालिया की पूर्व जन्म की विवादित उपाधि को त्याग दिया।

2001 उत्तरी गठबंधन के बुरहानुद्दीन रब्बानी ने अफगानिस्तान में सत्ता हामिद करजई के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार को सौंप दी।

2006 – भारत और पाकिस्तानन ने स्थानीय निकाय के क्षेत्र में आपसी सहयोग के लिए एक संयुक्त कार्दल का गठन किया।

2007 – फ्रेंच गुआना के गौस अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किये गए यूरोप के एरियन रॉकेट ने अंतरिक्ष कक्षा में दो उपग्रह स्थापित किए।

2008 – सशस्त्र बलों के वेतन में विसंगतियों लिए गठित मंत्रियों के समूह ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को अपनी रिपोर्ट सौंपी।

2010 अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने समलैंगिकता से जुड़े एक कानून पर हस्ताक्षर कर सेना में समलैंगिकों के लिए रास्ता साफ कर दिया।

2011 प्रसिद्ध परमाणु भौतिक विज्ञानी पीके अयंगर का निधन।

2012 प्रधानमंत्री मारियो मोंटी के इस्तीफे के बाद इटली के राष्ट्रपति जियोर्जियो नेपोलिटानो ने संसद भंग कर दी।

2016 – दिल्ली के उप-राज्यपाल नजीब जंग ने अपना कार्यकाल पूरा होने से 18 महीने पहले त्यागपत्र दिया।

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प्रेस और पत्रिका रजिस्ट्रकीरण विधेयक लोकसभा में पारित

लोकसभा ने अखबार, पत्रिका आदि निकालने वाले लोगों के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया को सरल बनाने वाले ‘प्रेस और नियतकालिक पत्रिका रजिस्ट्रकीरण विधेयक 2023’ को गुरुवार को ध्वनिमत से पारित कर दिया। इस विधेयक को राज्यसभा मानसून सत्र में ही पारित कर चुकी है।

सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ने प्रेस और नियतकालिक पत्रिका रजिस्ट्रकीरण विधेयक 2023 पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि पंजीकरण के लिए लोगों को बार-बार चक्कर लगाने पड़ते थे और जिला अधिकारी की अनुमति का इंतजार करना पड़ता था लेकिन अब इसे आसान बना दिया गया है और जो बेवजह की बाधाएं इसमें थीं उन सभी कानूनों को हटा दिया गया है। अब ऑनलाइन घोषणा पत्र के माध्यम से अखबार निकालने के इच्छुक लोग आरएनआई का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद् मोदी के नेतृत्व में पिछले 10 वर्षों में पुराने संसद भवन हो या नया संसद भवन हो इनमें गुलामी की मानसिकता से बाहर निकल कर नए भारत के लिए नए कानून बनाने का जो शानदार काम हुआ है, इसके लिए वह प्रधानमंत्री को धन्यवाद देना चाहते हैं। अगर किसी पत्रिका या पत्र को दो साल तक नहीं चलाया जाता है तो उसे इसे कैंसिल किया जा सकता है। इसी तरह से यदि एक ही नाम से दो राज्यों में समाचार पत्र चल रहे हैं तो उनको एक ही जगह चलाने का आनएनआई आदेश दे सकता है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राज्य सरकारों को भी पत्रकारों की मदद करनी चाहिए। कोविड के समय पीड़ित परिजनों को पांच लाख रुपए की मदद दी गई थी। सरकार ने नयी व्यवस्था में पत्र-पत्रिकाओं के प्रकाशन को सालाना विवरण अपने घर से ही ऑन लाइन कराने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।

श्री ठाकुर ने कहा कि यह मूल कानून 1867 का है और उस समय 1867 में भारत गुलाम था और अंग्रेजों की मानसिकता थी कि प्रेस को भी कहीं न कहीं अपने हाथ में रखें। यहां तक कि उनके लिए पंजीकरण करना भी अपने आप में बहुत बड़ी चुनौती थी। प्रिंटिंग प्रेस लगाना या प्रकाशन करना, ये अपने आप में बहुत बड़ी बात थी। इसमें जिला मजिस्ट्रेट की बहुत बड़ी भूमिका होती थी और एक बड़ा जटिल तंत्र था। इसको 8 चरणों में किया जाता था। जिला मजिस्ट्रेट के पास पहले जाकर आप पंजीकरण का आवेदन दो फिर वहां फाइल को आगे बढाने में कई महीने लगते थे। उसके बाद उसको दिल्ली में भारत के समाचारपत्र पंजीकार के पास लेकर आओ, फिर उसके चक्कर काटो। इस काम के लिए लगभग आठ चरण पार करने पड़ते थे। नये कानून में अब दो-तीन साल नहीं लगेंगे बल्कि केवल दो महीने के अंदर आपको अपना समाचार पत्र हो या पत्रिका हो उसकी अनुमति मिल जाएगी। ये सरल और स्मार्ट भी है और समानांतर भी है।

उन्होंने कहा, “पहले जिला मजिस्ट्रेट के पास रजिस्टर करना पड़ता और फिर भारत के समाचारपत्र पंजीकार के पास करना पड़ता था। अब ऐसा नहीं है। अब जिला मजिस्ट्रेट के पास भी और आरएनआई के पास भी एक ही समय पर पंजीकरण किया जा सकेगा। यदि किसी आवेदन पर जिला मजिस्ट्रेट 60 दिन में जवाब नहीं देता है तो 60 दिन के बाद आरएनआई ही अनुमति दे देगा। इससे बहुत बड़ी सुविधा मिलने वाली है।”

उन्होंने कहा,“ हमने पिछले दो दिनों में भी देखा कि कैसे अंग्रेजों के समय के कानूनों और गुलामी की मानसिकता से मुक्ति दिलाने का काम किया गया। नए भारत के लिए नए कानून भी मिले और इस सदन ने सर्वसम्मति से उन विधेयकों को पारित भी किया। चाहे वो भारतीय न्याय संहिता हो या भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता हो, दूरसंचार विधेयक हो।”

श्री ठाकुर ने कहा कि ऐसे अन्य विधेयक जो अब अगले कई सैकड़ों वर्षों के लिए भारत के काम आएंगे। उसी दिशा में आज प्रेस एवं पत्र पंजीकरण विधेयक 2023 लाया गया है। इस विधेयक के माध्यम से गुलामी की मानसिकता से बाहर निकलकर नए भारत के लिए एक नया कानून लाने का कार्य किया जा रहा है।

श्री ठाकुर ने कहा, “मैं एक बात जरूर कहूंगा कि हमने राज्यों से भी मशविरा किया, अलग- अलग संस्थाओं से भी परामर्श किया और उसके बाद हम आपके बीच में ये विधेयक लेकर आए हैं। मैं इसमें एक-दो बातें पर जरूर प्रकाश डालना चाहता हूं। ‘इज ऑफ डूइंग बिजनेस’ इसको हर क्षेत्र में बल देने का काम मोदी सरकार ने किया है। हजारों पुराने कानूनों को या ऐसे कानून जिनकी आवश्यकता नहीं थी उनसे भी मुक्ति दिलाने का काम हमने किया है।”

उन्होंने कहा,“ अधिकतर कानूनों में कारोबारी सुगमता और जीवन की सुगमता मिले ये मोदी सरकार की बड़ी प्राथमिकता रही है। इसलिए इस विधेयक में भी हमने जितने अपराध वाले प्रावधान थे हमने उसको गैरआपराधिक कर दिया है। और केवल एक ही ऐसा प्रावधान है जहां पर अगर किसी ने प्रिंटिंग प्रेस या प्रकाशन शुरू करने की अनुमति ना ली हो तो इसे बंद करने अथवा अनुमति लेने के लिए छह महीने का समय देने का प्रावधान किया गया है। अगर यह नहीं किया जाता है तब जाकर सजा हो सकती है।”

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श्रीमद रामायण में ‘रावण’ का किरदार निभाकर रोमांचित हैं निकितिन धीर

जानेमाने अभिनेता निकितिन धीर सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन पर प्रसारित होने वाले सीरियल श्रीमद रामायण में ‘रावण’ का किरदार निभाकर रोमांचित हैं।

सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन दर्शकों के लिए लेकर ‘श्रीमद रामायण’ लेकर आ रहा है, जिसका प्रीमियर 01 जनवरी, 2024 को होगा और यह हर सोमवार से शुक्रवार रात 9 बजे, सिर्फ सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन पर प्रसारित होगा।निकितिन धीर श्रीमद रामायण में ‘रावण’ का किरदार निभाकर रोमांचित हैं। निकितिन धीर ने कहा,मैं इस अवसर को पाकर बेहद सौभाग्यशाली महसूस कर रहा हूं क्योंकि मैंने इस तरह के जीवन से भी बड़े किरदार के लिए वर्षों तक इंतजार किया। ये जीवन में एक बार आने वाल मौका है।मैं थोड़ा घबराया हुआ हूं, लेकिन इससे मुझे बेहतर प्रदर्शन करने में मदद मिलती है और यह वह ईंधन है जिसकी मुझे इस बड़ी भूमिका के लिए जरूरत है।’रावण का किरदार निभाना मेरे लिये एक चुनौती और एक उत्साहजनक अवसर दोनों है।

निकितिन धीर ने कहा,रावण का किरदार निभाना मेरे लिए एक रोमांचक यात्रा रही है। चरित्र की जटिलता, उसकी कहानियां और प्रेरणाएं, मुझे मानवीय भावनाओं की गहराई का पता लगाने की अनुमति देती हैं, और आपके टेलीविजन स्क्रीन पर रावण को जीवंत करने में मुझे अधिक खुशी नहीं हो सकती।एक अभिनेता के तौर पर मैं रावण के व्यक्तित्व में उतरने, रावण द्वारा सामना की गई आंतरिक उथल-पुथल और संघर्षों पर प्रकाश डालने और हर बारीकियों में तीव्रता और प्रामाणिकता डालने के लिए उत्साहित हूं। यह सफर भावनाओं की एक बेमिसाल खोज का वादा करती है, और मैं दर्शकों को इस कालातीत महाकाव्य में प्रकट होने वाली भव्यता और नाटक को देखने के लिए शो के लॉन्च का बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं।

उन्होंने कहा,जब हम रामायण जैसी कहानी सुनाने जाते हैं, तब वो एक जिम्मेदारी बन जाती है. हमारी पूरी टीम को इस बात का एहसास है। यही वजह है कि सीरियल के लेखक और क्रिएटिव टीम हर दिन इस बात का ख्याल रखती है कि ऐसा कुछ न दिखाया जाए, जिससे किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचे. हम पूरे भक्ति भाव से ये कहानी बता रहे हैं।मेरे पापा पंकज धीर मेरे लिए बहुत खुश थे कि मुझे ये ऑफर मिला और मैं ये किरदार निभा रहा हूं।

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सरकार की कोई योजना बंद नहीं होगी : डॉ. यादव

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने आज कहा कि सरकार की लाड़ली लक्ष्मी से लेकर कोई भी योजना बंद नहीं होगी और सभी के लिए पर्याप्त धनराशि रखी गई है।


डॉ यादव विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर कृतज्ञता ज्ञापन प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब प्रस्तुत कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने विपक्ष के सदस्यों की आशंकाओं को खारिज करते हुए कहा कि सरकार की कोई योजना बंद नहीं होगी। इसे लेकर अनावश्यक डर है। लाड़ली लक्ष्मी से लेकर कोई भी योजना बंद नहीं होंगी। योजनाओं के लिए पर्याप्त धन राशि रखी गई है। नियत तारीखों पर लोगों के खाते में राशि डलती जा रही है।


इसके पहले उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि भाजपा का संकल्प पत्र हमारे लिए धर्मग्रंथ की तरह है। देश-प्रदेश और भारतीय सनातन संस्कृति का मान दुनिया में बढ़े, इसके लिए भी लगातार काम करना चाहिए।
धार्मिक नगरी उज्जैन के संदर्भ में उन्होंने कहा कि इतिहास में भाइयों की तीन जोड़ी प्रसिद्ध हैं, राम-लक्ष्मण, कृष्ण बलराम और विक्रमादित्य और भतृहरि। इसी क्रम में उन्होंने कहा कि विक्रमादित्य को शैक्षणिक पाठ्यक्रम से हटा दिया गया। रिसर्च सेंटर के माध्यम से इसका भी जवाब दिया गया है।


उन्होंने कहा कि लॉर्ड मैकाले की गल्तियों को केंद्र की कांग्रेस सरकार ने नहीं सुधारा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई शिक्षा नीति में शिक्षा को व्यक्तित्व विकास से जोड़ा। ये नीति शिक्षा के क्षेत्र में कई बंधनों को खत्म करेगी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पहली बैठक में फैसला किया कि हर जिले में एक कॉलेज ऑफ एक्सिलेंस खोला जाएगा। विद्यार्थियों के लिए डिजिलॉकर की सुविधा होगी। मध्यप्रदेश ऐसा करने वाला पहला राज्य बन गया है।
सनातन संस्कृति की महिमा प्रतिपादित करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में रामभक्तों का स्वागत किया जाएगा। तीर्थ दर्शन यात्रा के माध्यम से प्रदेश सरकार लोगों को अयोध्या पहुंचाएगी। प्रदेश में जहां जहां कृष्ण के पांव पड़े, सारे स्थान तीर्थ के तौर पर विकसित किए जाएंगे।


मुख्यमंत्री के जवाब के बाद धन्यवाद प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने सदन की कार्यसूची में शामिल सभी विषयों को पूर्ण करने के बाद कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी। इसके साथ ही चार दिवसीय सत्र संपन्न हो गया।

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महिला पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती को कहा अलविदा

भारतीय कुश्ती संध के चुनाव परिणाम सामने आने के बाद गुरुवार को महिला पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास ले लिया है।

पहलवान साक्षी मलिक ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, “हम 40 दिनों तक सड़कों पर सोए और देश के कई हिस्सों से बहुत सारे लोग हमारा समर्थन करने आए। अगर बृज भूषण शरण सिंह के बिजनेस पार्टनर और करीबी सहयोगी को कुश्ती संघ का अध्यक्ष चुना जाता है, तो मैं कुश्ती छोड़ती हूं। हमारा समर्थन करने वाले सभी लोगों को धन्यवाद। लड़ाई पूरे दिल से लड़ी। अगर अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह जैसा आदमी ही रहता है तो मैं अपनी कुश्ती को त्यागती हूं।”

संजय सिंह भारतीय कुश्ती संघ के नए अध्यक्ष निर्वाचित हुए हैं। संजय सिंह को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद और पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का करीब माना जाता है।

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